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महिला दिवस: MP की इस बेटी के सचिन तेंदुलकर भी हो गए फैन, जज्बा देख गिफ्ट कर दी 10 नंबर की जर्सी

हरदा की बेटी मना मण्डलेकर के कामों से खुश होकर सचिन तेंदुलकर ने उसे अपनी जर्सी गिफ्ट की है. मना महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा कर आत्मनिर्भर बना रही हैं.

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Published : Mar 8, 2019, 12:54 AM IST

हरदा। 10 नंबर की नीली जर्सी की क्या अहमियत है, क्रिकेट के शौकीन इसे अच्छी तरह जानते हैं. इस जर्सी को पहनकर जब सचिन तेंदुलकर मैदान में उतरते थे, तो चारों तरफ सचिन-सचिन की आवाजें गूंजने लग जाती थीं. यही वजह है कि क्रिकेट के दीवाने इस नीली जर्सी को पाने के लिए लाखों खर्च करने में गुरेज नहीं करेंगे. लेकिन, किसी युवती को खुद क्रिकेट के भगवान ये जर्सी गिफ्ट कर दें तो उसे कितनी खुशी होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है.

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सचिन की जर्सी

मना मण्डलेकर, हरदा की वो बेटी हैं, जिन्हें सचिन ने गिफ्ट में ये दस नंबर की जर्सी खुद दी है. वजह है मना का वो जज्बा जिसने उसे फौलाद सा मजबूत बना दिया है. ईव टीजिंग की शिकार मना जब सड़क छाप मजनुओं से परेशान हो गईं तो उन्हें सबक सिखाना चाहती थीं. इस काम में उनकी मदद की कराटे कोच रितेश तिवारी ने. रितेश से सीखे कराटे के दांव-पेंच से मना ने न केवल सड़क छाप मजनुओं को सबक सिखाया, बल्कि कई प्रतियोगिताओं में पदक भी जीते. इतना ही नहीं मना ने अपना ये हुनर दूसरी लड़कियों को भी सिखाया ताकि उन्हें भी रोड साइड रोमियोज की सड़क छाप आशिक मिजाजी से परेशान न होना पड़े.

सचिन तेंदुलकर की जर्सी
मना से कराटे सीख रही लड़कियां भी अब इस हुनर में माहिर हो चुकी हैं और कराटे सीखने से उनका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ गया है.

मना के इस हुनर के बारे में मास्टर-ब्लास्टर सचिन को तब पता चला, जब उन्होंने मिथाली राज सहित मना के साथ मंच शेयर किया था. यहां मना की कहानी सुनकर सचिन इतने प्रभावित हुए कि उन्हें अपने ऑटोग्राफ वाली जर्सी गिफ्ट कर दी. मना की कहानी ऐसी हजारों लड़कियों के लिए प्रेरणा है, जो इन मामूली दुश्वारियों की वजह से अपना भविष्य नहीं संवार पातीं.

हरदा। 10 नंबर की नीली जर्सी की क्या अहमियत है, क्रिकेट के शौकीन इसे अच्छी तरह जानते हैं. इस जर्सी को पहनकर जब सचिन तेंदुलकर मैदान में उतरते थे, तो चारों तरफ सचिन-सचिन की आवाजें गूंजने लग जाती थीं. यही वजह है कि क्रिकेट के दीवाने इस नीली जर्सी को पाने के लिए लाखों खर्च करने में गुरेज नहीं करेंगे. लेकिन, किसी युवती को खुद क्रिकेट के भगवान ये जर्सी गिफ्ट कर दें तो उसे कितनी खुशी होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है.

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सचिन की जर्सी

मना मण्डलेकर, हरदा की वो बेटी हैं, जिन्हें सचिन ने गिफ्ट में ये दस नंबर की जर्सी खुद दी है. वजह है मना का वो जज्बा जिसने उसे फौलाद सा मजबूत बना दिया है. ईव टीजिंग की शिकार मना जब सड़क छाप मजनुओं से परेशान हो गईं तो उन्हें सबक सिखाना चाहती थीं. इस काम में उनकी मदद की कराटे कोच रितेश तिवारी ने. रितेश से सीखे कराटे के दांव-पेंच से मना ने न केवल सड़क छाप मजनुओं को सबक सिखाया, बल्कि कई प्रतियोगिताओं में पदक भी जीते. इतना ही नहीं मना ने अपना ये हुनर दूसरी लड़कियों को भी सिखाया ताकि उन्हें भी रोड साइड रोमियोज की सड़क छाप आशिक मिजाजी से परेशान न होना पड़े.

