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रात के वक्त खेतों में पहुंचा केंद्रीय दल, मोबाइल की टार्च के सहारे हुआ फसलों का निरीक्षण - Central agricultural team

होशंगाबाद जिले की सिवनी मालवा तहसील में बुधवार को खराब फसलों को देखने के लिए केंद्रीय कृषि दल की टीम फसलों का जायजा लेने पहुंची. लेकिन शाम होने की वजह से अधिकारियों ने मोबाइल की टार्च के सहारे फसलों का निरीक्षण किया.

मोबाइल की टार्च में केंद्रीय कृषि दल ने किया फसलों का निरीक्षण
मोबाइल की टार्च में केंद्रीय कृषि दल ने किया फसलों का निरीक्षण
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Published : Oct 1, 2020, 1:07 AM IST

होशंगाबाद। जिले की सिवनी मालवा तहसील में बुधवार को खराब फसलों को देखने के लिए केंद्रीय कृषि दल की आमद हुई. केंद्रीय कृषि दल के साथ जिले और तहसील का कृषि अमला भी साथ रहा. जब तक कृषि दल सिवनी मालवा तहसील पहुंचा तब तक रात का अंधेरा छा चुका था. लिहाजा अधिकारियों ने मोबाइल के लाइट के सहारे फसलों का निरीक्षण किया.

अब सवाल ये है कि अंधेरे में अधिकारियों को फसलों की क्या स्थिति नजर आई होगी, नुकसानी के हालात क्या रहे होंगे समझना काफी है. अंधेरों में फसलों का निरीक्षण औपचारिकता मात्र रहा, हालांकि कागजों को देखकर बाहर से आए अधिकारियों ने फसलों के नुकसान को समझने का प्रयास किया. नियमों का हवाला देते हुए मीडिया को किसी भी प्रकार की जानकारी देने में इन अधिकारियों ने असमर्थता जताई. हालांकि जिले के अधिकारियों द्वारा मीडिया को जानकारी देने की बात बाहर से आए कृषि अधिकारियों ने कही लेकिन कहीं कमियों की बात ना निकल जाए.

अपर कलेक्टर के हाल तो यह हुए की मीडिया के कैमरे को देखते ही सर झुका कर निकल पड़े. वही अधिकारियों के जाने के बाद ग्रामीणों ने भी इस बात को माना की सर्वे सिर्फ औपचारिकता ही था. क्योंकि जिस अंधेरे में कुछ नहीं दिख रहा था उसमे मोबाइल की टार्च से खड़े होकर एक ही स्थान पर केंद्रीय दल फसल का निरीक्षण कर रहा था. ये कैसा सर्वे था जिसे दिन के उजाले में नहीं किया जा सकता था. वही अधिकारियों के द्वारा पूर्व से ही खेत का चयन करके रखा गया था की किस का खेत सर्वे दल को दिखाना है. अब देखना यह होगा कि अंधेरे में किया या कुछ यूं कहें कि मोबाइल के उजाले में किया गया यह सर्वे किसानों के लिए कितना लाभदायक होता है या फिर यह किसानों के लिए सिर्फ चुनाव के पहले झुनझुना साबित होता है.

होशंगाबाद। जिले की सिवनी मालवा तहसील में बुधवार को खराब फसलों को देखने के लिए केंद्रीय कृषि दल की आमद हुई. केंद्रीय कृषि दल के साथ जिले और तहसील का कृषि अमला भी साथ रहा. जब तक कृषि दल सिवनी मालवा तहसील पहुंचा तब तक रात का अंधेरा छा चुका था. लिहाजा अधिकारियों ने मोबाइल के लाइट के सहारे फसलों का निरीक्षण किया.

अब सवाल ये है कि अंधेरे में अधिकारियों को फसलों की क्या स्थिति नजर आई होगी, नुकसानी के हालात क्या रहे होंगे समझना काफी है. अंधेरों में फसलों का निरीक्षण औपचारिकता मात्र रहा, हालांकि कागजों को देखकर बाहर से आए अधिकारियों ने फसलों के नुकसान को समझने का प्रयास किया. नियमों का हवाला देते हुए मीडिया को किसी भी प्रकार की जानकारी देने में इन अधिकारियों ने असमर्थता जताई. हालांकि जिले के अधिकारियों द्वारा मीडिया को जानकारी देने की बात बाहर से आए कृषि अधिकारियों ने कही लेकिन कहीं कमियों की बात ना निकल जाए.

अपर कलेक्टर के हाल तो यह हुए की मीडिया के कैमरे को देखते ही सर झुका कर निकल पड़े. वही अधिकारियों के जाने के बाद ग्रामीणों ने भी इस बात को माना की सर्वे सिर्फ औपचारिकता ही था. क्योंकि जिस अंधेरे में कुछ नहीं दिख रहा था उसमे मोबाइल की टार्च से खड़े होकर एक ही स्थान पर केंद्रीय दल फसल का निरीक्षण कर रहा था. ये कैसा सर्वे था जिसे दिन के उजाले में नहीं किया जा सकता था. वही अधिकारियों के द्वारा पूर्व से ही खेत का चयन करके रखा गया था की किस का खेत सर्वे दल को दिखाना है. अब देखना यह होगा कि अंधेरे में किया या कुछ यूं कहें कि मोबाइल के उजाले में किया गया यह सर्वे किसानों के लिए कितना लाभदायक होता है या फिर यह किसानों के लिए सिर्फ चुनाव के पहले झुनझुना साबित होता है.

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