हरदा। छीपाबड़ थाने में पदस्थ एक महिला SI ने अपने ही विभाग के ASI उमेश रघुवंशी पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म, शारीरिक प्रताड़ना और गर्भपात कराए जाने की FIR दर्ज कराई थी, लेकिन 3 महीने गुजर जाने के बाद भी आरोपी आजाद है. पुलिस ने आरोपी पर 20 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया है. वहीं पीड़िता पुलिस अधिकारियों पर आरोपी की मदद करने का आरोप लगा रही है.
पीड़िता का कहना है कि जब उसने 1 फरवरी 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी, उस समय तत्कालीन एसपी राजेश कुमार सिंह ने फरार एएसआई पर 10 हजार का इनाम घोषित किया था, लेकिन करीब ढाई महीने बीतने के बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई, जिसके चलते होशंगाबाद संभाग के आईजी ने इनाम की राशि बढ़ाकर 20 हजार रुपए कर दी है.
पीड़िता ने ये भी कहा कि रिपोर्ट लिखवाते वक्त आरोपी पुलिस स्टेशन में ही मौजूद था, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया गया और वो फरार हो गया. पीड़िता ने पुलिस अधिकारियों पर आरोपी की मदद करने का आरोप लगाया. पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने उसकी FIR से आरोपी का नाम हटा दिया है और धाराएं भी पूरी नहीं लगाई हैं.
दरअसल पीड़िता एसआई ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उमेश रघुवंशी ने उससे शादी का झांसा देकर कई बार शारीरिक संबंध बनाए, जिससे वह गर्भवती हो गई. पीड़िता ने जब आरोपी को यह बताया, तो उसने उसका गर्भपात करा दिया. यह उसके साथ 3 बार हुआ. वह उसके साथ आए दिन मारपीट करता था और धमकाता था.