होशंगाबाद। 'चाहे कितना भी ऊंचा कर दो आसमान को, रोक ना सकोगे मेरी उड़ान को', ऐसी ही सोच के साथ जी रही है होशंगाबाद की रहने वाली जन्म से नेत्रहीन लड़की प्रिया, जिसके साहस का लोहा पूरी दुनिया ने माना है. यही वजह है कि प्रिया के किरदार पर 'मेरी उड़ान' नाम की पूरी फिल्म बनाई गई है.
निमसाड़िया की रहने वाली प्रिया जन्म से ही नेत्रहीन है. जिसके बावजूद प्रिया ने जूडोकराटे में देश-प्रदेश में कई चैंपियनशिप जीती है. वह बहुत ही जल्द इंटरनेशनल चैंपियनशिप खेलने के लिए जाने वाली है. प्रिया की प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई है, जहां उसने मोबाइल से सुन-सुनकर अपनी 12वीं तक की पढ़ाई को पूरा की है. प्रिया को सुहागपुर स्थित दलित संघ एनजीओ ने जूड़ो कराटे की ट्रेनिंग दिलाई और उसी एनजीओ की तरफ से कई राष्ट्रीय चैंपियन में हिस्सा लिया. आज प्रिया महिलाओं के लिए आदर्श बन गई है.
प्रिया पर 'मेरी उड़ान' नाम से एक फिल्म भी बन चुकी है
प्रिया के नाम से मेरी उड़ान नाम से एक फिल्म भी बन चुकी है, एक बेहद गरीब परिवार की बेटी अतुल्य प्रतिभा की धनी है. इस फिल्म की खजुराहो फिल्म महोत्सव में विशेष स्क्रीनिंग भी की गई. जिसमें प्रिया ने खुद अभिनय किया है. प्रिया के अभिनय को कई फिल्म सितारों ने भी सराहा है.
वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी में जुटी प्रिया
प्रिया ब्लाइंड जूडो कराटे वर्ल्ड चैंपियन की तैयारी कर रही है और जल्दी ही विदेश जाकर अपने प्रतिभा दिखाने वाली है. वह पासपोर्ट नहीं बनने के कारण पिछले दो बार से टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पा रही थी. लेकिन इस बार सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है, वर्ल्ड चैंपियन में भाग लेकर वह एक बार फिर देश-प्रदेश सहित होशंगाबाद का नाम रोशन करेगी.
कराटे चैंपियन प्रिया की बड़ी बहन उसका सबसे बड़ा सहारा
प्रिया के पांच भाई-बहन है, जिसमें एक भाई और प्रिया सहित दो बहन जन्म से ही नेत्रहीन हैं. प्रिया की बड़ी बहन घर का सारा काम देखती है. वह प्रिया को स्कूल से लाने ले जाने का काम करती है. वहीं, प्रिया के पिता का कहना है कि बेटी एक कुल का नहीं दो कुल का नाम रोशन करती है, इसलिए उन्हें हमेशा आगे बढ़ाते रहना चाहिए.