सचिन तेंदुलकर की जर्सी
मना से कराटे सीख रही लड़कियां भी अब इस हुनर में माहिर हो चुकी हैं और कराटे सीखने से उनका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ गया है.

मना के इस हुनर के बारे में मास्टर-ब्लास्टर सचिन को तब पता चला, जब उन्होंने मिथाली राज सहित मना के साथ मंच शेयर किया था. यहां मना की कहानी सुनकर सचिन इतने प्रभावित हुए कि उन्हें अपने ऑटोग्राफ वाली जर्सी गिफ्ट कर दी. मना की कहानी ऐसी हजारों लड़कियों के लिए प्रेरणा है, जो इन मामूली दुश्वारियों की वजह से अपना भविष्य नहीं संवार पातीं.

Intro:हरदा जिले के एक छोटे से गांव आलनपुर में रहने वाली मना मण्डलेकर को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ओर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपनी 10 नंम्बर वाली टीशर्ट गिफ्ट में भेजी है।मालूम हो कि बीते साल इंटरनेशनल गल्स चाइल्ड डे पर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर व देश की महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज के साथ हरदा जिले की बेटी मना मण्डलेकर ने मंच साझा कर उनके द्वारा लड़कियों के लिए किए जा रहे कार्यो को साझा किया था।जिससे सचिन तेंदुलकर काफी प्रभावित हुए थे।और उनके द्वारा उसे दीपावली के अवसर पर अपनी 10 नंम्बर वाली टीशर्ट पर खुद के आटोग्राफ के साथ मना का नाम लिखकर भेज दिया था।जिसमें सचिन ने मना को महिलाओं और बेटियों के लिए किए जा रहे कार्यो को ओर बेहतर करने के लिए शुभकामनाएं दी थी।


Body:हरदा जिले की टिमरनी तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम आलमपुर की रहने वाली मना मण्डलेकर को आठवी के बाद हाई स्कूल के लिए अन्य गांव रोजाना जाना होता था।उस दौरान उसे गांव के लड़के ओर बस में कइयों बार लोगों के द्वारा तरह तरह से कमेंट कर परेशान किया जाता था।जिसको लेकर वो काफी नर्बस हो जाती थी।लेकिन उसे एक दिन रितेश तिवारी मिले जो बच्चों को निःशुक्ल कराते सिखाया करते थे।मना ने भी पूरी लगन के साथ अपने गुरु से कराते की बारीकियों को सीखकर अपनी आत्मरक्षा के सारे गुर सीखे ओर उसके द्वारा लड़कियों और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने वाले बदमाशों को सबक भी सिखाया गया।जिसके बाद अब टिमरनी से लेकर उसके गांव जाने तक कोई भी उसके साथ साथ अन्य महिलाओं पर भी किसी तरह के कमनेट्स करने से पहले सौ बार सोचता है।
हरदा की मना मण्डलेकर एक चेंजलूमर है जो समाज मे बदलाव के लिए लैगिक समानता, बच्चों के अधिकारों,महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रही हैं।मना कराटे की अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी हैं।वह लगातार बालिकाओं को सशक्त बनाने के साथ साथ उनके अंदर आत्मविश्वास जगाने और कुछ गलत हो जाने की दशा में अपने अधिकारों के लड़ सके इसके लिए पूरी शिद्दत से काम कर रही है।


Conclusion:मना मण्डलेकर ने अपनी क्लास में आने वाली लड़कियों को भी इतना आत्मनिर्भर बना दिया जो अब अपने अपने गांवो में भी लड़कियों को सेल्फ डिफेंस के लिए कराटे सीखा रही है।मना की क्लास में आने वाली अमीषा काले का कहना है कि उसका मोटापा होने से सब सहेली ओर अन्य लोग उसकी मजाक उड़ाया करते थे।लेकिन अब मना दीदी की क्लास में आने के बाद वह कराते की राष्ट्रीय खिलाड़ी बन गई है।और उसका सलेक्शन भारतीय टीम के लिए हुआ है।जो लोग उसके मोटे पन का मजाक उड़ाते थे वे ही लोग अब उससे पूरी इज्जत के साथ बात करते हैं।
इसी तरह दिव्या बिले का कहना है कि उसके द्वारा भी मना दीदी की क्लास में आने के बाद कई मजनुओं को सबक सिखाया गया है।मना ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने कोच रितेश तिवारी को दिया है।

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