हरदा। हंडिया में नर्मदा नदी के तट पर बनी मुल्ला दो प्याजा की मजार प्रशासन की अनदेखी का शिकार हो रही है. हंडिया में सैकड़ों साल से वीरान पड़ी इस मजार में पुरातत्व विभाग सुधार कार्य करा चुका है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की अनदेखी ने इसे बदहाली में पहुंचा दिया है.
मुल्ला दो प्याजा मुगल सम्राट अकबर के नवरत्नों में शुमार थे. कहा जाता है कि जब सम्राट अकबर दक्कन की यात्रा पर जा रहे थे उसी दौरान रास्ते में मुल्ला दो प्याजा की मौत हो गई, जिसके बाद उन्हें हंडिया में नर्मदा नदी के तट पर सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. तभी से उनकी याद में हंडिया में ताजिए भी निकाले जाते हैं.
अकबर के दरबार में हर नवरत्न अपने किसी खास गुण के लिए जाना जाता था. बीरबल जहां अपनी हाजिर जवाबी के लिए तो मुल्ला दो प्याजा अपने चुटकुलों के लिए मशहूर थे. मुल्ला दो प्याजा का असल नाम अब्दुल हसन था. कहा जाता है कि अब्दुल हसन को भोजन में दो प्याज पसंद थे, जिसके चलते सम्राट अकबर उन्हें दो प्याजा कहकर बुलाते थे. यही वजह है कि उनका नाम मुल्ला दो प्याजा पड़ गया.