हरदा। शहर के उड़ा गांव में एक ऐसा मंदिर है, जहां की मान्यता है कि जिन युवक-युवतियों की शादी नहीं हो रही हो, यहां आने से उनकी शादी की मनोकामना पूरी हो जाती है. दूल्हादेव के इस मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन यानी भाई दूज के मौके पर हर साल लगने वाले मेले में सैकड़ों की संख्या में लोग दर्शन करने पहुचंते हैं. सालों से चली आ रही इस मान्यता के कारण ये मंदिर आज भी आस्था का केंद्र है.
दूल्हा देव के मंदिर की मान्यता है कि जिन युवक ओर युवतियों की शादी में किन्ही कारणों से बाधा आती है, उनके द्वारा यहां आकर दूल्हादेव के सामने मत्था टेकने से शादी हो जाती है. वहीं मन्नत पूरी होने पर जोड़े अगले साल साथ आकर दर्शन कर भेंट चढ़ाते हैं.
दीवाली के दूसरे दिन भाई दूज पर इस मंदिर का नजारा अलग ही रहता है. भाईदूज में जहां बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनके स्वस्थ रहने और लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं उड़ा के दूल्हादेव जिन परिवारों के कुलदेवता माने जाते है, वे परिवार और सैकड़ों की संख्या में भक्त इस मंदिर में आते हैं.