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बारिश में जंग खा रही हैं साइकिल, नौनिहाल कर रहे हैं सवाल- 'कैसे स्कूल चलें हम'

शहर के सरकारी हाईस्कूल में छात्रों को दी जाने वाली साइकिलों को खुले में रखी हैं. पिछले 15 दिनों से हो रही बारिश में साइकिल भीग चुकी हैं. जिससे उनमें जंग तेजी से पकड़ रहा है.

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Published : Jul 8, 2019, 12:00 AM IST

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हरदा। सरकार की तरफ से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को मिलने वाली साइकिल इन दिनों बारिश में जंग खा रही हैं. सरकारी हाईस्कूल में छात्रों को दी जाने वाली साइकिलों को खुले में रखी हैं. पिछले 15 दिनों से हो रही बारिश में साइकिल भीग चुकी हैं. जिससे उनमें जंग तेजी से पकड़ रहा है.

बारिश में जंग खा रही हैं साइकिल


लाखों रुपये की लागत से तैयार की गई एक हजार साइकिल बीते एक सप्ताह से खुले आसमान ने नीचे जंग खा रही हैं. इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन और जिम्मेदार अधिकारी हाथ-पर हाथ रखे बैठे हैं. स्कूल की प्राचार्य शकुंतला खातरकर का कहना है कि सायकिल का निर्माण बीईओ के अंडर में हो रहा है. काम जल्द हो जाना चाहिए. ताकि उनकी कक्षाएं भी प्रभावित न हों और बच्चों को स्कूल आने में आसानी हो.

साइकिल तैयार करने वाली कंपनी के सुपर वाईजर राजदीप यादव का कहना है कि 20 इंच की 586 एवं 18 इंच की 247 साइकिल तैयार कर दी गई हैं. बाकी साइकिल चार से पांच दिनों के भीतर तैयार कर दी जाएगी. राजदीप यादव ने बताया कि तैयार साइकिलों का वेरिफिकेशन भी हो गया है, लेकिन संबंधित अधिकारी साइकिल ले जाने में देरी कर रहे हैं.

जिला शिक्षा अधिकारी सीएस टैगोर का कहना है कि नवमीं के कुल 2772 विद्यार्थियों को इस योजना के तहत साइकिल दी जानी हैं, लेकिन अब तक केवल 317 ही साइकिल वितरित की जा सकी हैं. उन्होंने निर्माता कंपनी से वेरिफिकेशन की बात कही है, जबकि कंपनी के सुपरवाइजर के द्वारा वेरिफिकेशन होने की बात की जा रही है.

सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन के तहत स्कूल से मैपिंग के आधार पर तय दूरी पर रहने वाले छात्र छात्राओं को साइकिल वितरित होना है. अधिकारियों के अपने दावे अपनी जगह हैं. लेकिन बच्चों के सवाल यही हैं बिना साइकिल के सवाल कैसे स्कूल चलें हम

हरदा। सरकार की तरफ से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को मिलने वाली साइकिल इन दिनों बारिश में जंग खा रही हैं. सरकारी हाईस्कूल में छात्रों को दी जाने वाली साइकिलों को खुले में रखी हैं. पिछले 15 दिनों से हो रही बारिश में साइकिल भीग चुकी हैं. जिससे उनमें जंग तेजी से पकड़ रहा है.

बारिश में जंग खा रही हैं साइकिल


लाखों रुपये की लागत से तैयार की गई एक हजार साइकिल बीते एक सप्ताह से खुले आसमान ने नीचे जंग खा रही हैं. इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन और जिम्मेदार अधिकारी हाथ-पर हाथ रखे बैठे हैं. स्कूल की प्राचार्य शकुंतला खातरकर का कहना है कि सायकिल का निर्माण बीईओ के अंडर में हो रहा है. काम जल्द हो जाना चाहिए. ताकि उनकी कक्षाएं भी प्रभावित न हों और बच्चों को स्कूल आने में आसानी हो.

साइकिल तैयार करने वाली कंपनी के सुपर वाईजर राजदीप यादव का कहना है कि 20 इंच की 586 एवं 18 इंच की 247 साइकिल तैयार कर दी गई हैं. बाकी साइकिल चार से पांच दिनों के भीतर तैयार कर दी जाएगी. राजदीप यादव ने बताया कि तैयार साइकिलों का वेरिफिकेशन भी हो गया है, लेकिन संबंधित अधिकारी साइकिल ले जाने में देरी कर रहे हैं.

