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शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती पहुंचे हरदा, धर्मसभा को किया संबोधित

गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने हरदा के मिडिल स्कूल ग्राउंड पर एक धर्मसभा का संबोधन किया.

Shankaracharya Nischalananda Saraswati addressed Dharma Sabha at Harda
हरदा में आयोजित धर्मसभा में बोले शंकराचार्य
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Published : Dec 15, 2019, 9:50 PM IST

हरदा। गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने हरदा के मिडिल स्कूल ग्राउंड पर एक धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर भारत में रहने वाले व्यक्ति को गीता और रामायण का ज्ञान नहीं है तो विदेशों में भी आपका सम्मान नहीं होगा.

हरदा में आयोजित धर्मसभा में बोले शंकराचार्य

उन्होंने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बहन विजयलक्ष्मी पंडित राजदूत बनकर रूस गई तो वहां के राष्ट्रपति ने विदेशी महिला की भांति बाल कटी महिला से मिलने से मना कर दिया। जिसके बाद धोती पहने डॉ राधाकृष्णन को राजदूत बनाकर भेजा गया.

उन्होंने कहा कि जितने भी वैज्ञानिक होते हैं वेो भगवान के भक्त होते हैं. न्यूटन भी ईश्वर के परम भक्त हुआ करते थे. स्वामी रामतीर्थ ने लिखा कि जब व्यक्ति की बुद्धि एकाग्र होकर आत्म तत्व से परमात्म तत्व में एकीभूत हो जाती है तो ही कोई जीव विज्ञान होता है.

हरदा। गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने हरदा के मिडिल स्कूल ग्राउंड पर एक धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर भारत में रहने वाले व्यक्ति को गीता और रामायण का ज्ञान नहीं है तो विदेशों में भी आपका सम्मान नहीं होगा.

हरदा में आयोजित धर्मसभा में बोले शंकराचार्य

उन्होंने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बहन विजयलक्ष्मी पंडित राजदूत बनकर रूस गई तो वहां के राष्ट्रपति ने विदेशी महिला की भांति बाल कटी महिला से मिलने से मना कर दिया। जिसके बाद धोती पहने डॉ राधाकृष्णन को राजदूत बनाकर भेजा गया.

उन्होंने कहा कि जितने भी वैज्ञानिक होते हैं वेो भगवान के भक्त होते हैं. न्यूटन भी ईश्वर के परम भक्त हुआ करते थे. स्वामी रामतीर्थ ने लिखा कि जब व्यक्ति की बुद्धि एकाग्र होकर आत्म तत्व से परमात्म तत्व में एकीभूत हो जाती है तो ही कोई जीव विज्ञान होता है.

Intro:गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने हरदा के मिडिल स्कूल ग्राउंड पर एक धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि यदि भारत मे रहने वाले व्यक्ति को गीता और रामायण का ज्ञान नही है तो विदेशों में भी आपका सम्मान नही होगा।उन्होंने कहा कि विदेशी भी भारत से कुछ अलग ही अपेक्षा है।उन्होंने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बहन विजयलक्ष्मी पंडित राजदूत बनकर रूस गई तो वहां के राष्ट्रपति ने विदेशी महिला की भांति बाल कटी महिला से मिलने से मना कर दिया।जिसके बाद धोती पहने डॉ राधाकृष्णन को राजदूत बनाकर भेजा गया।इसके पहले उनके आगमन पर चिचोटकुटी के विद्यापीठम से आए बटुकों ने वेद पाठ से उनका स्वागत किया।


Body:शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को मौत से खुद भगवान भी नही बचा सकता।जब तक व्यक्ति स्वयं मृत्य के भय से मुक्त नही हो सकता।उन्होंने कहा कि बिहार के पटना में डॉक्टर्स की एक मीटिंग के दौरान अध्यक्षता करने दौरान उन्होंने देश के अलग अलग राज्यो से आये डॉक्टर्स से कहा कि जिस दवा के माध्यम से आप मरीज को जीवन दान देने का काम करते है उस दवा की एक्सपायरी डेट पहले ही लिख दी जाती है।उससे मौत पर विजय पाना उपहास का विषय नही।उन्होंने कहा कि हम आयु बढ़ा कर मौत को नही रोक सकते।


Conclusion:उन्होंने कहा कि जितने भी वैज्ञानिक होते है वे भगवान के भक्त होते है।न्यूटन आदि भी ईश्वर के परम भक्त हुआ करते थे।स्वामी रामतीर्थ ने लिखा कि जब व्यक्ति की बुद्धि एकाग्र होकर आत्म तत्व से परमात्म तत्व में एकीभूत हो जाती है।तब ही कोई जीव विज्ञान विज्ञान होता है।
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