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अनिश्चितकालीन हड़ताल पर किसान, केंद्र और प्रदेश सरकार को सद्‌बुद्धि के लिए किया सुंदरकांड का पाठ - the recite of the Sundarakand done by farmers in Harda

कृषि उपज मंडी में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे किसानों ने केंद्र की मोदी और प्रदेश की कमलनाथ सरकार को सद्‌बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ किया.

सुंदरकांड का पाठ
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Published : Jul 18, 2019, 5:58 PM IST

हरदा। कृषि उपज मंडी में आम किसान यूनियन के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे किसानों ने केंद्र की मोदी और प्रदेश की कमलनाथ सरकार को सद्‌बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ किया. अनिश्चितकालीन हड़ताल के दूसरे दिन धरनास्थल पर ही पाठ किया गया.

केंद्र और प्रदेश सरकार को सद्‌बुद्धि के लिए सुंदरकांड

किसानों का आरोप है कि हमारे द्वारा खून पसीना बहाकर फसल पैदा की जाती है. हमें उसकी लागत के मुकाबले हमेशा से ही कम मूल्य मिलता आ रहा है. इस साल भी जिले में मूंग की फसल की बड़ी मात्रा में पैदावार हुई है. लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू नहीं होने के कारण किसानों को मूंग कम दामों पर मंडियों में बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है. केंद्र और राज्य सरकार की आपसी लड़ाई का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. सरकारों को आपसी तालमेल कर फसलों का समर्थन मूल्य तय करना चाहिए. जिले के करीब पांच सौ हेक्टेयर में 12 हजार से अधिक किसानों ने बुआई की थी.

यह है हड़ताल का कारण

केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा लागत मूल्य के आधार पर फसलों का दाम तय किए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर आम किसान यूनियन के बैनर तले किसान कृषि उपज मंडी में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी सभी मांगों को पूरा नहीं किया जायेगा वह हड़ताल जारी रखेंगे.

हरदा। कृषि उपज मंडी में आम किसान यूनियन के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे किसानों ने केंद्र की मोदी और प्रदेश की कमलनाथ सरकार को सद्‌बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ किया. अनिश्चितकालीन हड़ताल के दूसरे दिन धरनास्थल पर ही पाठ किया गया.

केंद्र और प्रदेश सरकार को सद्‌बुद्धि के लिए सुंदरकांड

किसानों का आरोप है कि हमारे द्वारा खून पसीना बहाकर फसल पैदा की जाती है. हमें उसकी लागत के मुकाबले हमेशा से ही कम मूल्य मिलता आ रहा है. इस साल भी जिले में मूंग की फसल की बड़ी मात्रा में पैदावार हुई है. लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू नहीं होने के कारण किसानों को मूंग कम दामों पर मंडियों में बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है. केंद्र और राज्य सरकार की आपसी लड़ाई का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. सरकारों को आपसी तालमेल कर फसलों का समर्थन मूल्य तय करना चाहिए. जिले के करीब पांच सौ हेक्टेयर में 12 हजार से अधिक किसानों ने बुआई की थी.

यह है हड़ताल का कारण

केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा लागत मूल्य के आधार पर फसलों का दाम तय किए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर आम किसान यूनियन के बैनर तले किसान कृषि उपज मंडी में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी सभी मांगों को पूरा नहीं किया जायेगा वह हड़ताल जारी रखेंगे.

Intro:हरदा की कृषि उपज मंडी में आम किसान यूनियन के बैनर तले जिले के किसान अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं।हड़ताल के दूसरे दिन किसानों ने धरनास्थल पर केंद्र की मोदी एवं प्रदेश की कमलनाथ सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ किया।
गौरतलब है कि केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा किसानों की समस्याओं और लागत मूल्य के आधार पर फसलों का दाम तय नहीं किए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर आम किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने हरदा की कृषि उपज मंडी में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है।।किसानों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगो को सरकार द्वारा पूरी नही की जाती उनकी हड़ताल जारी रहेगी।


Body:किसानों का कहना है कि हमारे द्वारा खून पसीना बहाकर फसल पैदा की जाती है।हमे उनकी लागत के मुलाबले हमेशा से ही कम मूल्य मिलता आ रहा है।इस साल भी जिले में सरकार के द्वारा ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल की खरीदी अब तक शुरू नही की गई है।जिसको लेकर किसानों में आक्रोश है।


Conclusion:आम किसान यूनियन के राम इनानिया का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार की आपसी लड़ाई का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।सरकार को आपसी तालमेल कर
किसानों को उनकी सभी फसलों का समर्थन मूल्य तय किया जाना चाहिए।जिले इस साल मूंग की फसल की बड़ी मात्रा में पैदावार हुई है।लेकिन समर्थन मूल्य पर पर खरीदी शुरू नही होने से किसानों को कम।दामों पर मंडियों में बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है।जिले के करीब पांच सौ हेक्टेयर में 12 हजार से अधिक किसानों ने की थी बुआई।
बाईट - राम इनानिया सदस्य आम किसान यूनियन, हरदा
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