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बिजली विभाग बिना रिश्वत के नहीं करता कोई काम, हर गांव में मौजूद हैं एजेंटः भारतीय किसान संघ

भारतीय किसान संघ ने SDM डीएन सिंह और बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें अधिकारियों को बिजली खराब के बारे में अवगत कराया. किसान संघ के अधिकारियों ने कहा कि ट्रांसफार्मर खराब हो जाने पर किसानों से पैसे लिए बिना काम नहीं हो रहा है.जिससे किसानों में आक्रोश है. किसान संघ अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही इस परेशानी को दूर नहीं किया गया, तो वे आंदोलन करेंगे.जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

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बैठक
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Published : Aug 18, 2020, 12:21 AM IST

होशंगाबाद। सिवनी मालवा तहसील में भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को SDM डीएन सिंह और बिजली विभाग के साथ बैठक का आयोजन किया. तहसील कार्यालय में हुई बैठक में किसान संघ पदाधिकारियों का कहना था कि बिजली विभाग ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. अगर बिजली ट्रांसफार्मर खराब हो जाता है, तो किसान कई दिनों तक चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन ट्रांसफार्मर नहीं बदला जाता है. उन्होंने कहा कि कर्मचारी बिना पैसे लिए कोई काम नहीं करते हैं.

भारतीय किसान संघ

बिजली विभाग के अधिकारियों का हर गांव में एजेंट है, जो किसानों से पैसे का कलेक्शन करते हैं. सालों से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली का मेंटेनेंस नहीं किया गया है. सभी बिजली के खंभे पर पेड़ की बेला चढ़ रही है. लाइनमेन आता है और देखकर चला जाता है. लाइनमेन का कहना है कि उसे सफाई करने के पैसे नहीं मिलते हैं. यदि लाइन पर एक जंपर लगाना हो तो 2 से 3 घंटे लगते हैं. यदि पैसे मिल जाएं तो 10 मिनट में जंपर लगा दिया जाता है.

इन सब मामलों से किसान आक्रोश में हैं, यदि इस परेशानी को जल्द ही दूर नहीं किया गया तो किसानों का गुस्सा फूट पड़ेगा. किसान संघ पदाधिकारियों ने SDM से कहा कि उनके पास पैसे के लेन-देन के सबूत भी हैं, जो बिजली विभाग के एई को भी दिखाए थे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. यदि अब भी प्रशासन नहीं जागा तो प्रशासन आंदोलन के लिए तैयार रहे.

बिजली विभाग के डीई और अन्य अधिकारियों के नहीं आने से भारतीय किसान संघ पदाधिकारियों ने आक्रोश जाहिर किया और बैठक का बहिष्कार कर दिया. पदाधिकारियों ने कहा की वे 3 दिन का समय देते हैं, यदि बिजली का सही इंतजाम नहीं किया गया तो भारतीय किसान संघ उग्र आंदोलन करेगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

होशंगाबाद। सिवनी मालवा तहसील में भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को SDM डीएन सिंह और बिजली विभाग के साथ बैठक का आयोजन किया. तहसील कार्यालय में हुई बैठक में किसान संघ पदाधिकारियों का कहना था कि बिजली विभाग ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. अगर बिजली ट्रांसफार्मर खराब हो जाता है, तो किसान कई दिनों तक चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन ट्रांसफार्मर नहीं बदला जाता है. उन्होंने कहा कि कर्मचारी बिना पैसे लिए कोई काम नहीं करते हैं.

भारतीय किसान संघ

बिजली विभाग के अधिकारियों का हर गांव में एजेंट है, जो किसानों से पैसे का कलेक्शन करते हैं. सालों से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली का मेंटेनेंस नहीं किया गया है. सभी बिजली के खंभे पर पेड़ की बेला चढ़ रही है. लाइनमेन आता है और देखकर चला जाता है. लाइनमेन का कहना है कि उसे सफाई करने के पैसे नहीं मिलते हैं. यदि लाइन पर एक जंपर लगाना हो तो 2 से 3 घंटे लगते हैं. यदि पैसे मिल जाएं तो 10 मिनट में जंपर लगा दिया जाता है.

इन सब मामलों से किसान आक्रोश में हैं, यदि इस परेशानी को जल्द ही दूर नहीं किया गया तो किसानों का गुस्सा फूट पड़ेगा. किसान संघ पदाधिकारियों ने SDM से कहा कि उनके पास पैसे के लेन-देन के सबूत भी हैं, जो बिजली विभाग के एई को भी दिखाए थे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. यदि अब भी प्रशासन नहीं जागा तो प्रशासन आंदोलन के लिए तैयार रहे.

बिजली विभाग के डीई और अन्य अधिकारियों के नहीं आने से भारतीय किसान संघ पदाधिकारियों ने आक्रोश जाहिर किया और बैठक का बहिष्कार कर दिया. पदाधिकारियों ने कहा की वे 3 दिन का समय देते हैं, यदि बिजली का सही इंतजाम नहीं किया गया तो भारतीय किसान संघ उग्र आंदोलन करेगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

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