हरदा। लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर और फसलों की ग्रोथ में रुकावट लाने वाली गाजर घास को मूल रूप से नष्ट करने के लिए नागपुर के एक निजी संस्थान द्वारा कृषि मंत्री कमल पटेल के फार्म हाउस पर अपनी दवाई का डेमो दिया गया. इस दौरान संस्थान से जुड़े वैज्ञानिकों ने दावा किया कि उनके द्वारा तैयार की गई दवाई से गाजर घास ही नष्ट होगी, जबकि फसल या मानव जीवन पर इस दवा का कोई भी विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा. इस गाजर घास करने के लिए उपयोग की जाने वाली अन्य आम दवाई से लोगों को अस्थमा और त्वचा रोग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो कि पूरे देश में एक बड़ी परेशानी है. इससे बेंगलुरु जैसे शहर में कई लोग प्रभावित हो चुके हैं.
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फसलों और खाली स्थान पर हर साल बड़ी संख्या में गाजर घास उग जाती है, जिसे नष्ट करने के लिए किसानों को परेशान होना पड़ता है, क्योंकि खरपतवार को नष्ट करने वाली दवा की वजह से अस्थमा और चर्म रोग जैसी बीमारी से भी पीड़ित होना पड़ता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए नागपुर की एक संस्था द्वारा गाजर घास को नष्ट करने के लिए दवा तैयार की गई है.
कृषि मंत्री कमल पटेल ने खुद अपने फार्म हाउस पर दवा का छिड़काव करवा के देखा. इस दौरान उन्होंने कहा कि, 'उनके द्वारा जबलपुर के कृषि विज्ञान केंद्र में इस दवा को भेजकर टेस्ट कराया जाएगा. अगर वहां पर यह सैंपल पास होता है, तो इसका उपयोग गाजर घास को नष्ट करने के लिए किया जाएगा. हालांकि इस दौरान उन्होंने गाजर घास को कांग्रेस का प्रतीक भी बताया.
फिलहाल, संस्थान द्वारा तैयार किया गया बायो उत्पाद का डेमो कृषि मंत्री कमल पटेल के फार्म हाउस पर कराया गया है, जहां दवा के छिड़काव के कुछ देर बाद ही गाजर घास में लगे फूल मुरझाने लगे, लेकिन जब तक उच्च संस्थान द्वारा इस सैंपल को सर्टिफाइड नहीं किया जाता, तब तक यह उपयोग में नहीं लाया जायेगा.