होशंगाबाद। बीते दिनों हरदा जिले को आपदाग्रस्त घोषित करने के बाद अब होशंगाबाद जिले में किसानों ने इस बात का विरोध करना शुरु कर दिया है. जिले की सिवनी मालवा तहसील में किसान कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री मुकेश पटेल के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने तहसील कार्यालय के मुख्य गेट पर शिवराज सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. नारेबाजी सुन मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा. जिसमें बताया गया है कि होशंगाबाद जिले में सोयाबीन, मक्का, उड़द और सभी खरीफ की फसल प्राकृतिक आपदा और बाढ़ के कारण 100 प्रतिशत नष्ट हो गई है. ऐसे में जिले को भी आपदाग्रस्त घोषित किया जाए.
ज्ञापन में बताया गया है कि जिले में सभी नदियां नर्मदा नदी से मिलती हैं. नर्मदा नदी में अत्यधिक बाढ़ आने से खेतों में पानी भरा रहा. जिससे सभी फसल नष्ट हो गई है. यही स्थिति हरदा जिले एवं सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में है, जहां सोयाबीन, मक्का, उड़द, मूंग की बोनी हुई थी, वहीं सभी फसल नष्ट हो गई है. ऐसी स्थिति में केवल हरदा जिले को ही पूर्ण आपदा घोषित किया गया है, जबकि होशंगाबाद जिला सहित पूरे प्रदेश को 100 प्रतिशत आपदा घोषित किया जाए. वहीं सभी किसानों को 40 हजार रूपये प्रति हेक्टर की दर से मुआवजा दिया जाए.
किसान कांग्रेस पदाधिकारियों ने बताया कि कृषि मंत्री संभाग के प्रभारी मंत्री भी हैं, लेकिन उन्होंने कोरोना काल में भी अपने जिले में विशेष छूट दे रखी थी. वहीं अब फसल ख़राब होने पर हरदा जिले को पूर्ण आपदा घोषित कर दिया गया. साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपने गृह जिले को पूर्ण आपदा घोषित कर दिया है. ऐसा लग रहा है, जैसे ये मंत्री सिर्फ इनके गृह जिले के हैं. इनको पूरे प्रदेश से कोई सरोकार नहीं है. किसान कांग्रेस प्रदेश महामंत्री ने चेतावनी दी की यदि तीन दिन के अंदर पूरे प्रदेश को 100 प्रतिशत आपदा प्रदेश घोषित नहीं किया गया तो गांव-गांव में आन्दोलन एवं धरना प्रदर्शन किया जावेगा.