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बेजुबानों के लिए मासूमों की पहल, हरदा कलेक्ट्रेट परिसर के पेड़ों पर लगाये पक्षियों के पात्र - भोजन

हरदा कलेक्ट्रेट परिसर में मासूम बच्चों ने अपने नन्हे हाथों से बने पानी के बर्तनों को पक्षियों के लिए पेड़ों पर लगाया. इस दौरान कलेक्ट्रेट के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने लोगों से अपने घरों में पक्षियों के लिए पानी और दाने के पात्र लगाने की मार्मिक अपील की.

हरदा कलेक्ट्रेट परिसर
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Published : Mar 28, 2019, 12:10 AM IST

हरदा। बढ़ते गर्मी की तपिश से आये दिन पशु-पक्षी अपनी जान से हाथ धो रहे हैं. ऐसे में हरदा के मासूम बच्चों ने कलेक्टर ऑफिस पहुंचकर अपने नन्हे हाथों से बने पानी के बर्तनों को पेड़ों पर लगाया. इस दौरान कलेक्ट्रेट के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने लोगों से अपने घरों में पक्षियों के लिए पानी और दाने के पात्र लगाने की मार्मिक अपील की.

हरदा कलेक्ट्रेट परिसर

दरअसल हरदा की एक सोसायटी में रहने वाले बच्चे वेस्ट मटेरियल के जरिये पक्षियों के खाने और पीने के पात्र तैयार किये हैं. जिसे वे पेड़ों पर लगाकर पक्षियों की सेवा कर रहे हैं. बच्चों का कहना है कि जब गर्मी के दिनों में मनुष्य की हालत खराब हो जाती है तो बेजुबानों की हालत क्या होगी. नदी- नाले सूखने की कगार पर हैं जिससे उनकी मौत भी हो जाती है. यही वजह है कि वेस्ट मटेरियल से हमने पक्षियों के खाने-पीने का पात्र तैयार किये हैं.

गौरतलब है कि हरदा कलेक्टर ऑफिस में भी पिछले कई सालों से पानी की कमी बनी हुई है. यहां ऑफिसों में पीने का पानी खरीदा जाता है. कलेक्ट्रेट में हर दिन पानी की केन बुलाई जाती है. वहीं इन बच्चों ने अपने इस छोटे से प्रयास से यहां की पानी की समस्या पर भी ध्यान दिलाया.

हरदा। बढ़ते गर्मी की तपिश से आये दिन पशु-पक्षी अपनी जान से हाथ धो रहे हैं. ऐसे में हरदा के मासूम बच्चों ने कलेक्टर ऑफिस पहुंचकर अपने नन्हे हाथों से बने पानी के बर्तनों को पेड़ों पर लगाया. इस दौरान कलेक्ट्रेट के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने लोगों से अपने घरों में पक्षियों के लिए पानी और दाने के पात्र लगाने की मार्मिक अपील की.

हरदा कलेक्ट्रेट परिसर

दरअसल हरदा की एक सोसायटी में रहने वाले बच्चे वेस्ट मटेरियल के जरिये पक्षियों के खाने और पीने के पात्र तैयार किये हैं. जिसे वे पेड़ों पर लगाकर पक्षियों की सेवा कर रहे हैं. बच्चों का कहना है कि जब गर्मी के दिनों में मनुष्य की हालत खराब हो जाती है तो बेजुबानों की हालत क्या होगी. नदी- नाले सूखने की कगार पर हैं जिससे उनकी मौत भी हो जाती है. यही वजह है कि वेस्ट मटेरियल से हमने पक्षियों के खाने-पीने का पात्र तैयार किये हैं.

गौरतलब है कि हरदा कलेक्टर ऑफिस में भी पिछले कई सालों से पानी की कमी बनी हुई है. यहां ऑफिसों में पीने का पानी खरीदा जाता है. कलेक्ट्रेट में हर दिन पानी की केन बुलाई जाती है. वहीं इन बच्चों ने अपने इस छोटे से प्रयास से यहां की पानी की समस्या पर भी ध्यान दिलाया.

Intro:हरदा के नन्हे बच्चों ने आज कलेक्टर आफिस पहुचकर वहां लगे पेड़ो पर गर्मी के दिनों में आने वाली पानी की कमी के चलते नदियों,तालाबो सहित अन्य पानी के स्रोतों के सूखने से पक्षियों के लिए पीने के पानी की समस्या आ जाती है।इसी बात को ध्यान में रखते हुए इन बच्चो ने अपने हाथों से बने पानी के पात्र ओर भोजन के लिये अलग अलग पात्रों को पेड़ो पर लगाया।साथ ही कलेक्ट्रेट के सभी कर्मचारियों,अधिकारियों सहित जिले के लोगों से भी अपने घरों में पक्षियों के लिए पानी और दाने के पात्र लगाने की मार्मिक अपील की।


Body:हरदा की एक सोसायटी में रहने वाले बच्चों ने पिछले एक सप्ताह से अपने घरों में पक्षियों के लिए पीने के पानी के पात्र को वेस्ट मटेरियल से तैयार किए जा रहे थे।बच्चो का कहना है कि जब गर्मी में मनुष्य को पीने के पानी की समस्या आ जाती है।तो वेजुबान पक्षियों को तो भारी दिक्कत आ जाती है।मनुष्य तो अपना दर्द कह कर जता सकते हैं।लेकिन पक्षियों को पानी के लिए भटकना पड़ता है।तेज गर्मी की वजह से अनेकों पक्षियों की मौत भी हो जाती है।अतः हम सभी को मिलकर इनका भी ख्याल रखना चाहिए।बच्चों ने गर्मी के दिनों में सभी से पक्षियों के लिए पीने के पानी का पात्र लगाकर इस सेवा कार्य मे भागीदार बनने की अपील की है।गौरतलब रहे कि हरदा कलेक्टर ऑफिस में भी पिछले कई सालों से पानी की कमी बनी हुई है।यहां ऑफिसों में पीने का पानी खरीदा जाता है।कलेक्ट्रेड में हर दिन पानी की केन बुलाई जाती है।बच्चों ने अपने इस प्रयास से यहां की पानी की समस्या पर भी ध्यान दिलाया।


Conclusion:बाइट -अदिति गुरु
बाइट - वेदिका गुहा
बाइट - युवराज मालवीय
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