जिला शिक्षा अधिकारी सीएस टैगोर का कहना है कि नवमीं के कुल 2772 विद्यार्थियों को इस योजना के तहत साइकिल दी जानी हैं, लेकिन अब तक केवल 317 ही साइकिल वितरित की जा सकी हैं. उन्होंने निर्माता कंपनी से वेरिफिकेशन की बात कही है, जबकि कंपनी के सुपरवाइजर के द्वारा वेरिफिकेशन होने की बात की जा रही है.

सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन के तहत स्कूल से मैपिंग के आधार पर तय दूरी पर रहने वाले छात्र छात्राओं को साइकिल वितरित होना है. अधिकारियों के अपने दावे अपनी जगह हैं. लेकिन बच्चों के सवाल यही हैं बिना साइकिल के सवाल कैसे स्कूल चलें हम

Intro:भले ही सरकार के द्वारा सरकारी स्कूलों की दशा और छात्रों को संख्या में वृद्धि को लेकर तमाम कल्याणकारी योजनाओं को तैयार किया जाता रहा हो।लेकिन उन योजनाओं को जमीनी स्तर पर किस तरह पतीला लगाया जाता है इसका उदाहरण हरदा जिला मुख्यालय के उत्कृष्ट विद्यालय के मैदान पर देखा जा सकता है।यहां कक्षा छटवीं और नवमीं क्लास के छात्र छात्राओं को मिलने वाली लाखों रुपये की लागत से तैयार की गई लगभग एक हजार साइकिल बीते एक सप्ताह से हो रही बारिश के चलते पानी मे भीग रही है।जिससे घर से स्कूल के आने जाने के लिए वितरित की जाने वाली साइकिल में जंग लगने की सम्भवना से इंकार नहीं किया जा सकता है।वैसे भी विद्यार्थियों को मिलने वाली साइकिल के लागत मूल्य की तुलना में क्वॉलिटी भी हल्की दिखाई दे रही है।


Body:सर्व शिक्षा अभियान के स्कूल चलें अभियान एवं राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन के तहत स्कूल से मैपिंग के आधार पर तय दूरी पर रहने वाले छात्र छात्राओं को मिलने वाली इन साइकिल की सुध लेने के लिए कोई जिम्मेदार अब तक नही आया है।जिसके चलते लगभग 30 लाख रुपए से भी अधिक कीमत की साइकिल जंग खाने को पानी में भींगती नजर आ रही है।बारिश में रखी इन साइकिलों को सुरक्षित स्थान पर रखने कोई आगे नही आया है।जब इस मामले को लेकर उत्कृष्ट विद्यालय की प्राचार्य शकुंतला खातरकर से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया है सायकिल का निर्माण बीईओ के अंडर में हों रहा है।हमारे द्वारा भी उनको जल्द से जल्द रूम खाली करने को लेकर रिक्वेस्ट की गई हैं उनके द्वारा दो दिन के अंदर कमरे खाली करने को कहा गया था लेकिन अब तक कमरे खाली नहीं हो पाए हैं।जिसके चलते उन्हें कक्षाएं संचालित करने में परेशानी हो रही है।उनका कहना है कि यदि समय से साइकिल का निर्माण पूरा हो जाता है तो उनकी कक्षाएं भी प्रभावित नही होंगी और बच्चों को समय से साइकिल मिल जाएगी।गौरतलब है कि पिछले वर्ष आधा सत्र बीतने के बाद छात्रों को साइकिक मिल पाई थी।
बाईट - शकुंतला खातरकर ,प्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय, हरदा


Conclusion:उधर साइकिल तैयार करने वाली कंपनी के सुपर वाईजर राजदीप यादव का कहना है कि हमारे द्वारा 20 इंच की 586 एवं 18 इंच की 247 साइकिल तैयार कर दी गई है।शेष बची सायकिल चार से पांच दिनों के भीतर तैयार कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा तैयार साइकिलों का वेरिफिकेशन भी हो गया है लेकिन संबंधित अधिकारियों के द्वारा ही साइकिल ले जाने में देरी की जा रही है।
बाईट -राजदीप यादव,सुपरवाइजर
वही जिला शिक्षा अधिकारी सीएस टैगोर ने बताया कि जिले में नवमीं के कुल 2772 विद्यार्थियों को इस योजना के तहत साइकिक दी जानी है।लेकिन अब तक केवल 317 ही साइकिल वितरित की जा सकी है।उन्होंने निर्माता कंपनी से वेरिफिकेशन की बात कही है।जबकि कंपनी के सुपरवाइजर के द्वारा वेरिफिकेशन होने की बात की जा रही है।वही सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक आर एस तिवारी ने पूरे जिले में छटवीं के छात्र छात्राओं को सायकिल वितरित किए जाने का दावा किया जा रहा है।
बाईट - सीएस टैगोर, जिला शिक्षा अधिकारी, हरदा
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