हरदा। बिजली विभाग ने बिजली बिल की बकाया राशि की वसूली के लिए एक नोटिस जारी किया हैं, जिसमें किसानों को बिजली माफिया बताया गया है. इस बात को लेकर हरदा विधायक कमल पटेल ने आपत्ति दर्ज कराई है.
हरदा के सर्किट हाउस में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान विधायक पटेल ने कहा कि खिरकिया विकासखंड के चारवा गांव के रहने वाले ढाई एकड़ के एक किसान को यह नोटिस जारी किया गया है, जिसमें किसान को माफिया बताया गया है.
आगे उन्होंने कहा कि किसानों की फसलों के आने पर हर छह महीने में बिजली का बिल जमा किया जाता है. लेकिन बिजली विभाग के जारी किए गए नोटिस में सैकड़ों किसानों को बिजली माफिया बताया हैं. जबकि कमलनाथ सरकार किसानों के हितेषी होने की बात कर रही है.
उन्होंने कहा कि यदि 24 घंटे के भीतर जारी नोटिस में बिजली माफिया जैसे शब्द को नहीं हटाया गया, तो वो सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि कलेक्टर एस विश्वनाथन के निर्देश पर जिले के सभी तहसीलदारों ने अपने-अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों में किसानों को नोटिस जारी कर 7 दिन के भीतर बकाया बिजली बिल जमा करने के निर्देश दिए हैं. वहीं बिल जमा नहीं करने की दशा में उनकी संपत्ति भी जब्त करने की बात कही है.
इस मामले को लेकर हरदा तहसीलदार विंकी सिंहमारे ने बताया कि बिजली विभाग के जारी नोटिस के आधार पर किसानों को बकाया बिजली बिल की वसूली को लेकर आरआरसी जारी की गई है. जिनकी वसूली अगले हफ्ते से शुरू की जाएगी.
बिजली विभाग के उप महाप्रबंधक आशुतोष ने बताया कि किसानों से बिजली बिल की बकाया राशि की वसूली के लिए कलेक्टर के माध्यम से तहसीलदारों के द्वारा किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं. विद्युत माफिया शब्द को नोटिस में लिखे जाने की बात को लेकर उन्होंने बताया कि उन्होंने अभी हाल ही में ज्वाइन किया है. जबकि नोटिस पूर्व में ही बन चुके थे. उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने बिजली का बिल जमा नहीं किया है, उन्हें धारा 138 के तहत प्रकरण बनाकर कोर्ट में भेजा जा रहा है. वहीं कुर्की की कार्रवाई भी शुरू की गई है.