हरदा। जिले में इन दिनों गणगौर उत्सव की धूम मची हुई है. गांव-गांव में आकर्षक पंडाल लगाकर गणगौर मनाया जा रहा है. महिला और पुरूष साथ मिलकर मां पार्वती की अराधना कर नृत्य और स्वांग करते हैं.
साल में दो बार मनाया जाने वाला ये त्योहार 7 अप्रैल तक चलेगा. मारवाड़ी अग्रवाल समाज की महिलाओं और अविवाहित लड़कियां16 दिनों तक यह पर्व मनाती हैं. वो गौर की पूजा करती हैं. विवाहित महिलाएं अखण्ड सुहाग और घर की खुशहाली की कामना करती हैं तो वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की कामना करती हैं. भगवान शंकर और पार्वती के रूप में गणगौर माता और धनियर राजा की पूजा कर झालरे दिए जाते हैं.
गणगौर की पूजा के दौरान महिलाएं लोकगीतों पर नृत्य भी करती हैं. गणगौर को राजस्थान में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. लेकिन, निमाड़ और भुआणा अंचल में भी इस उत्सव को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जाता है. जिले के गांवो में पंडाल लगाकर नृत्य और स्वांग प्रस्तुत किए जा रहे हैं जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है.