हरदा। जिले की शहरी आशा कार्यकर्ताओं को बीते सालों में किए गए कार्यों की प्रोत्साहन राशि अब तक नहीं मिल पाई है, जिसके चलते वे अधिकारियों से राशि दिलाने की गुहार लगाती फिर रही हैं. वहीं आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर नगर के वार्डों में घर-घर जाकर सर्वे किया गया है, साथ ही दवा का वितरण भी किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन उनकी सुरक्षा की ओर ध्यान नहीं दे रहा है.
आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि हरदा जिला मुख्यालय पर शहरी क्षेत्र के अंतर्गत 21 आशा कार्यकर्ता काम कर रही हैं, लेकिन उन्हें साल 2018 से लेकर अब तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. वहीं जो राशि मिली है उसमें भी कटौती कर दी गई है. लॉकडाउन के दौरान उनके पति पिछले डेढ़ महीनों से घर पर ही बैठे हैं, जिसके चलते अब परिवार को चला पाना मुश्किल होता जा रहा है.
आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि अन्य जिलों में आशा कार्यकर्ताओं को एक निर्धारित मानदेय शासन के द्वारा दिया जा रहा है, लेकिन हरदा में आशा कार्यकर्ताओं को ना ही मानदेय मिल रहा है और ना ही सुरक्षा को लेकर कोई साधन दिए जा रहे हैं.
उन्होंने अपनी समस्या को लेकर सीएमएचओ और कलेक्टर को भी अवगत करा दिया गया है, लेकिन कोई हल नहीं निकल पा रहा है. उनका कहना है कि अब लॉकडाउन के दौरान उन्हें परिवार के भरण-पोषण में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा सीएमएचओ डॉक्टर केके नागवंशी को अपनी समस्या बताएं तो उनके द्वारा वित्तीय अधिकार न होने की बात कहकर कर हमें चलता कर दिया.