हरदा। जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों के लोग इन दिनों पानी की भीषण समस्या से जूझ रहे हैं. भीषण गर्मी के चलते सैकड़ों हैंडपंप सूख चुके हैं. हंडिया गांव में नर्मदा नदी से पानी आता है, लेकिन गर्मी के चलते जीवनदायिनी नर्मदा का जलस्तर भी नीचे चला गया है, जिसके चलते वार्डों में पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. अब इस समस्या से निपटने के लिए कलेक्टर ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने के आदेश दिये हैं.
इन दिनों हरदा के आधे से अधिक वार्डों में लोग प्यास से व्याकुल हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी के लिए लोगों को कोसों का सफर तय करना पड़ता है. जिले की अधिकांश सड़कें सीमेंट से बनने की वजह से बारिश का पानी बह जाता है और पानी जमीन के अंदर भी नहीं पहुंच पाता. जिसके चलते गर्मी शुरू होने के पहले ही जलस्तर नीचे चला जाता है. पिछले चार सालों से जिले में औसत से कम बारिश होने से भी जल संकट की स्थिति बनी हुई है.
नगर पालिका शहर के विभिन्न वार्डों में सौ से अधिक टैंकरों से लोगों को पानी की आपूर्ति करा रहा है. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने पीडब्ल्यूडी और नगर पालिका परिषद को पूरे जिले की सभी सरकारी इमारतों और सरकारी अधिकारियों के निवास पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिये हैं.
बता दें कि हरदा जिले में सैकड़ों निर्माण चल रहे हैं. मकान निर्माण की अनुमति देने से पहले वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होता है, लेकिन हरदा में केवल 25 से 30 स्थानों पर ही हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाये गए हैं. इन दिनों जिला अस्पताल सहित अन्य सरकारी कार्यालयों में लगे ट्यूबवेल सूख गए हैं, जिसके चलते वहां पीने के लिए पानी बाहर से मंगाया जा रहा है.