हरदा। सरकार के द्वारा गलत तरीके से बीपीएल के तहत शासकीय योजनाओं का लाभ लेने वाले अपात्र उपभोक्ताओं के नाम हटाने की तैयारी कर ली गई है. इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सर्वे की अपात्र बीपीएल कार्ड धारियों की सूची प्रशासन के द्वारा सभी सरकारी दुकानों पर और स्थानीय जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाई गई है, ताकि अपात्र लोगों के नाम इस सूची से काटे जा सकें. शासन के द्वारा इन उपभोक्ताओं के लिए भेजी गई सूची अंग्रेजी भाषा में तैयार की गई है. जिसके चलते ज्यादातर बीपीएल कार्ड धारी लोगों के अशिक्षित होने के चलते उन्हें अपना नाम और अन्य जानकारी देखने में परेशानी आ रही है. उपभोक्ताओं का कहना है कि शासन के द्वारा भेजी गई इस सूची में उनका नाम हटा है या नहीं उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है. वहीं अधिकारियों का कहना है कि उन्हें शासन स्तर से ये सूची भेजी गई है.
हरदा जिले में करीब 260 राशन दुकानों का संचालन खाद विभाग के द्वारा किया जा रहा है. जिसमें 75 हजार बीपीएल राशन कार्ड धारी उपभोक्ता शामिल हैं. शासन द्वारा अपात्र बीपीएल कार्ड धारी उपभोक्ताओं का सर्वे किया गया था, जो उपभोक्ता सर्वे के दौरान अपने घरों पर नहीं मिले थे या अन्य कारणों से अपने दस्तावेज जमा नहीं कर पाए थे, उन उपभोक्ताओं को भी सर्वे के दौरान अपात्र घोषित किया गया था. अपात्र उपभोक्ताओं की सूची शासन के द्वारा अंग्रेजी भाषा में जारी की गई है. इस कारण उपभोक्ताओं के साथ-साथ राशन दुकान संचालकों को भी इसे समझने में दिक्कत आ रही है. उपभोक्ताओं का कहना है कि सरकार के द्वारा अंग्रेजी भाषा में भेजी गई सूची को समझने में परेशानी आ रही है. जिसको लेकर कई अपात्र लोग भी योजना के लाभ से वंचित हो सकते हैं.
जिला पूर्ति अधिकारी का कहना है कि उन्हें भोपाल से शासन स्तर से ये सूची भेजी गई है. उनके द्वारा ये सूची सभी पंचायतों और बाढ़ में वक्ताओं के लिए चस्पा करा दी गई है. जिसमें यदि किसी उपभोक्ता को कोई आपत्ति है तो वो तहसील और एसडीएम कार्यालय में जाकर अपनी आपत्ति 15 अगस्त तक दर्ज करा सकते हैं.