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हरदा कलेक्टर की फर्जी आईडी बनाकर अधिकारियों से की गई पैसों की डिमांड - हरदा न्यूज

रविवार की छुट्टी का फायदा उठाकर साइबर अपराधी के द्वारा हरदा कलेक्टर अनुराग वर्मा के नाम की फर्जी आईडी बनाकर एसडीएम और तहसीलदारों ने ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए पैसों की डिमांड की गई.

Demand for online money by creating fake ID of Harda Collector
हरदा कलेक्टर की फर्जी आईडी बनाकर ऑनलाइन रुपयों की डिमांड
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Published : Jun 15, 2020, 12:14 PM IST

Updated : Jun 15, 2020, 1:51 PM IST

हरदा। साइबर अपराधियों का हौसला अब इतना बुलंद हो गया है कि आम लोगों के साथ ठगी करने के बाद अब अधिकारी भी उनके टारगेट पर आने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला हरदा जिले से सामने आया है, जहां पर साइबर अपराधी के द्वारा हरदा कलेक्टर अनुराग वर्मा के नाम की फर्जी आईडी बनाकर एसडीएम और तहसीलदारों से ऑनलाइन पैसे की डिमांड की गई है. साइबर अपराधी ने जिले के तीनों एसडीएम और सभी छह तहसीलदारों को कलेक्टर के नाम से फर्जी आईडी बनाकर, ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए रुपयों की डिमांड की गई.

हरदा कलेक्टर की फर्जी आईडी बनाकर ऑनलाइन रुपयों की डिमांड

हंडिया तहसीलदार हुईं ठगी का शिकार-

जानकारी के मुताबिक जिले की हंडिया तहसील की तहसीलदार अर्चना शर्मा साइबर अपराधी के झांसे में आ गईं और उन्होंने पांच-पांच हजार के चार गिफ्ट वाउचर के लिए रुपए जमा भी करा दिए. लेकिन जब दोबारा 40 हजार रुपए के वाउचर मांगे गए तो उन्होंने कलेक्टर से इस मामले को लेकर बात की, तब जाकर उन्हें ठगी होने की जानकारी लगी. उनके द्वारा तत्काल साइबर सेल में इस पूरे मामले की जानकारी दी गई. साथ ही उनके खाते से जमा किए गए रुपयों की डिलीवरी होने से रोक लिया गया, वहीं जिले के अन्य अधिकारियों को ठगी का शिकार होने से बचा लिया गया.

सरकारी ईमेल भी असुरक्षित-

साइबर क्राइम के इस शातिर अपराधी के द्वारा रविवार की छुट्टी का फायदा उठाकर अधिकारियों को कलेक्टर के नाम से मेल कर ठगी करने का प्रयास किया गया है. इस पूरे मामले में सरकारी आईडी का उपयोग अपराधियों के द्वारा किया गया है, जिससे कि अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम लोगों के साथ-साथ अब सरकारी ईमेल आईडी भी सुरक्षित नहीं हैं. पुलिस के मुताबिक तहसीलदार अर्चना शर्मा से धोखाधड़ी कर रुपए पश्चिम बंगाल के किसी अकाउंट में ट्रांसफर होने की बात सामने आई है.

इस पूरे मामले को लेकर हंडिया तहसीलदार अर्चना शर्मा ने बताया कि सास की आईडी पर कलेक्टर के नाम से मेल आया था. चूंकि कोरोना के चलते सारे काम ऑनलाइन हो रहे हैं, जिसके चलते उनके द्वारा कलेक्टर के नाम से मांगे गए बाउचर के लिए रुपए जमा करा दिए थे, लेकिन जैसे ही उन्हें अंदेशा हुआ उन्होंने तत्काल थाने में जाकर अज्ञात आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है.

हरदा। साइबर अपराधियों का हौसला अब इतना बुलंद हो गया है कि आम लोगों के साथ ठगी करने के बाद अब अधिकारी भी उनके टारगेट पर आने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला हरदा जिले से सामने आया है, जहां पर साइबर अपराधी के द्वारा हरदा कलेक्टर अनुराग वर्मा के नाम की फर्जी आईडी बनाकर एसडीएम और तहसीलदारों से ऑनलाइन पैसे की डिमांड की गई है. साइबर अपराधी ने जिले के तीनों एसडीएम और सभी छह तहसीलदारों को कलेक्टर के नाम से फर्जी आईडी बनाकर, ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए रुपयों की डिमांड की गई.

हरदा कलेक्टर की फर्जी आईडी बनाकर ऑनलाइन रुपयों की डिमांड

हंडिया तहसीलदार हुईं ठगी का शिकार-

जानकारी के मुताबिक जिले की हंडिया तहसील की तहसीलदार अर्चना शर्मा साइबर अपराधी के झांसे में आ गईं और उन्होंने पांच-पांच हजार के चार गिफ्ट वाउचर के लिए रुपए जमा भी करा दिए. लेकिन जब दोबारा 40 हजार रुपए के वाउचर मांगे गए तो उन्होंने कलेक्टर से इस मामले को लेकर बात की, तब जाकर उन्हें ठगी होने की जानकारी लगी. उनके द्वारा तत्काल साइबर सेल में इस पूरे मामले की जानकारी दी गई. साथ ही उनके खाते से जमा किए गए रुपयों की डिलीवरी होने से रोक लिया गया, वहीं जिले के अन्य अधिकारियों को ठगी का शिकार होने से बचा लिया गया.

सरकारी ईमेल भी असुरक्षित-

साइबर क्राइम के इस शातिर अपराधी के द्वारा रविवार की छुट्टी का फायदा उठाकर अधिकारियों को कलेक्टर के नाम से मेल कर ठगी करने का प्रयास किया गया है. इस पूरे मामले में सरकारी आईडी का उपयोग अपराधियों के द्वारा किया गया है, जिससे कि अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम लोगों के साथ-साथ अब सरकारी ईमेल आईडी भी सुरक्षित नहीं हैं. पुलिस के मुताबिक तहसीलदार अर्चना शर्मा से धोखाधड़ी कर रुपए पश्चिम बंगाल के किसी अकाउंट में ट्रांसफर होने की बात सामने आई है.

इस पूरे मामले को लेकर हंडिया तहसीलदार अर्चना शर्मा ने बताया कि सास की आईडी पर कलेक्टर के नाम से मेल आया था. चूंकि कोरोना के चलते सारे काम ऑनलाइन हो रहे हैं, जिसके चलते उनके द्वारा कलेक्टर के नाम से मांगे गए बाउचर के लिए रुपए जमा करा दिए थे, लेकिन जैसे ही उन्हें अंदेशा हुआ उन्होंने तत्काल थाने में जाकर अज्ञात आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है.

Last Updated : Jun 15, 2020, 1:51 PM IST
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