होशंगाबाद। वर्षा ऋतु मछलियों के प्रजनन काल का समय होता हैस इसलिए इस दौरान नर्मदा नदी में मछली मारने पर रोक लगा दी गई है. दो माह तक मछलियों को पकड़ने के लिए जाल डालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. नर्मदा नदी से मछलियों की घटती संख्या के कारण शासन ने ये निर्णय लिया है, जो 31 अगस्त तक प्रभावी रहेगा. कलेक्टर धनंजय सिंह ने शासन के निर्देशन में अधिसूचना जारी करते हुए 16 जून से 15 अगस्त की अवधि को वर्षा ऋतु घोषित किया गया है.
इस अवधि में मत्सयाखेट, मत्सय परिवहन और मछली बेचने पर पूर्णता प्रतिबंध रहेगा. इस दौरान कोई नदी से मछली मारता हुआ पाया जाता है तो मत्सय क्षेत्र अधिनियम 1981 की धारा पांच के अंतर्गत 1 साल की सजा या फिर 5000 तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है.
नर्मदा नदी के अलावा शासन के अनुसार मछली पालन विभाग के निर्देशानुसार जिन तालाबों का संबंध नदी से नहीं है उनमें मछली पालन का कार्य किया जा सकता है. साथ ही उन जलाशयों से लगातार मछली मारने का कार्य भी जारी रहेगा. ऐसे में मछली खाने वालों के लिए शॉर्टेज नहीं आएगी. वहीं प्रतिबंध लगते ही मछली के रेटों में भी तेजी आ गई है. मछली के जो रेट 80 से 85 प्रति किलो थे, वो अब डेढ़ सौ से 200 रुपए0 किलो तक पहुंच गए हैं.