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अलर्ट! सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 175 पक्षी की प्रजातियों पर बर्ड फ्लू खतरा - Satpura Tiger Reserve

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में पक्षियों की 175 प्रजातियां पाईं जातीं हैं. प्रदेश में बर्ड फ्लू की एंट्री के चलते इन पर खतरा मंडरा रहा है. इन पक्षियों में कुछ प्रजातियां लुप्तप्राय भी हैं. खतरे को देखते हुए यहां अलर्ट जारी किया गया है.

Satpura Tiger Reserve
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
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Published : Jan 5, 2021, 7:25 PM IST

होशंगाबाद। देश और प्रदेश में लगातार बर्ड फ्लू के मामले सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के जंगलों में पाई जाने वाली 175 पक्षी प्रजातियों की निगरानी बढ़ा दी गई. पशु चिकित्सक, अधिकारी व कर्मचारियों को अलर्ट जारी कर दिया गया है. नेशनल पार्क में रहने वाले पक्षियों पर लगातार नजर रखने के निर्देश जारी किए गए हैं. पक्षियों की मौत संदिग्ध या फिर सामान्य हो, तो भी उच्च अधिकारियों को सूचित करने लिए कहा गया है.

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में अलर्ट जारी

मृत पक्षी के सैंपल भोपाल या जबलपुर लैब भेजने की व्यवस्था भी बनाई गई है. गौरतलब है कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के जंगलों में और आस-पास क्षेत्रों में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का डेरा जमा हुआ है. जो नवंबर से फरवरी तक रहता है. ऐसे में बर्ड फ्लू की दस्तक इनके लिए खतरनाक हो सकती है.

बर्ड फ्लू के खतरे को लेकर अलर्ट

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के डिप्टी डायरेक्टर अनिल शुक्ला ने बताया के बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए पार्क प्रबंधन ने सभी परिक्षेत्र अधिकारियों को अलर्ट जारी किया है. वैटनरी डॉक्टर गुरुदत्त शर्मा को नोडल अधिकारी बनाया गया है. वहीं आस-पास के वैटनरी डॉक्टरों को भी सूचित कर निगरानी बनाए रखने को लेकर कहा गया है.

खतरे में 100 साल पुरानी स्पीशीज

वन विभाग की कार योजना शाखा वाइल्ड लाइफ रिसर्च एंड कंजर्वेशन सोसायटी पुणे द्वारा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और मेलघाट कॉरिडोर के बीच में पक्षियों की 175 प्रजातियां खोजी गई थी. जिसमें से एक दर्जन प्रजातियां लुप्त प्राय हैं. खास बात यह है कि यह दुर्लभ पक्षी सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अंदरूनी जंगल में पाए जाते हैं. रिसर्च करने वालों को कई पक्षियों की मौजूदगी 100 साल बाद दिखाई दी थी.

होशंगाबाद। देश और प्रदेश में लगातार बर्ड फ्लू के मामले सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के जंगलों में पाई जाने वाली 175 पक्षी प्रजातियों की निगरानी बढ़ा दी गई. पशु चिकित्सक, अधिकारी व कर्मचारियों को अलर्ट जारी कर दिया गया है. नेशनल पार्क में रहने वाले पक्षियों पर लगातार नजर रखने के निर्देश जारी किए गए हैं. पक्षियों की मौत संदिग्ध या फिर सामान्य हो, तो भी उच्च अधिकारियों को सूचित करने लिए कहा गया है.

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में अलर्ट जारी

मृत पक्षी के सैंपल भोपाल या जबलपुर लैब भेजने की व्यवस्था भी बनाई गई है. गौरतलब है कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के जंगलों में और आस-पास क्षेत्रों में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का डेरा जमा हुआ है. जो नवंबर से फरवरी तक रहता है. ऐसे में बर्ड फ्लू की दस्तक इनके लिए खतरनाक हो सकती है.

बर्ड फ्लू के खतरे को लेकर अलर्ट

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के डिप्टी डायरेक्टर अनिल शुक्ला ने बताया के बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए पार्क प्रबंधन ने सभी परिक्षेत्र अधिकारियों को अलर्ट जारी किया है. वैटनरी डॉक्टर गुरुदत्त शर्मा को नोडल अधिकारी बनाया गया है. वहीं आस-पास के वैटनरी डॉक्टरों को भी सूचित कर निगरानी बनाए रखने को लेकर कहा गया है.

खतरे में 100 साल पुरानी स्पीशीज

वन विभाग की कार योजना शाखा वाइल्ड लाइफ रिसर्च एंड कंजर्वेशन सोसायटी पुणे द्वारा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और मेलघाट कॉरिडोर के बीच में पक्षियों की 175 प्रजातियां खोजी गई थी. जिसमें से एक दर्जन प्रजातियां लुप्त प्राय हैं. खास बात यह है कि यह दुर्लभ पक्षी सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अंदरूनी जंगल में पाए जाते हैं. रिसर्च करने वालों को कई पक्षियों की मौजूदगी 100 साल बाद दिखाई दी थी.

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