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हरदाः धूमधाम से मनाया जा रहा है गणगौर त्योहार

हरदा में गणगौर उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. गणगौर पर महिलाएं मां पार्वती की आराधना कर अखंड सुहाग और खुशहाली की मनोकामना मांगती हैं.

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Published : Mar 31, 2019, 7:58 PM IST

Updated : Mar 31, 2019, 8:34 PM IST

हरदा में मची गणगौर की धूम

हरदा। जिले में इन दिनों गणगौर उत्सव की धूम मची हुई है. गांव-गांव में आकर्षक पंडाल लगाकर गणगौर मनाया जा रहा है. महिला और पुरूष साथ मिलकर मां पार्वती की अराधना कर नृत्य और स्वांग करते हैं.

हरदा में मची गणगौर की धूम

साल में दो बार मनाया जाने वाला ये त्योहार 7 अप्रैल तक चलेगा. मारवाड़ी अग्रवाल समाज की महिलाओं और अविवाहित लड़कियां16 दिनों तक यह पर्व मनाती हैं. वो गौर की पूजा करती हैं. विवाहित महिलाएं अखण्ड सुहाग और घर की खुशहाली की कामना करती हैं तो वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की कामना करती हैं. भगवान शंकर और पार्वती के रूप में गणगौर माता और धनियर राजा की पूजा कर झालरे दिए जाते हैं.

अपनी भाषा में गणगौर की खुशियों को बताती महिला

गणगौर की पूजा के दौरान महिलाएं लोकगीतों पर नृत्य भी करती हैं. गणगौर को राजस्थान में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. लेकिन, निमाड़ और भुआणा अंचल में भी इस उत्सव को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जाता है. जिले के गांवो में पंडाल लगाकर नृत्य और स्वांग प्रस्तुत किए जा रहे हैं जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है.

हरदा। जिले में इन दिनों गणगौर उत्सव की धूम मची हुई है. गांव-गांव में आकर्षक पंडाल लगाकर गणगौर मनाया जा रहा है. महिला और पुरूष साथ मिलकर मां पार्वती की अराधना कर नृत्य और स्वांग करते हैं.

हरदा में मची गणगौर की धूम

साल में दो बार मनाया जाने वाला ये त्योहार 7 अप्रैल तक चलेगा. मारवाड़ी अग्रवाल समाज की महिलाओं और अविवाहित लड़कियां16 दिनों तक यह पर्व मनाती हैं. वो गौर की पूजा करती हैं. विवाहित महिलाएं अखण्ड सुहाग और घर की खुशहाली की कामना करती हैं तो वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की कामना करती हैं. भगवान शंकर और पार्वती के रूप में गणगौर माता और धनियर राजा की पूजा कर झालरे दिए जाते हैं.

अपनी भाषा में गणगौर की खुशियों को बताती महिला

गणगौर की पूजा के दौरान महिलाएं लोकगीतों पर नृत्य भी करती हैं. गणगौर को राजस्थान में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. लेकिन, निमाड़ और भुआणा अंचल में भी इस उत्सव को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जाता है. जिले के गांवो में पंडाल लगाकर नृत्य और स्वांग प्रस्तुत किए जा रहे हैं जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है.

Intro:हरदा जिले में इन दिनों गणगौर उत्सव की धूम मची हुई है।जिले के ग्राम धुरगाड़ा,कमताड़ा,नोसर,रहटगांव,सोडलपुर,डेडगांव सहित अन्य गांवों में नो दिवसीय गणगौर महोत्सव की धूम मची हुई है।यहां पर रंग बिरंगी रोशनी से सजे आकर्षक पंडालों में हर दिन शाम को महिलाओं और पुरूषों के द्वारा माता की आराधना में झालरे दिए जाते हैं।इस पर्व को मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य महिलाओं के द्वारा अपने अखण्ड सुहाग की कामना एवं अविवाहित लड़कियों के द्वारा श्रेष्ठ वर की इच्छा को लेकर लगातार नो दिनों माता गणगौर को पूरी सादगी के साथ पूजा अर्चना की जाती है।वैसे हो गणगौर पर्व को राजस्थान प्रांत में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है।लेकिन निमाड़ ओर भुआणा अंचल में भी इस उत्सव को लेकर लोगो मे खासा उत्साह देखा जाता है।यहां जिस भी परिवार में गणगौर माता से मन्नत मांगी जाती है उसके मनोकामना को पूरा होने पर उस परिवार के द्वारा अपने घर पर पावनी बुलाई जाती है।
बाइट - शकुंतलाबाई अत्रे
गणगौर माता की सेवाधारी महिला


Body:गणगौर महोत्सव को साल में दो बार मनाया जाता है।चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को गणगौर की पूजा शुभारंभ हुई है।जो आगामी 7 अप्रेल तक चलेगा।मारवाड़ी अग्रवाल समाज की महिलाओं और अविवाहित लड़कियों के द्वारा 16 दिनों तक यह पर्व मनाया जाता है।इस पर्व में विवाहित स्त्रियों के द्वारा गौर की बड़े ही सादगी के साथ पूजा की जाती है।इस पर्व में जहां विवाहित महिलाओं के द्वारा अखण्ड सुहाग के लिए तो वही कुआरी लड़कियों के द्वारा श्रेष्ठ पति की कामना के साथ साथ अपने ससुराल ओर पीहर के सुख सम्रद्धि के लिए भगवान शंकर और पार्वती के रूप में गणगौर माता और धनियर राजा की पूजा कर झालरे दिए जाते है।गणगौर की पूजा के दौरान महिलाओं के द्वारा गाए जाने वाले लोकगीत इस पर्व की आत्मा होते हैं।इस पर्व में आयोजक परिवार के द्वारा आठवें दिन माता रनुबाई ओर धनियर राजा को किसी नदी या सरोवर के किनारे पानी के लिए ले जाया जाता है।जहां पर विधि विधान से उनका विवाह संपन्न कराया जाता है।इस आयोजन को लेकर पूरे भुआणा अंचल में उत्साह देखा जाता है।
बाइट - चन्द्रशेखर बिल्लोरे
श्रद्धालु, हरदा


Conclusion:हरदा जिले में अलग अलग गांवो में होने वाले गणगौर उत्सव के दौरान मंडलो के द्वारा आकर अपनी नृत्य की प्रस्तुति देकर स्वांग भी किये जाते हैं।जिसे देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ती है।वही मारवाड़ी अग्रवाल समाज महिला मंडल के द्वारा भी अलग अलग स्थानों पर गणगौर का उत्सव मनाया जा रहा है।जिसमें अलग अलग वेश धारण कर महिलाओं के द्वारा स्वांग रचकर नृत्य किया जाता है।
Last Updated : Mar 31, 2019, 8:34 PM IST
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