हरदा। जिले के छात्रावासों की तीन अधीक्षिकाओं ने सर्वशिक्षा अभियान परियोजना के समन्वयक आर एस तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए थे. अधीक्षिकाओं ने प्रभारी मंत्री पीसी शर्मा से शिकायत कर उन्हें हटाने की मांग की थी. साथ ही थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई थी. इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए हरदा, खिरकिया और टिमरनी के बीआरसी कार्यालय के कर्मचारियों और जनशिक्षकों ने आवेदन देकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.
डीपीसी के पक्ष में आए कर्मचारियों का कहना है कि डीपीसी आर एस तिवारी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर काम रहे हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए भी लगातार काम किया जाता रहा है. जिस वजह से पूरे प्रदेश में हरदा का नाम रोशन हो. आरोप लगाने वाली अधिक्षकाओं के आरोप निराधार हैं. उन्होंने इस तरह के आरोप लगाकर आर एस तिवारी और शिक्षा विभाग की छवि धूमिल की है.
वहीं डीपीसी आर एस तिवारी का कहना है कि तीनों अधीक्षिकाओं ने जो आरोप लगाए हैं, वो गलत हैं. डीपीसी ने संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि तीनों शिक्षिकाओं के द्वारा पढ़ाने और स्कूल संबंधी कार्य नहीं किए जाते हैं, बल्कि आर्थिक लाभ लेने पूरे समय छात्रावास के कार्यों में व्यस्त रहती हैं. साथ ही नियम विरुद्ध एक अधीक्षिका तो अपने पति के साथ छात्रावास में ही रहती हैं. जिसके चलते उन्हें शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर ठीक से काम करने को कहा गया था और उन्होंने इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगा दिए हैं.