होशंगाबाद। कोरोना वायरस के टेस्ट सैंपल की जांच अब होशंगाबाद में ही की सकेगी. इससे पहले मरीजों के सैंपल भोपाल एम्स भेजना पड़ता था. अब जिले को ही आत्मनिर्भर करने के लिए जिला स्तर पर जांच शुरू करने की तैयारी स्वास्थ्य विभाग कर रहा है. कोरोना टेस्टिंग मशीन होशंगाबाद जिले में दो जगह स्थापित की जाएगी. इसके लिए इटारसी और पिपरिया हॉस्पिटल का चयन किया गया है.
साथ ही संभाग के हरदा और बैतूल जिले में भी एक ही मशीन इंस्टॉल करने के निर्देश जारी किए गए हैं. जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीएमएचओ ऑफिस को आदेश जारी किये हैं. मशीन के इंस्टॉलेशन से पहले बायोसेफ्टी बनाने के निर्देश सीएमएचओ कार्यालय को दिए हैं. विभाग द्वारा इटारसी पिपरिया में बायोसेफ्टी केविनेट का निर्माण शुरू किया जा चुका है. जल्दी बायोसेफ्टी केविनेट बनते ही मशीन इंस्टॉल कर टेस्टिंग की जाने लगेगी.
फिलहाल कोरोना वायरस सैंपल को एम्स भोपाल भेजा जाता है. यहां से रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन लग जाते हैं. ऐसे में अब जिले में ही मशीन स्थापित होते ही जल्द ही रिपोर्ट मिल सकेगी. मशीन से एक दिन में 50 से अधिक जांच की जा सकेगी. जिसमें स्वास्थ्य विभाग को सैंपल भेजने में असुविधा का सामना ना करना पड़े. इटारसी में सबसे अधिक कोरोना वायरस के मरीज पाए जा रहे हैं. जिसके मद्देनजर इटारसी अस्पताल में टेस्टिंग मशीन लगाई जाएगी. वहीं होशंगाबाद से दूरस्थ पिपरिया के आसपास के क्षेत्रों की सैंपल की जांच लोकल स्तर पर ही की जा सकेगी.
कोरोना वायरस टेस्टिंग मशीन टीवी जांच में भी उपयोग की जाती है. कोरोना वायरस टेस्टिंग के दौरान टूनेट कैटीज चिप लगानी पड़ेगी जिसके बाद कोरोना कि आसानी से जांच हो सकेगी. देश में 2025 तक टीवी मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.
जिसमें टीवी मरीजों की जांच के लिए नई टेक्नॉलॉजी की हाईटेक यूनिट मशीन का उपयोग होना है. यह मशीन की खासियत यह है कि इसमें टीवी के साथ कोरोना की भी टेस्टिंग संभव है. इस मशीन में 200 से 250 सैंपल 1 दिन में जांचे जा सकते हैं. इस लिहाज से 24 घंटे में जिले भर में 500 सैंपल की जांच की जा सकती है, लेकिन फिलहाल 50 सैंपल ही टेस्ट किए जाएंगे.