नर्मदापुरम। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) को पत्र लिखाकर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (Satpura Tiger Reserve) क्षेत्र के विस्थापित आदिवासियों की मांगों को पूरा करने की बात कही है. दिग्विजय सिंह ने एक वीडियो के माध्यम से कहा है की सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के एसटीआर क्षेत्र से आदिवासी परिवारों को विस्थापित किया गया था और मुआवजा देने की बात कही गई थी. अप्रैल से 200 आदिवासी लोग निभौरा नर्सरी में कड़ी धूप में धरने पर बैठे हैं, लेकिन अब तक कोई राजस्व, प्रशासनिक आमला आदिवासियों से मिलने नहीं पहुंचा है. भाजपा सांसद और विधायकों से मदद की उम्मीद भी नहीं की जा सकती.
शिवराज सरकार को दिया अल्टीमेट: दिग्विजय सिंह ने कहा कांग्रेस पार्टी आदिवासियों के हक की लड़ाई हमेशा से लड़ती आई है और आगे भी लड़ेगी. सीएम से उम्मीद है इनकी मांगों को पूरा करें, किये गए वादों को सही से निभाएं. दिग्विजय सिंह ने सरकार को अल्टीमेट देते हुए कहा कि यदि आदिवासियों को न्याय नहीं मिलेगा तो कांग्रेस आदिवासियों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेगी.
अधिकारियों पर धोखाधड़ी का आरोप: मामला होशंगाबाद जिले के बाबई तहसील के ग्राम रोरीघाट, माखन नगर, नयाखेड़ा, अंजनढाना, जामुनढोगा, नानकोट एवं विरजीखापा का है. यहां के आदिवासी परिवारों ने सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के अधिकारियों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत की है. आवेदकगणों ने बताया है कि सतपुड़ा टाईगर रिजर्व द्वारा सभी पांच ग्रामों को सूचित किये बिना बलपूर्वक विस्थापन किया गया है.
नहीं मिला उचित मुआवजा: ग्रामवासियों की मांग है कि विकल्प 02 के तहत उन्हें शासन की विस्थापन नीति अनुसार प्रत्येक परिवार को 2 हेक्टयर भूमि एवं 2 लाख पचास हजार रुपये नगद सहायता राशि दी जाए. वहीं, अधिकारियों ने 175 परिवारों में से 60 परिवारों में किसी को आधा एकड़ तो किसी को 1 एकड़ जमीन ही दी. उचित मुआवजा नहीं मिलने के चलते समस्त ग्रामवासी 28 अप्रैल से भीषण गर्मी में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठने को मजबूर हो गये.
शिवराज सरकार में प्रताड़ित हो रहे आदिवासी: दिग्विजय सिंह ने कहा हैरत की बात है कि अपनी जायज मांगों को लेकर सैकड़ों आदिवासी धरने पर बैठे हैं, लेकिन प्रशासन ने उनके प्रति बेहद असंवेदनशील रवैया अपनाया है. वन विभाग और राजस्व विभाग का कोई भी अधिकारी उनसे मिलने नहीं गया. आदिवासी वर्ग के प्रति उपेक्षा का यह रवैया साबित करता है कि शिवराज सरकार के राज में आदिवासी किस तरह से प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने सीएम से अनुरोध करते हुए कहा कि आदिवासी वर्ग के साथ हो रहे अन्याय को दृष्टिगत रखते हुए उनकी अधिग्रहित भूमि के बदले प्रत्येक परिवार को 2 हेक्टेयर भूमि एवं मकान बनाये जाने के लिए अनुदान देने के अधिकारियों को निर्देश दें.
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