हरदा। आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है. इस मौके पर एक तरफ जहां पूरे देश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर उनके सिद्धांतों और पदचिन्हों पर चलने के लिए प्रमुख राजनीतिक दलों में होड़ लगी हुई है, तो वहीं हरदा के छीपाबड़ गांव स्थित प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में 125 सालों से स्कूली बच्चे गांधी टोपी पहनकर लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
खिरकिया नगर पंचायत में आने वाले सरकारी स्कूल में छात्र टोपी लगाकर आते हैं, यही वजह है कि अब इस स्कूल की पहचान गांधी टोपी वाले स्कूल के तौर पर होने लगी है. स्कूल की स्थापना 1 जनवरी 1892 को हुई थी, तब से लेकर अब तक, यहां के छात्र इस परंपरा को निभा रहे हैं.
छात्रों का कहना है कि वे गांधी वाली टोपी पहनकर अपने आप को गौरान्वित महसूस करते हैं. स्कूल के पूर्व छात्र आज देश के अलग-अलग क्षेत्रों में अपना नाम कमा रहे हैं.
वहीं स्कूल में पदस्थ्य शिक्षिका का कहना है कि यहां कुल 157 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिसमें पहली से आठवीं तक के छात्र शामिल हैं, ये सभी रोजाना टोपी लगाकर ही स्कूल आते हैं.
छात्रों में महात्मा गांधी को लेकर प्यार और लगाव की समाजसेवी भी तारीफ कर रहे हैं. हालांकि सुविधाओं की कमी के चलते स्कूल में दर्ज छात्रों की संख्या लगातार कम हो रही है. ऐसे में कुछ समाजसेवियों ने मांग है कि सालों से जिस स्कूल ने गांधी के सिद्धातों को अपनाया है, उस स्कूल पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
हरदा जिले का ये स्कूल अपनी खासियत के चलते औरों से जुदा है. यहां पढ़ने वाले बच्चों में महात्मा गांधी को जानने और समझने की ललक है. इसलिए वह सत्य और अंहिसा के रास्ते पर चलते के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं.