हरदा। जिले के छात्र छात्राओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा बीते 4 सालों पहले मॉडल कालेज की सौगात तो दे दी गई, लेकिन आज भी यह मॉडल कालेज मूलभूत सुविधाओं के अभाव में संचालित किए जा रहे हैं.
प्रशासन के द्वारा कालेज के लिए 45 पदों की स्वीकृति प्रदान की गई है, लेकिन आर्ट, कॉमर्स एवं साइंस संकाय की कक्षाएं 12 अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रही हैं. केंद्र सरकार के द्वारा मॉडल कॉलेज के लिए 12 करोड़ राशि मंजूरी की गई थी, जिनमें कॉलेज भवन, स्टाफ क्वाटर, खेल मैदान एवं लेव का निर्माण किया जाना था, लेकिन जमीन नहीं मिलने के चलते यह राशि लैप्स हो गई है.
कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य के के तिवारी का कहना है कि, संसाधनों की कमी से बहुत परेशानी होती है. स्टाफ में 13 लोगों के लिए केवल 9 कुर्सियां हैं. यदि कोई गेस्ट आ जाता है, तो उस दौरान कुछ लोगों को खड़े रहना पड़ता है. वहीं चार कमरों में से एक कमरे में स्टाफ रूम और प्राचार्य कक्ष बनाया गया हैं. परिसर में बिजली और पीने की पानी तक की कोई व्यवस्था नहीं है.