हरदा। सावन के दूसरे सोमवार को जहां पूरे देश में शिवालयों पर भक्तों की भीड़ उमड़ी रही , वहीं हरदा में भी विभिन्न शिवालयों पर भक्तों ने भोलेनाथ का पूजन अभिषेक कर पुण्य लाभ अर्जित किए. सावन मास के दूसरे सोमवार का महत्व प्रदोष व्रत के शुभ संयोग के आने से बढ़ गया. संध्या काल में त्रयोदशी तिथि लग जाने से सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा पाने के लिए किया जाता है. जिसके चलते कृष्णपक्ष का प्रदोष व्रत अपना विशेष महत्व रखता है.
मान्यताओं के मुताबिक इस शुभ संयोग में भगवान शिव का अभिषेक करने से सभी मनोरथ विशेष तौर पर संतान सुख की प्राप्ति के लिए विशेष फलदायी होता है. जिसके चलते नगर के प्राचीन गुप्तेश्वर मन्दिर में बड़ी संख्या में भक्तों के द्वारा भगवान गुप्तेश्वर और बारह ज्योतिर्लिंगों का अभिषेक किया गया. वहीं सावन में झूले का महत्व होने के चलते महिलाओं ने गुप्तेश्वर महादेव को झूले देकर दर्शनों का लाभ उठाया. मंडी के पंच पिपलेश्वर, प्राचीन शंकर मंदिर, ओम्कारेश्वर मंदिर, नर्मदेश्वर मंदिर में भक्तों ने दर्शनों का लाभ लिया.
पंडित मुरलीधर व्यास ने बताया कि यह सैकड़ों वर्ष बाद ऐसा संयोग बना है कि जब सावन महीने के दूसरे सोमवार को दोनों प्रदोष व्रत पड़ा. जिससे शिव जी की पूजा आराधना करने का फल हजार गुना मिलता है. इस दौरान सभी शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक कर विशेष श्रृंगार किया गया.