होशंगाबाद। इटारसी के कृषि मंडी कर्मचारियों ने हड़ताल के दूसरे दिन मंडी का कामकाज बंद कर कृषि उपज मंडी गेट पर सरकार के खिलाफ प्रर्दशन किया. शुक्रवार को सभी कर्मचारियों ने गेट पर पहुंचकर मॉडल एक्ट के खिलाफ नारेबाजी की और इस एक्ट को वापस लेने की मांग उठाई.
प्रदेश भर में कृषि उपज मंडियों में लागू मॉडल एक्ट को लेकर कामकाज बंद है. मॉडल एक्ट के विरोध में अनाज व्यापारी, किसान, हम्माल, तुलावटी और कर्मचारी यूनियनों का संयुक्त संघर्ष मोर्चा 3 से 5 सितंबर तक कृषि उपज मंडी में काम बंद कर विरोध दर्ज कराया जा रहा है. सकल अनाज तिलहन व्यापारी महासंघ के आह्वान पर 3, 4 और 5 सितंबर को तीन दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है.
व्यापारियों का कहना है कि मांगों का निराकरण कराने के लिए मंडी बंद रखने का निर्णय लिया है. पूर्व में भी सभी संगठनों ने संयुक्त मोर्चा के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर तीन दिन काली पट्टी बांधकर विरोध किया था. 16 जुलाई को प्रदेश स्तर पर सामूहिक अवकाश लिया था.
बढ़ सकती है हड़ताल
तीन दिन कृषि उपज मंडियों में कोई काम नहीं होगा. कर्मचारी संगठन के संरक्षक और मंडी सचिव उमेश बसेडिय़ा का कहना है कि मॉडल एक्ट लागू होने से अब कर्मचारियों को वेतन भी निकालना मुश्किल हो जाएगा. सरकार कोई मांगें नहीं मान रहीं हैं, हड़ताल ही एकमात्र विकल्प है. गुरुवार से सभी कर्मचारी, हम्माल, तुलावटी, व्यापारी संघों के प्रतिनिधि किसान संघ के प्रतिनिधि कृषि उपज मंडी के गेट पर स्थित दुर्गा मंदिर में बैठकर सुंदरकांड का पाठ करेंगे. अभी तो यह तीन दिन की हड़ताल है, जिसे बढ़ा भी सकते हैं.