हरदा। कहते हैं कि कदम-कदम पर पानी बदले, कोस कोस पर वाणी, यह कहावत मध्यप्रदेश में भी बिल्कुल सही साबित होती है. यहां हर जिले में कई अनोखी और भिन्न-भिन्न परंपराएं देखने को मिलती हैं. ऐसी ही एक परंपरा हरदा जिले में भी है, जहां दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा को कुछ खास तरीके से मनाया जाता है.
कृषि प्रधान हरदा जिले में इस खास परंपरा के चलते दीपावली के दूसरे दिन भी धूम रहती है. इस दिन मवेशियों को नहलाया जाता है, फिर उनके शरीर पर रंग-बिरंगे छपके लगाकर उनका श्रृंगार किया जाता है, फिर घर के मुख्य द्वार पर अग्नि जलाकर उसके ऊपर से मवेशियों को निकाला जाता है.
ग्रामीणों की मान्यता है कि दीपावली के अगले दिन मवेशियों को अग्नि के ऊपर से निकालने से वे पूरे साल स्वस्थ रहते हैं. जिसके चलते इस परंपरा का निर्वहन पीढ़ी दर पीढ़ी से चलता आ रहा है. बताया जाता है कि दीपावली के दिन भी यहां मवेशियों की पूजा की जाती है, क्योंकि किसानों का असली धन उनके पशु ही होते हैं.
वहीं आधुनिक संसाधनों के चलते गांवों में पशुओं की संख्या कम होती जा रही है. इससे गौ आधारित कृषि संयंत्रों जैसे ट्रैक्टर आदि को भी सजाकर गांवों में रैली के रूप में निकाला जाने लगा है. बता दें कि जिले के ग्राम सोडलपुर, फुलड़ी, दुलिया में पशुओं के साथ ट्रैक्टर की साज-सज्जा की नई परंपरा की शुरुआत की है.