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हरदा: दूल्हादेव के मंदिर में भक्त लगाते हैं शादी की अर्जी, भाईदूज के दिन लगती है भारी भीड़

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Published : Oct 28, 2019, 8:37 PM IST

Updated : Oct 29, 2019, 12:28 AM IST

हरदा के उड़ा गांव के दूल्हादेव मंदिर में मान्यता है कि जिन युवक-युवतियों की शादी नहीं हो रही हो यहां आकर मन्नत मांगने से पूरी हो जाती है.

दूल्हादेव कराते हैं युवक-युवतियों की शादी

हरदा। शहर के उड़ा गांव में एक ऐसा मंदिर है, जहां की मान्यता है कि जिन युवक-युवतियों की शादी नहीं हो रही हो, यहां आने से उनकी शादी की मनोकामना पूरी हो जाती है. दूल्हादेव के इस मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन यानी भाई दूज के मौके पर हर साल लगने वाले मेले में सैकड़ों की संख्या में लोग दर्शन करने पहुचंते हैं. सालों से चली आ रही इस मान्यता के कारण ये मंदिर आज भी आस्था का केंद्र है.

दूल्हादेव के मंदिर में भक्त लगाते हैं शादी की अर्जी

दूल्हा देव के मंदिर की मान्यता है कि जिन युवक ओर युवतियों की शादी में किन्ही कारणों से बाधा आती है, उनके द्वारा यहां आकर दूल्हादेव के सामने मत्था टेकने से शादी हो जाती है. वहीं मन्नत पूरी होने पर जोड़े अगले साल साथ आकर दर्शन कर भेंट चढ़ाते हैं.

दीवाली के दूसरे दिन भाई दूज पर इस मंदिर का नजारा अलग ही रहता है. भाईदूज में जहां बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनके स्वस्थ रहने और लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं उड़ा के दूल्हादेव जिन परिवारों के कुलदेवता माने जाते है, वे परिवार और सैकड़ों की संख्या में भक्त इस मंदिर में आते हैं.

हरदा। शहर के उड़ा गांव में एक ऐसा मंदिर है, जहां की मान्यता है कि जिन युवक-युवतियों की शादी नहीं हो रही हो, यहां आने से उनकी शादी की मनोकामना पूरी हो जाती है. दूल्हादेव के इस मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन यानी भाई दूज के मौके पर हर साल लगने वाले मेले में सैकड़ों की संख्या में लोग दर्शन करने पहुचंते हैं. सालों से चली आ रही इस मान्यता के कारण ये मंदिर आज भी आस्था का केंद्र है.

दूल्हादेव के मंदिर में भक्त लगाते हैं शादी की अर्जी

दूल्हा देव के मंदिर की मान्यता है कि जिन युवक ओर युवतियों की शादी में किन्ही कारणों से बाधा आती है, उनके द्वारा यहां आकर दूल्हादेव के सामने मत्था टेकने से शादी हो जाती है. वहीं मन्नत पूरी होने पर जोड़े अगले साल साथ आकर दर्शन कर भेंट चढ़ाते हैं.

दीवाली के दूसरे दिन भाई दूज पर इस मंदिर का नजारा अलग ही रहता है. भाईदूज में जहां बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनके स्वस्थ रहने और लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं उड़ा के दूल्हादेव जिन परिवारों के कुलदेवता माने जाते है, वे परिवार और सैकड़ों की संख्या में भक्त इस मंदिर में आते हैं.

Intro:हरदा जिले के ग्राम उड़ा में स्तिथ सालों पुराने दूल्हादेव के स्थान पर प्रतिवर्ष दीवावली ओर होली की भाईदूज को सैकड़ो की संख्या में लोग दर्शन करने पहुचते है। ऐसी मान्यता है कि जिन युवक ओर युवतियों की शादी में किन्ही कारणों से बाधा आती है उन कुंवारे युवक युवतियों के द्वारा अपने परिजनों के साथ दूल्हादेव के दरबार मे आकर मत्था टेक कर मनमाफिक वर- वधु के लिए भेंट रखी जाती है।वही मन्नत पूरी होने पर अगले साल जोड़े से आकर दर्शन कर भेंट चढ़ाई जाती है।यहां सालो से लोग इस परंपरा को निभाते आ रहे है।जिसके चलते यह मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।


Body:वैसे हो पूरे साल ही यहां लोग दर्शनों के लिए आते है।लेकिन दीपावली की भाईदूज का यहां पर विशेषमहत्व होता है।जब बहनों के द्वारा तिलक लगाकर अपने भाई के स्वस्थ्य रहने और लंबी उम्र की कामना की जाती है।वही उड़ा के दूल्हादेव मन्दिर में जिन परिवारों के कुलदेवता माने जाते है उन परिवारों के अलावा भी सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालुओं के द्वारा पहुँचकर दर्शन किये जाते है। यहां मुराद लेकर आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है।
बाईट- गुलाबदास नाथ,सेवक
बाईट- सौरभ दुबे,सेवक


Conclusion:दीपावली की भाईदूज के दिन यहां पर एकदिवसीय मेला लगता है।जहां लोग अपनी मान मनोती पूरी होने पर तुलादान सहित अन्य रस्मो को निभाते है।वही जिन परिवारों के कुल देवता है उस परिवार के लोग आकर पूजन करते है।
बाईट-सूरजबाई,स्थानीय नागरिक
Last Updated : Oct 29, 2019, 12:28 AM IST
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