होशंगाबाद। लॉकडाउन के बीच गेहूं और चना खरीदी के दौर में प्रशासनिक लापरवाही के चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में गेहूं और चने के सैंपल को पास करने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप भी सर्वेयर पर लग रहा है. तो कई किसानों के सैंपल भी खरीदी के पहले कैंसिल हो रहे हैं. बुधवार को जब एक किसान के चने का सैंपल कैंसिल हुआ तो इस मामले ने तूल पकड़ लिया और भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पहले तो सैंपल कैंसिल किए जाते हैं. फिर रिश्वत की मांग की जाती है अगर किसान रिश्वत दे देता है तो कैंसिल किया हुआ सैंपल पास कर दिया जाता है.
वहीं इस प्रकार लगातार बढ़ रहे मामले के बाद भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम भरोस बसोतिया की उपस्थिति में किसानों से खरीदी की गई उपज के सैंपल लेने के लिए समितियों के गोडाउन में पहुंच गए. जहां से शासकीय अधिकारियों की उपस्थिति में खरीदे गए अनाज के गोडाउन से निकाले गए, जिसमें कई अनाज उसी क्वॉलिटी का पाया गया. जिसका सैंपल निरस्त कर दिया गया था.
गुस्साए किसान गोडाउन से अनाज का सैंपल लेकर सर्वेयर के कार्यालय के सामने बैठ गए. जहां किसानों ने सैंपल की पोल खोलने के लिए सैंपल को अपना अनाज बताया जो कि मंडी में लाकर बेचना है. किसानों ने अधिकारियों के सामने अनाज के 4 सैंपल रखकर उनकी स्थिति की जानकारी ली. इस दौरान किसानों ने कहा कि अगर सैंपल ठीक है तो ही हम लेकर आए, जिस पर सर्वेयर ने दो सैंपल तो तुरंत पास कर दिए लेकिन बांकी के दो सैंपल को लेकर संशय की स्थिति बताई गई. जिसके बाद सभी किसान संघ के पदाधिकारी नाराज हो गए, इसके बाद अधिकारियों और किसानों जमकर में बहस होती रही.