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हरदा मंडी बंद, व्यापारियों पर किसानों को परेशान करने का आरोप

हरदा के व्यापारियों ने किसानों को उनकी उपज के 2 लाख रुपए का भुगतान नहीं किया है. जिसके बाद मंडी प्रशासन ने मंडी बंद करने का निर्णय लिया है.

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Published : Jun 7, 2019, 9:27 AM IST

Updated : Jun 7, 2019, 9:56 AM IST

हरदा

हरदा। जिले के व्यापारियों ने किसानों को उनकी उपज के 2 लाख रुपए का भुगतान नहीं किया है. जिसके बाद मंडी प्रशासन ने हरदा मंडी को बंद रखा. इसके कारण मंडी में खरीदी नहीं हो पाई है. वहीं किसान संघ का आरोप है कि स्थानीय व्यापारी अपने निजी लाभ और नगदी की कमी को लेकर किसानों को परेशान कर रहे हैं.

भुगतान नहीं होने से मंडी बंद

भारतीय किसान संघ के जिला उपाध्यक्ष चिरौंजीलाल विश्नोई ने बताया कि मध्यप्रदेश की सभी जिलों की मंडियों में 2 लाख रुपये तक का नगद भुगतान हो रहा है और मंडियां सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं. मंडी में कुछ व्यापारियों के पास नगद की व्यवस्था नहीं है, इसलिए वे किसानों को परेशान कर रहे हैं. उन्होंने व्यापारियों से तुरंत किसानों का नगद भुगतान करने की मांग की.

मंडी बंद के सवाल का जवाब देते हुए चिरौंजीलाल विश्नोई ने कहा कि किसान अपनी फसल मंडी में ला रहा है, लेकिन व्यापारी किसानों के भुगतान को रोककर उन्हें बेवजह परेशान कर रहे हैं. मंडी सचिव ने बताया कि हरदा में मंडी प्रशासन के द्वारा मिले निर्देशानुसार किसानों को उनकी उपज खरीदने पर सभी व्यापारियों को दो लाख तक का नगद भुगतान करने के लिखित निर्देश दिए गए हैं. किसान संगठनों को कैशलेस व्यवस्था में परेशानी आने पर सरकार से दो लाख नगद भुगतान करने की मांग की गई थी, जिसे लेकर प्रदेश सरकार और मंडी बोर्ड ने सभी किसानों को 2 लाख रुपए कैश भुगतान करने को कहा गया है. पहले भी व्यापारियों के द्वारा भुगतान नगद में ही किया जाता रहा है.

हरदा। जिले के व्यापारियों ने किसानों को उनकी उपज के 2 लाख रुपए का भुगतान नहीं किया है. जिसके बाद मंडी प्रशासन ने हरदा मंडी को बंद रखा. इसके कारण मंडी में खरीदी नहीं हो पाई है. वहीं किसान संघ का आरोप है कि स्थानीय व्यापारी अपने निजी लाभ और नगदी की कमी को लेकर किसानों को परेशान कर रहे हैं.

भुगतान नहीं होने से मंडी बंद

भारतीय किसान संघ के जिला उपाध्यक्ष चिरौंजीलाल विश्नोई ने बताया कि मध्यप्रदेश की सभी जिलों की मंडियों में 2 लाख रुपये तक का नगद भुगतान हो रहा है और मंडियां सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं. मंडी में कुछ व्यापारियों के पास नगद की व्यवस्था नहीं है, इसलिए वे किसानों को परेशान कर रहे हैं. उन्होंने व्यापारियों से तुरंत किसानों का नगद भुगतान करने की मांग की.

मंडी बंद के सवाल का जवाब देते हुए चिरौंजीलाल विश्नोई ने कहा कि किसान अपनी फसल मंडी में ला रहा है, लेकिन व्यापारी किसानों के भुगतान को रोककर उन्हें बेवजह परेशान कर रहे हैं. मंडी सचिव ने बताया कि हरदा में मंडी प्रशासन के द्वारा मिले निर्देशानुसार किसानों को उनकी उपज खरीदने पर सभी व्यापारियों को दो लाख तक का नगद भुगतान करने के लिखित निर्देश दिए गए हैं. किसान संगठनों को कैशलेस व्यवस्था में परेशानी आने पर सरकार से दो लाख नगद भुगतान करने की मांग की गई थी, जिसे लेकर प्रदेश सरकार और मंडी बोर्ड ने सभी किसानों को 2 लाख रुपए कैश भुगतान करने को कहा गया है. पहले भी व्यापारियों के द्वारा भुगतान नगद में ही किया जाता रहा है.

