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चने की फसल पर ग्रासहॉपर का प्रकोप, किसानों की चिंता बढ़ी - चने की फसलों पर हमला

हरदा जिले में ग्रासहोपर नाम के कीड़े ने चने की फसलों पर हमला करना शुरू कर दिया है, जिससे फसलों को काफी नुकसान पहुंच रहा है. वहीं किसानों की परेशानी बढ़ गई है.

grasshopper attack
ग्रासहोपर का प्रकोप
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Published : Nov 7, 2020, 7:23 PM IST

Updated : Nov 7, 2020, 9:50 PM IST

हरदा। जिले में किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछली सोयाबीन की फसल पर लगी बीमारी और प्राकृतिक प्रकोप से किसानों की पूरी फसल नष्ट हो गई थी. अब जिले में किसानों ने करीब 45 हजार हेक्टेयर में चने की बोवनी की है, लेकिन एक बार फिर उनके सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो गया है. जिले में चने की फसल पर ग्रासहोपर (फुदका) नाम के कीड़ें का प्रकोप आ गया है. ग्रासहॉपर से चने की फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है.

ग्रासहोपर का प्रकोप

जिले में इस साल 25 हजार हेक्टेयर जमीन पर किसानों ने चने की बोवनी की है. कृषि विभाग ने चना बोवनी के लिए 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य निर्धारित किया है. चने की बोवनी के बाद पौधों पर ग्रासहॉपर नाम के कीड़े का प्रकोप छा गया है. किसानों ने बताया कि कीड़े फसल के पौधे की पत्तियों को खा रहे हैं, जिससे पौधे की ग्रोथ (बढ़त) रुक रही है. जानकारी के बाद कृषि विभाग के अधिकारियों ने कीड़े से प्रभावित खेतों का निरीक्षण किया है.

ये भी पढ़ें- माचिस और सिगरेट के गोदाम में लगी भीषण आग, करोड़ों का सामान जलकर राख

कीड़े चने के पौधे को शुरूआती दौर में ही नष्ट कर रहे हैं, जिससे किसानों को आर्थिक क्षति होने की आशंका बढ़ गई है. जिले के खिरकिया ब्लॉक के कई गांवों में इस कीड़े का प्रकोप फसल पर दिखाई दिया है. किसानों ने कृषि वैज्ञानिकों और विभाग को इसकी सूचना भी दी है.

कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि किसानों की सूचना पर खेतों का निरीक्षण किया गया है. ग्रासहॉपर खेत की मेढ़ पर पाया जाता है. इसको नष्ट करने के लिए कीटनाशक दवाओं के छिड़काव की सलाह दी गई है. फिलहाल जिले में इस कीड़े से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है.

हरदा। जिले में किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछली सोयाबीन की फसल पर लगी बीमारी और प्राकृतिक प्रकोप से किसानों की पूरी फसल नष्ट हो गई थी. अब जिले में किसानों ने करीब 45 हजार हेक्टेयर में चने की बोवनी की है, लेकिन एक बार फिर उनके सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो गया है. जिले में चने की फसल पर ग्रासहोपर (फुदका) नाम के कीड़ें का प्रकोप आ गया है. ग्रासहॉपर से चने की फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है.

ग्रासहोपर का प्रकोप

जिले में इस साल 25 हजार हेक्टेयर जमीन पर किसानों ने चने की बोवनी की है. कृषि विभाग ने चना बोवनी के लिए 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य निर्धारित किया है. चने की बोवनी के बाद पौधों पर ग्रासहॉपर नाम के कीड़े का प्रकोप छा गया है. किसानों ने बताया कि कीड़े फसल के पौधे की पत्तियों को खा रहे हैं, जिससे पौधे की ग्रोथ (बढ़त) रुक रही है. जानकारी के बाद कृषि विभाग के अधिकारियों ने कीड़े से प्रभावित खेतों का निरीक्षण किया है.

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कीड़े चने के पौधे को शुरूआती दौर में ही नष्ट कर रहे हैं, जिससे किसानों को आर्थिक क्षति होने की आशंका बढ़ गई है. जिले के खिरकिया ब्लॉक के कई गांवों में इस कीड़े का प्रकोप फसल पर दिखाई दिया है. किसानों ने कृषि वैज्ञानिकों और विभाग को इसकी सूचना भी दी है.

कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि किसानों की सूचना पर खेतों का निरीक्षण किया गया है. ग्रासहॉपर खेत की मेढ़ पर पाया जाता है. इसको नष्ट करने के लिए कीटनाशक दवाओं के छिड़काव की सलाह दी गई है. फिलहाल जिले में इस कीड़े से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है.

Last Updated : Nov 7, 2020, 9:50 PM IST
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