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छात्रावास अधीक्षिकाओं ने लगाए डीपीसी पर गंभीर आरोप, जनशिक्षकों ने की निष्पक्ष जांच की मांग

हरदा में तीन छात्रावास अधीक्षिकाओं ने डीपीसी आर एस तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसे बेबुनियाद बताते हुए हरदा, खिरकिया और टिमरनी के बीआरसी कार्यालय के कर्मचारियों और जनशिक्षकों ने आवेदन देकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

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Published : Sep 28, 2019, 2:32 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 3:00 PM IST

डीपीसी पर छात्रावास अधीक्षिकाओं ने लगाए गंभीर आरोप

हरदा। जिले के छात्रावासों की तीन अधीक्षिकाओं ने सर्वशिक्षा अभियान परियोजना के समन्वयक आर एस तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए थे. अधीक्षिकाओं ने प्रभारी मंत्री पीसी शर्मा से शिकायत कर उन्हें हटाने की मांग की थी. साथ ही थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई थी. इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए हरदा, खिरकिया और टिमरनी के बीआरसी कार्यालय के कर्मचारियों और जनशिक्षकों ने आवेदन देकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

डीपीसी पर छात्रावास अधीक्षिकाओं ने लगाए गंभीर आरोप

डीपीसी के पक्ष में आए कर्मचारियों का कहना है कि डीपीसी आर एस तिवारी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर काम रहे हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए भी लगातार काम किया जाता रहा है. जिस वजह से पूरे प्रदेश में हरदा का नाम रोशन हो. आरोप लगाने वाली अधिक्षकाओं के आरोप निराधार हैं. उन्होंने इस तरह के आरोप लगाकर आर एस तिवारी और शिक्षा विभाग की छवि धूमिल की है.

वहीं डीपीसी आर एस तिवारी का कहना है कि तीनों अधीक्षिकाओं ने जो आरोप लगाए हैं, वो गलत हैं. डीपीसी ने संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि तीनों शिक्षिकाओं के द्वारा पढ़ाने और स्कूल संबंधी कार्य नहीं किए जाते हैं, बल्कि आर्थिक लाभ लेने पूरे समय छात्रावास के कार्यों में व्यस्त रहती हैं. साथ ही नियम विरुद्ध एक अधीक्षिका तो अपने पति के साथ छात्रावास में ही रहती हैं. जिसके चलते उन्हें शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर ठीक से काम करने को कहा गया था और उन्होंने इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगा दिए हैं.

हरदा। जिले के छात्रावासों की तीन अधीक्षिकाओं ने सर्वशिक्षा अभियान परियोजना के समन्वयक आर एस तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए थे. अधीक्षिकाओं ने प्रभारी मंत्री पीसी शर्मा से शिकायत कर उन्हें हटाने की मांग की थी. साथ ही थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई थी. इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए हरदा, खिरकिया और टिमरनी के बीआरसी कार्यालय के कर्मचारियों और जनशिक्षकों ने आवेदन देकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

डीपीसी पर छात्रावास अधीक्षिकाओं ने लगाए गंभीर आरोप

डीपीसी के पक्ष में आए कर्मचारियों का कहना है कि डीपीसी आर एस तिवारी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर काम रहे हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए भी लगातार काम किया जाता रहा है. जिस वजह से पूरे प्रदेश में हरदा का नाम रोशन हो. आरोप लगाने वाली अधिक्षकाओं के आरोप निराधार हैं. उन्होंने इस तरह के आरोप लगाकर आर एस तिवारी और शिक्षा विभाग की छवि धूमिल की है.

वहीं डीपीसी आर एस तिवारी का कहना है कि तीनों अधीक्षिकाओं ने जो आरोप लगाए हैं, वो गलत हैं. डीपीसी ने संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि तीनों शिक्षिकाओं के द्वारा पढ़ाने और स्कूल संबंधी कार्य नहीं किए जाते हैं, बल्कि आर्थिक लाभ लेने पूरे समय छात्रावास के कार्यों में व्यस्त रहती हैं. साथ ही नियम विरुद्ध एक अधीक्षिका तो अपने पति के साथ छात्रावास में ही रहती हैं. जिसके चलते उन्हें शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर ठीक से काम करने को कहा गया था और उन्होंने इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगा दिए हैं.

Intro:सर्वशिक्षाअभियान के परियोजना समन्वयक आर एस तिवारी पर छात्रावासों में अधिक्षिका के रूप में काम करने वाली तीन शिक्षिकाओं ने गम्भीर आरोप लगाते हुए जिले के प्रभारी मंत्री पी सी शर्मा से शिकायत कर हटाने की मांग की थी।वही उनके खिलाफ थाने में भी शिकायत दर्ज की गई थी।
वही दूसरी ओर डीपीसी तिवारी के पक्ष में हरदा,खिरकिया और टिमरनी के बीआरसी कार्यालय के कर्मचारियों और जनशिक्षकों ने एक आवेदन देकर मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।कर्मचारियों कहना है कि डीपीसी तिवारी के द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर काम किया जा रहा है।जिसके चलते पूरे प्रदेश में हरदा का नाम रोशन हुआ है।कर्मचारियों का कहना है कि आरोप लगाने वाली शिक्षिकाओं के आरोप निराधार है।उन्होंने इस तरह के आरोप लगा कर तिवारी और शिक्षा विभाग की छवि धूमिल की है।


Body:दरअसल प्राथमिक शाला गुठानिया की शिक्षिका ममता परते,हाईस्कूल खामापडमा की शिक्षिका प्रमिला धोत्रे एवं माध्यमिक शाला मगरधा की शिक्षिका निर्मला बराडे ने डीपीसी आरएस तिवारी के खिलाफ कलेक्टर ओर पुलिस को शिकायत और गम्भीर आरोप लगाए थे।साथ ही प्रभारी मंत्री पी सी शर्मा से भी उन्हें हटाए जाने की मांग की थी।
वही डीपीसी तिवारी का कहना है कि तीनों शिक्षिकाओं के लगाए आरोप बेबुनियाद है।उन्होंने सँयुक्त संचालक शिक्षा को पत्र लिखकर कहा है कि तीनों शिक्षिकाओं के द्वारा पढ़ाने ओर स्कूल सम्बन्धी कार्य नही किये जाते।इसके उलट आर्थिक लाभ लेने पूरे समय छात्रावास के कार्यो में व्यस्त रहते है।साथ ही नियम विरुद्ध एक शिक्षिका तो अपने पति के साथ छात्रावास में रहती है।जिसके चलते उन्हें शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर ठीक से काम करने को कहा गया था।जिसके कारण उन्होंने इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाए है।डीपीसी तिवारी ने उन शिक्षिकाओं के खिलाफ कोर्ट जाने की भी बात कही है।
बाईट- आर एस तिवारी
डीपीसी,हरदा


Conclusion:डीपीसी के पक्ष में आए कर्मचारियों का कहना है कि डीपीसी के द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर लगातार काम किया जा रहा है।वही ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके इसको लेकर लगातार काम किया जाता रहा है।उक्त शिक्षिकाओं के द्वारा अप्रमाणित आरोप लगाकर शिक्षा विभाग और तिवारी की छवि धूमिल की है।इसकी निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कारवाई होनी चाहिए।

बाईट -उमा धुर्व
जनशिक्षक ,सोडलपुर
Last Updated : Sep 28, 2019, 3:00 PM IST
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