हरदा। जिले की ग्राम पंचायत हंडिया के सरपंच लखन लाल भिलाला ने बाकायदा एक स्टांप लिखकर अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया है. इस मामले में उन्होंने खुद को पढ़ा-लिखा न होना बताया है. साथ परिवार के पढ़े-लिखे नहीं होने की बात भी लिखी है. सरपंच लखनलाल भिलाला ने 50 रुपए के स्टाम्प पर लिखा, (Harda Sarpanch Stamp Paper) कि, ‘मैं बिना किसी दबाव के सिद्धांत पिता समीर तिवारी को अपना प्रतिनिधि नियुक्त करता हूं. उन्होंने तर्क दिया है कि, वह स्वयं और परिवार के अन्य सदस्य भी अशिक्षित है. इस कारण मेरी ओर से सिद्धांत तिवारी सभी प्रकार के पंचायत में होने वाले सभी कार्यों का निष्पादन, संचालन कर आय व्यय का पूरा ब्यौरा रखेंगे.(MP Panchayat Election) (Harda Sarpanch Pratinidhi Siddhant Tiwari)
निर्वाचित सरपंच ने नियुक्त किया प्रतिनिधि: सरपंच लखन लाल भिलाला के मुताबिक वह कम पढ़े-लिखे हैं. ना उनके बच्चे पढ़े-लिखे हैं. उनहों ने कहा कि, कहीं किसी ने गलत साइन करवा लिए तो जेल जाना पड़ सकता है. इसलिए किसी को अपने साथ में रखना ही पड़ेगा. जब उनसे पूछा गया कि यह तो नियम के खिलाफ है तब उन्होंने कहा कि मुझे सरपंची करने के लिए तो किसी ना किसी व्यक्ति को रखना ही पड़ता. और वह किसी तरह का घोटाला करता तो जेल हमें ही जाना पड़ता. इसलिए जिसको मैंने प्रतिनिधि बनाया है, वो मेरे बच्चे के समान है. उसको मैंने गोद में खिलाया है. उस पर मुझे पूरा भरोसा है. हालांकि हस्ताक्षर खुद ही करूंगा’.(Harda sarpanch Lakhan Singh Bhilala)
प्रतिनिधि नियुक्त करना गैरकानूनी: इस मामले पर जनपद सीईओ ने भी प्रतिनिधि नियुक्त करने की बात को विधि सम्मत नहीं होना बताया है. साथ ही पंचायत राज अधिनियम में ऐसा कही भी उल्लेख नहीं है कि, कोई भी चुना हुआ जनप्रतिनिधि स्टांप के जरिए किसी और को नियुक्त नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि नियुक्त करना गैरकानूनी है. जो अधिकार चुने हुए जनुपपतिनिधि को मिले होते हैं, उसका खुद निर्वहन सरपंच को करना होता है. उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम के तहत आरक्षण रोस्टर पद्धति अपनाई गई है, वो इसीलिए है कि निचले पायदान को प्रतिनिधित्व देने के लिए आरक्षण रोस्टर का पालन किया जाता है. उन्होंने इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए यह भी कहा कि यह पूरा मामला मेरी जानकारी में नहीं हैं. जैसे ही मेरे संज्ञान में आता है, इस पर कार्रवाई की जाएगी.