ETV Bharat / state

64 लाख का मेला 10 लाख में जिला प्रशासन ने कराया संपन्न, 54 लाख की बचत पर सीएम ने की सराहना - पचमढ़ी में नागद्वारी

होशंगाबाद में प्रशासन ने 64 लाख रुपए बजट वाले नागद्वारी मेले को महज 10 लाख रुपए में संपन्न करवा दिया. इस बचत के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिला प्रशासन की सराहना की है.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिला प्रशासन की सराहना की
author img

By

Published : Aug 11, 2019, 10:05 AM IST

होशंगाबाद। प्रशासन ने सरकारी खर्चों में कटौती कर गुड गवर्नेंस की एक बड़ी मिसाल पेश की है. जिला प्रशासन ने नागद्वारी मेले में 54 लाख रुपए की बड़ी बचत की है क्योंकि मेले के लिए बजट करीब 64 लाख रूपये रखा गया था और पिछले 5 सालों में मेले पर 50 लाख रुपये से ज्यादा का खर्च होता आया है, लेकिन इस बार प्रशासन ने महज 10 लाख रुपये में मेला संपन्न करा दिया, जिसकी मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर सराहना की है.
सीएम ने ट्विटर पर लिखा, होशंगाबाद जिले में सरकारी नागद्वारी मेले के आयोजन में जिला प्रशासन ने वर्षों से हो रहे अनावश्यक व्यय पर रोक लगाकर, खर्च प्रबंधन से इस वर्ष लाखों की बचत कर गुड गवर्नेंस की मिसाल पेश की है.

होशंगाबाद में प्रशासन ने 64 लाख रुपए बजट वाले नागद्वारी मेले को महज 10 लाख रुपए में संपन्न करवा दिया
बता दें कि हर साल नाग पंचमी पर पचमढ़ी में नागद्वारी मेला लगता है. सतपुड़ा की पहाड़ियों में बेहद दुर्गम स्थान पर नागद्वार स्वामी का मंदिर है. मेले में महाराष्ट्र विदर्भ सहित अनेक जिलों से श्रद्धालु भोले शंकर के दर्शन पूजन के लिए इकट्ठा होते हैं. दस दिनों तक 15 से 20 किलोमीटर दुर्गम पहाड़ी मार्ग की पैदल यात्रा पूरी कर भक्त नागद्वार गुफा पहुंचते हैं, हर बार की तरह इस बार भी मेला प्रशासन ने मेले का आयोजन किया था, लेकिन इस बार खर्च में कटौती करते हुए 90 फीसदी से ज्यादा की बचत की है.90 फीसदी बचत के कारण
  • सरकार का लक्ष्य है फ़िज़ूलख़र्ची ,भ्रष्टाचार व गड़बड़ी को रोकना, जनता के एक-एक पैसे का सदुपयोग हो ,उस दिशा में किया यह कार्य प्रशंसनीय व दूसरों के लिये प्रेरक।
    प्रशासन की पूरी टीम को बधाई।
    2/2

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 10, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
जानकारी के मुताबिक इस बार मेले में चढ़ोत्तरी की नीलामी से 36 लाख रुपए, दुकान और स्टैंड की नीलामी से 6 लाख रुपये का लाभ हुआ. साथ ही मेले में कर्मचारियों अधिकारियों ने पर्सनल सरकारी गाड़ियों की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग किया. इस तरह पिछले साल की अपेक्षा करीब तीन लाख की बचत हुई. पिछले साल डीजल और यात्रा पर 3.8 लाख रुपये खर्च हुए थे. इस साल केवल 1.5 लाख में काम पूरा हो गया.

होशंगाबाद। प्रशासन ने सरकारी खर्चों में कटौती कर गुड गवर्नेंस की एक बड़ी मिसाल पेश की है. जिला प्रशासन ने नागद्वारी मेले में 54 लाख रुपए की बड़ी बचत की है क्योंकि मेले के लिए बजट करीब 64 लाख रूपये रखा गया था और पिछले 5 सालों में मेले पर 50 लाख रुपये से ज्यादा का खर्च होता आया है, लेकिन इस बार प्रशासन ने महज 10 लाख रुपये में मेला संपन्न करा दिया, जिसकी मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर सराहना की है.
सीएम ने ट्विटर पर लिखा, होशंगाबाद जिले में सरकारी नागद्वारी मेले के आयोजन में जिला प्रशासन ने वर्षों से हो रहे अनावश्यक व्यय पर रोक लगाकर, खर्च प्रबंधन से इस वर्ष लाखों की बचत कर गुड गवर्नेंस की मिसाल पेश की है.

