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मैनेजर ने फर्जी बिल से की हेराफेरी, एक महीने लटका रहा किसानों का भुगतान - ban on payment of farmers

हरदा जिले की चौकड़ी सोसायटी में समिति प्रबंधक ने किसानों के पंजीयन पर फर्जी बिल बनाकर हेराफेरी की थी. जिसके बाद प्रशासन ने किसानों के भुगतान पर रोक लगा दी थी. वहीं किसानों के धरना प्रदर्शन के बाद 206 किसानों को 3.15 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है.

Demonstration by farmers
किसानों का धरना प्रदर्शन
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Published : Jul 12, 2020, 4:06 PM IST

हरदा। जिले की चौकड़ी सोसायटी में समिति प्रबंधक ने किसानों के पंजीयन पर फर्जी बिल बनाकर हेराफेरी की थी. इस मामले में प्रशासन ने समिति में चना बेचने वाले सभी किसानों के भुगतान पर रोक लगाकर जांच शुरु की थी. जिसमें गुस्साए किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरु कर दिया. जिसके बाद चने की फसल को बेचने के एक महीने बाद 206 किसानों के खातों में 3.15 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है.

एक महीने बाद हुआ किसानों का भुगतान

जानकारी के अनुसार जांच में करीब 5200 क्विटंल चने के फर्जी बिल बनाने की बात सामने आई थी, जिसमें सहकारिता विभाग के एआरसीएस अखिलेश चौहान की सूझ-बूझ से समिति ने किए गए सभी प्रकार के भुगतान पर रोक लगाकर समिति प्रबंधक को बर्खास्त कर दिया. साथ ही समिति को ब्लैक लिस्ट कर उसके खिलाफ छीपाबड़ थाने में 420 का मामला दर्ज कराया है.इस कार्रवाई के होने से शासन को 2.53 करोड़ रुपए की चपत लगने से बच गई.

कलेक्टर अनुराग वर्मा के आदेशा पर पात्र 544 किसानों को उनकी 25 हजार 310 क्विंटल उपज का 12 करोड़ 33 लाख 86 हजार 250 रुपए का भुगतान शुरू किया गया है.

इस फर्जा वाड़े से नाराज किसानों ने फसल बेचने के एक महीने बाद भी भुगतान नहीं मिलने से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था. किसानों का कहना है, फर्जी किसानों के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए. जांच अधिकारी ने 25 हजार 310 क्विंटल की सूची सौंपी थी, जिसमें किसानों के भुगतान शुरू कर दिए हैं, लेकिन अभी 206 किसानों के खाते में 3.15 करोड़ का भुगतान किया गया है.

हरदा। जिले की चौकड़ी सोसायटी में समिति प्रबंधक ने किसानों के पंजीयन पर फर्जी बिल बनाकर हेराफेरी की थी. इस मामले में प्रशासन ने समिति में चना बेचने वाले सभी किसानों के भुगतान पर रोक लगाकर जांच शुरु की थी. जिसमें गुस्साए किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरु कर दिया. जिसके बाद चने की फसल को बेचने के एक महीने बाद 206 किसानों के खातों में 3.15 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है.

एक महीने बाद हुआ किसानों का भुगतान

जानकारी के अनुसार जांच में करीब 5200 क्विटंल चने के फर्जी बिल बनाने की बात सामने आई थी, जिसमें सहकारिता विभाग के एआरसीएस अखिलेश चौहान की सूझ-बूझ से समिति ने किए गए सभी प्रकार के भुगतान पर रोक लगाकर समिति प्रबंधक को बर्खास्त कर दिया. साथ ही समिति को ब्लैक लिस्ट कर उसके खिलाफ छीपाबड़ थाने में 420 का मामला दर्ज कराया है.इस कार्रवाई के होने से शासन को 2.53 करोड़ रुपए की चपत लगने से बच गई.

कलेक्टर अनुराग वर्मा के आदेशा पर पात्र 544 किसानों को उनकी 25 हजार 310 क्विंटल उपज का 12 करोड़ 33 लाख 86 हजार 250 रुपए का भुगतान शुरू किया गया है.

इस फर्जा वाड़े से नाराज किसानों ने फसल बेचने के एक महीने बाद भी भुगतान नहीं मिलने से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था. किसानों का कहना है, फर्जी किसानों के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए. जांच अधिकारी ने 25 हजार 310 क्विंटल की सूची सौंपी थी, जिसमें किसानों के भुगतान शुरू कर दिए हैं, लेकिन अभी 206 किसानों के खाते में 3.15 करोड़ का भुगतान किया गया है.

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