Intro:हरदा में व्यापारियों के द्वारा किसानों को उनकी उपज का दो लाख रुपए का नगद भुगतान नहीं करने को लेकर मंडी प्रशासन ने हरदा मंडी बंद कर दी है।जिसके चलते आज हरदा मंडी में खरीदी नही हो पाई है।जिला प्रशासन और मंडी प्रशासन व्यापारियों से किसानों को उनकी उपज का दो लाख रुपए करने की बात कह रहा है।वही दूसरी ओर व्यापारी संघ केंद्र और राज्य सरकार के बीच अलग अलग निर्देश के लागू करने को लेकर असमंजस की स्तीथि है।व्यापारी संघ का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी मिलकर व्यापारियों की इस समस्या को हल करते हैं तो मंडी में खरीदी के उपरांत दो लाख नगद भुगतान या आरटीजीएस करने में व्यापारियों को कोई दिक्कत नहीं है।उधर भारतीय किसान संघ का कहना है कि मध्यप्रदेश की अन्य मंडियों में दो लाख नगद भुगतान किया जा रहा है।स्थानीय व्यापारियों के द्वारा अपने निजी हितों ओर नगदी की कमी को लेकर किसानों को परेशान किया जा रहा है।तपती दोपहरी में किसान अपनी उपज मंडी लेकर आ जाये और व्यापारियों के द्वारा खरीदा नही जाए इसी बात को लेकर मंडी प्रशासन ने किसानों को उपज मंडी में नही लाने को कहा है।मंडी में आवक नही होने से मंडी परिसर पूरे दिन सुना पड़ा रहा।


Body:हरदा में मंडी प्रशासन के द्वारा मंडी बोर्ड से मिले निर्देशानुसार किसानों को उनकी उपज खरीदने पर सभी व्यापारियों को दो लाख तक का नगद भुगतान करने के लिखित निर्देश दिए गए हैं।किसान संगठनों को केशलेस व्यवस्था में परेशानी आने पर सरकार से दो लाख नगदी भुगतान करने की मांग की गई थी।जिसको लेकर प्रदेश सरकार और मंडी बोर्ड ने सभी किसानों को दो लाख रुपए नगद भुगतान करने को कहा गया है।पहले भी व्यापारियों के द्वारा भुगतान नगद ही किया जाता रहा है।प्रदेश की अन्य मंडियों में व्यापारियों के द्वारा दो लाख तक का नगद भुगतान किया जा रहा है।यदि हरदा मंडी के व्यापारियों को इनकमटैक्स के मामले में दिक्कतें आ रही है तो वो प्रशासन जे बैठकर बात करे।दूसरी चीजों की आड़ लेकर नगद भुगतान नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
बाईट-मंडी सचिव, हरदा
उधर भारतीय किसान संघ का कहना है कि प्रदेश की अधिकांश मंडियों में व्यापारियों के द्वारा नगद भुगतान किया जा रहा है।लेकिन हरदा के व्यापारियों के द्वारा दो लाख रुपए के नगद भुगतान करने में आनाकानी की जा रही हैं।मंडी को बंद करना अनुचित है।
बाईट- चिरोंजी लाल विश्नोई
जिला उपाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ,हरदा


Conclusion:उधर ग्रेन मर्चेंट संघ के सामने किसानों को कौन सी विधि के माध्यम से भुगतान किया जाए यह समस्या आ रही है।व्यापारियों का कहना है कि एक ओर केंद्र सरकार केशलेस ट्रांजेक्शन की बात कर रही है।वही आयकर विभाग 10 हजार से ज्यादा नगद भुगतान नहीं करने को कह रहा है।जबकि मंडी बोर्ड हमें दो लाख रुपए तक नगदी भुगतान करने को कह रहा है।जिसके चलते व्यापारियों के सामने असमंजस की स्तिथी बन गई है।व्यापारी संघ ने शासन को सलाह दी है कि केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को व्यपारियों के सामने नगदी भुगतान में आने वाली समस्या को लेकर बात कर कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए।ताकि व्यापारी किस विधि के माध्यम से किसानों को नगद भुगतान कर सके।व्यापारी संघ के कोषाध्यक्ष पंकज अग्रवाल का कहना है कि व्यापारियों को आयकर विभाग के द्वारा नगदी भुगतान करने को स्पष्ट मना किया गया है।जिसको लेकर व्यपारियों के सामने असमंजस बना हुआ है।
बाईट - महेश अग्रवाल
अध्यक्ष, ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन, कृषि उपज मंडी, हरदा
Last Updated : Jun 7, 2019, 9:56 AM IST
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