होशंगाबाद में प्रशासन ने 64 लाख रुपए बजट वाले नागद्वारी मेले को महज 10 लाख रुपए में संपन्न करवा दिया
बता दें कि हर साल नाग पंचमी पर पचमढ़ी में नागद्वारी मेला लगता है. सतपुड़ा की पहाड़ियों में बेहद दुर्गम स्थान पर नागद्वार स्वामी का मंदिर है. मेले में महाराष्ट्र विदर्भ सहित अनेक जिलों से श्रद्धालु भोले शंकर के दर्शन पूजन के लिए इकट्ठा होते हैं. दस दिनों तक 15 से 20 किलोमीटर दुर्गम पहाड़ी मार्ग की पैदल यात्रा पूरी कर भक्त नागद्वार गुफा पहुंचते हैं, हर बार की तरह इस बार भी मेला प्रशासन ने मेले का आयोजन किया था, लेकिन इस बार खर्च में कटौती करते हुए 90 फीसदी से ज्यादा की बचत की है.90 फीसदी बचत के कारण
  • सरकार का लक्ष्य है फ़िज़ूलख़र्ची ,भ्रष्टाचार व गड़बड़ी को रोकना, जनता के एक-एक पैसे का सदुपयोग हो ,उस दिशा में किया यह कार्य प्रशंसनीय व दूसरों के लिये प्रेरक।
    प्रशासन की पूरी टीम को बधाई।
    2/2

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 10, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
जानकारी के मुताबिक इस बार मेले में चढ़ोत्तरी की नीलामी से 36 लाख रुपए, दुकान और स्टैंड की नीलामी से 6 लाख रुपये का लाभ हुआ. साथ ही मेले में कर्मचारियों अधिकारियों ने पर्सनल सरकारी गाड़ियों की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग किया. इस तरह पिछले साल की अपेक्षा करीब तीन लाख की बचत हुई. पिछले साल डीजल और यात्रा पर 3.8 लाख रुपये खर्च हुए थे. इस साल केवल 1.5 लाख में काम पूरा हो गया.
Intro:मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में प्रशासन ने सरकारी खर्चों में कटौती कर गुड गवर्नेंस की एक बड़ी मिसाल पेश की है। यहां प्रशासन ने 64 लाख रुपए में होने वाले नागद्वारी मेला 10 लाख रुपए में करवा दिया। मामले में प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने ट्वीट किया है। सीएम कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि होशंगाबाद जिले में सरकारी नागद्वारी मेले के आयोजन में जिला प्रशासन ने वर्षों से हो रहे अनावश्यक व्यय पर रोक लगाकर, खर्च प्रबंधन से इस वर्ष लाखों की बचत कर गुड गवर्नेंस की मिसाल पेश की है।

Body:आपको बता दें कि हर साल नाग पंचमी पर पचमढ़ी में नागद्वारी मेला लगता है। सतपुड़ा की पहाड़ियों में बेहद दुर्गम स्थान पर नागद्वार स्वामी का मंदिर है। मेले में महाराष्ट्र विदर्भ सहित अनेक जिलों से श्रद्धालु भोलेशंकर के दर्शन पूजन के लिए एकत्र होते हैं। 10 दिनों तक 15 से 20 किलोमीटर दुर्गम पहाड़ी मार्ग की पैदल यात्रा पूरी कर भक्त नागद्वार गुफा पहुंचते हैं। मेले से पूर्व हर साल बारिश शुरू हो जाती है  हर बार की तरह इस बार भी मेला प्रशासन द्वारा मेले का आयोजन किया गया। लेकिन इस बार खर्च ज्यादा ना करते हुए 90 फ़ीसदी से ज्यादा की बचत की गई।
Conclusion:- वह इस बार चढ़ोत्तरी की नीलामी 36 लाख रुपए, दुकान और स्टैंड की नीलामी 6 लाख रुपये का लाभ हुआ। साथ ही मेले में कर्मचारियों अधिकारियों ने पर्सनल सरकारी गाड़ियों का उपयोग ना कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट से ट्रैवल किया। इस तरह पिछले साल की अपेक्षा प्रशासन के करीब 3 लाख की बचत हुई। पिछले साल डीजल और ट्रैवल पर 3.80 लाख खर्च हुए थे इस साल केवल 1 लाख 50 हजार मैं काम पूरा हो गया।
बाइट- शीलेन्द्र सिंह-डीएम,होशंगाबाद।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.