ETV Bharat / state

हरदाः जल संकट गहराते ही कलेक्टर ने अधिकारियों को सुनाया ये फरमान - सरकारी अधिकारी

पिछले चार सालों से हरदा जिले में औसत से कम बारिश होने से जल संकट गहराने लगा है. आधे से अधिक वार्डों में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. जिसके चलते कलेक्टर ने सभी सरकारी इमारतों और सरकारी अधिकारियों के निवास पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के आदेश दिये हैं.

पानी की भीषण समस्या से जूझता हरदा जिला
author img

By

Published : May 14, 2019, 10:50 PM IST

हरदा। जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों के लोग इन दिनों पानी की भीषण समस्या से जूझ रहे हैं. भीषण गर्मी के चलते सैकड़ों हैंडपंप सूख चुके हैं. हंडिया गांव में नर्मदा नदी से पानी आता है, लेकिन गर्मी के चलते जीवनदायिनी नर्मदा का जलस्तर भी नीचे चला गया है, जिसके चलते वार्डों में पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. अब इस समस्या से निपटने के लिए कलेक्टर ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने के आदेश दिये हैं.

इन दिनों हरदा के आधे से अधिक वार्डों में लोग प्यास से व्याकुल हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी के लिए लोगों को कोसों का सफर तय करना पड़ता है. जिले की अधिकांश सड़कें सीमेंट से बनने की वजह से बारिश का पानी बह जाता है और पानी जमीन के अंदर भी नहीं पहुंच पाता. जिसके चलते गर्मी शुरू होने के पहले ही जलस्तर नीचे चला जाता है. पिछले चार सालों से जिले में औसत से कम बारिश होने से भी जल संकट की स्थिति बनी हुई है.

पानी की भीषण समस्या से जूझता हरदा जिला

नगर पालिका शहर के विभिन्न वार्डों में सौ से अधिक टैंकरों से लोगों को पानी की आपूर्ति करा रहा है. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने पीडब्ल्यूडी और नगर पालिका परिषद को पूरे जिले की सभी सरकारी इमारतों और सरकारी अधिकारियों के निवास पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिये हैं.

बता दें कि हरदा जिले में सैकड़ों निर्माण चल रहे हैं. मकान निर्माण की अनुमति देने से पहले वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होता है, लेकिन हरदा में केवल 25 से 30 स्थानों पर ही हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाये गए हैं. इन दिनों जिला अस्पताल सहित अन्य सरकारी कार्यालयों में लगे ट्यूबवेल सूख गए हैं, जिसके चलते वहां पीने के लिए पानी बाहर से मंगाया जा रहा है.

हरदा। जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों के लोग इन दिनों पानी की भीषण समस्या से जूझ रहे हैं. भीषण गर्मी के चलते सैकड़ों हैंडपंप सूख चुके हैं. हंडिया गांव में नर्मदा नदी से पानी आता है, लेकिन गर्मी के चलते जीवनदायिनी नर्मदा का जलस्तर भी नीचे चला गया है, जिसके चलते वार्डों में पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. अब इस समस्या से निपटने के लिए कलेक्टर ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने के आदेश दिये हैं.

इन दिनों हरदा के आधे से अधिक वार्डों में लोग प्यास से व्याकुल हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी के लिए लोगों को कोसों का सफर तय करना पड़ता है. जिले की अधिकांश सड़कें सीमेंट से बनने की वजह से बारिश का पानी बह जाता है और पानी जमीन के अंदर भी नहीं पहुंच पाता. जिसके चलते गर्मी शुरू होने के पहले ही जलस्तर नीचे चला जाता है. पिछले चार सालों से जिले में औसत से कम बारिश होने से भी जल संकट की स्थिति बनी हुई है.

पानी की भीषण समस्या से जूझता हरदा जिला

नगर पालिका शहर के विभिन्न वार्डों में सौ से अधिक टैंकरों से लोगों को पानी की आपूर्ति करा रहा है. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने पीडब्ल्यूडी और नगर पालिका परिषद को पूरे जिले की सभी सरकारी इमारतों और सरकारी अधिकारियों के निवास पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिये हैं.

बता दें कि हरदा जिले में सैकड़ों निर्माण चल रहे हैं. मकान निर्माण की अनुमति देने से पहले वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होता है, लेकिन हरदा में केवल 25 से 30 स्थानों पर ही हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाये गए हैं. इन दिनों जिला अस्पताल सहित अन्य सरकारी कार्यालयों में लगे ट्यूबवेल सूख गए हैं, जिसके चलते वहां पीने के लिए पानी बाहर से मंगाया जा रहा है.

Intro:हरदा जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों में इन दिनों पानी की भीषण समस्या से लोग जूझ रहे हैं।जिले के सैकड़ों हेंडपंप इस भीषण गर्मी में दम तोड़ चुके हैं।हरदा जिला मुख्यालय पर करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम हंडिया में नर्मदा नदी से आता है।लेकिन अब नर्मदा नदी की धार भी टूटने लगी है।मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी इन दिनों अपनी बदहाली के आंसू बहाती नजर आ रही है।नगर पालिका के द्वारा शहर के विभिन्न वार्डो में सौ से अधिक पानी के टेंकरों से लोगों को पानी की आपूर्ति की जा रही है।इस समस्यों को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर एस विश्वनाथन ने पीडब्ल्यूडी ओर नगर पालिका परिषद को पूरे जिले की सभी सरकारी इमारतों ओर सरकारी अधिकारियों के निवास पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के निर्देश जारी किए हैं।


Body:इन दिनों हरदा के आधे से अधिक वार्डो में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।वही ग्रामीण क्षेत्रों में तो लोगों को पीने के पानी के लिए दूर जाना पड़ रहा है।हरदा जिला मुख्यालय पर अधिकांश सड़कों के सीमेंट से बनने की वजह से बारिश का पानी बहने से पानी जमीन में नही बैठता है।जिसके चलते गर्मी शुरू होने के पहले ही जलस्तर कम हो जाता है।पिछले चार सालों से जिले में औसत से कम बारिश होने से भी जल संकट की स्थिति बन गई है।इसी बात को ध्यान में रखकर अब डीएम एस विश्वनाथन ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने के निर्देश जारी किए गए है।


Conclusion:इस पूरे मामले में हम आपको बता दें कि हरदा जिले में सेकड़ो निर्माण कार्य हो रहे हैं और नगर पालिका के द्वारा मकान निर्माण बनाने की अनुमति देने के पहले वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होता है लेकिन हरदा में केवल 25 से 30 स्थानों पर ही हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाये गए हैं।नगर पालिका परिषद ओर कलेक्टर कार्यालय में छतों पर पाइप लाइन तो बिछाई गई है लेकिन हार्वेस्टिंग सिस्टम नही लगाए गए हैं।इन दिनों जिला अस्पताल सहित अन्य सरकारी कार्यालयों में लगे ट्यूबबेल सुख गए हैं।जिसके चलते वहां पीने के लिए पानी बाहर से मंगाया जा रहा है।
बाईट - दिनेश मिश्रा
सीएमओ,नगर पालिका परिषद, हरदा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.