होशंगाबाद। कोरोना वायरस ने सब कुछ ठप कर दिया. लॉकडाउन के चलते सब कुछ थम सा गया है. जो जहां था वहीं रह गया. कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है. इटारसी में फंसे 100 से अधिक मजदूरों को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर जिला प्रशासन द्वारा एक तोहफा दिया गया है. जब उन्हें पता चला कि, उन्हें उनके गांव भेजा जा रहा है, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लॉकडाउन के चलते ये मजदूर दो वक्त की रोटी के लिए परेशान हो रहे थे.
![Itarsi sent to uttar pradesh](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-hos-majdur-day-special-pkg-7203898_01052020154553_0105f_01858_17.jpg)
इटारसी में मजदूरी करने आए उत्तरप्रदेश के मजदूरों को मध्यप्रदेश और यूपी सरकार की मदद से गांव भेजा गया. इस दौरान यूपी के करीब 146 मजदूरों को यूपी बॉर्डर तक छोड़ने की व्यवस्था की है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी को 4 बसों से रवाना किया गया. कई परिवार अपना पेट पालने नर्मदापुरम संभाग आए थे, लेकिन कोरोना महामारी और लॉकडाउन में भूखे ही रह गए.
लॉकडाउन के 38 दिन बाद सरकार द्वारा उनकी गुहार सुनी गई और अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर उन्हें घर जाने दिया गया. इससे पहले सभी मजदूरों को मेडिकल टेस्ट और कोरोना स्क्रीनिंग की गई. मजदूरों को सुबह मिली अचानक ये खुशखबरी किसी तोहफे से कम नहीं थी. बसों पर सवार होने से पहले मजदूरों ने कहा कि, स्थिति कब सामान्य होगी पता नहीं, लेकिन अब वो घर पर अपनों के साथ तो रह पाएंगे.