हरदा। किसानों के द्वारा कड़ी मेहनत कर तपती गर्मी में मूंग की फसल तैयार की गई हैं. सरकार ने इसकी खरीदी के लिए लिए 6,975 रुपये का समर्थन मूल्य तय किया है. लेकिन राज्य और केंद्र सरकार की आपसी तालमेल में कमी के चलते अब तक मूंग की खरीदी समर्थन मूल्य पर नहीं हो पाई है, जिसके चलते किसानों को प्रति क्विंटल लगभग 15 सौ से 2 हजार रुपये का घाटा उठाकर फसल बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है.
हरदा की कृषि उपज मंडी में शुक्रवार को खरीदी शुरू होने के समय किसानों ने व्यापारियों और मंडी प्रशासन से समर्थन मूल्य के हिसाब से खरीदी करने की मांग की है. वहीं समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं होने से किसानों द्वारा खरीदी शुरू नहीं करने दी गई. मूंग की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने समेत अन्य मांगों को लेकर कृषि उपज मंडी में आम किसान यूनियन के बैनर तले किसान अनिश्चिकालीन धरने पर बैठे हुए हैं.
किसानों का आरोप है कि प्रशासन और सरकार की उदासीनता के चलते किसानों को घाटा उठाकर अपनी उपज बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है. भले ही आम किसान यूनियन के द्वारा नीलामी शुरू होने का विरोध किया गया हो, लेकिन कुछ देर बाद फिर से समर्थन मूल्य से कम दाम पर खरीदी शुरू हो गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
आम किसान यूनियन के जिला संयोजक डॉ जगदीश सारण का कहना है कि गुरूवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों से समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी को लेकर चर्चा की गई थी. उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की सभी फसलों को निर्धारित मूल्य पर खरीदने के लिए काम करना होगा, हालांकि कम दाम पर आज खरीदी शुरू होने को लेकर वे गोलमाल जवाब देते नजर आए. मंडी सचिव का कहना है कि किसान, व्यापारियों और मंडी की सहमति से कुछ देर के लिए खरीदी शुरू होने को रोका गया था, लेकिन बाद में मंडी में दोबारा खरीदी शुरू हो गई है.