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हरदा के युवक की अरुणाचल प्रदेश में सेना के जवानों ने देखभाल, बिछड़े युवक को मिलवाया - Army personnel took care of young man

भारतीय सेना की सूझबूझ से करीब एक साल से लापता हरदा जिले के सिराली थाना क्षेत्र के ग्राम डाब्या का रहने वाला आदिवासी युवक संजय कुमरे को अपने परिजनों से मिला दिया है.

Sanjay with army
सेना के साथ संजय
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Published : Mar 19, 2021, 3:13 AM IST

हरदा। देश की सेवा करते या फिर दुश्मनों को छक्के छुड़ाने की खबर तो देखी या सुनी होगी. लेकिन इस सबसे हटके सेना के द्वारा मानव सेवा भी की जाती है. एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जिसमें भारतीय सेना की राजपूत रेजीमेंट की 14वीं बटालियन के हवलदार प्रदीप सिंह तंवर और अन्य अधिकारियों की सूझबूझ से करीब एक साल से लापता हरदा जिले के सिराली थाना क्षेत्र के ग्राम डाब्या का रहने वाला आदिवासी युवक संजय कुमरे, जो की सेना के जवानों के प्रयासों से अपने परिजनों से मिल पाया है. सेना के जवानों के द्वारा संजय को अपने साथ पारिवारिक सदस्य की भांति रखकर उसकी देखरेख की है. वहीं स्थानीय प्रशासन को संजय के अरुणाचल प्रदेश में होने की जानकारी भी दी. जिसके बाद सिराली पुलिस गुम युवक संजय के परिजनों के साथ सेना के कैंप में मिला.

यह है पूरा मामला

हरदा जिले के सिराली थाना क्षेत्र के ग्राम डाब्या का रहने वाला आदिवासी युवक संजय कुमरे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. जिसके चलते वह करीब 15 महीने पहले लापता हो गया था. चूंकि मानसिक रूप से बीमार संजय नशे का आदि है. जो लॉक डाउन के दौरान महाराष्ट्र से चलकर पैदल अपने राज्यों की ओर जाने वाले लोगों की भीड़ के साथ पैदल चलकर अरुणाचल प्रदेश के चांगलाग जिले में पहुंच गया.

युवक की अरुणाचल प्रदेश में सेना के जवानों ने देखभाल

कलेक्टर सहित सीएम से लगाई गुहार

जहां पर वह एक कबाड़ी के पास बैठा मिला था. इस दौरान राजपूत बटालियन के जवानों के द्वारा उससे पूछताछ की गई. वहीं सेना के हवलदार प्रदीप सिंह तंवर ने हरदा कलेक्टर संजय गुप्ता और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लापता युवक के उसके परिजनों से मिलाने को लेकर अपील की थी. जिसके बाद हरदा एसपी ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए गुम युवक के परिजनों के साथ पुलिस की टीम को अरुणाचल प्रदेश भेज दिया है. जहां सेना के अधिकारियों ने मानसिक रुप से बीमार संजय को सिराली पुलिस को सौंप दिया है.

आर्मी कैंप में हुई देखभाल

इस मामले में जब सेना के जवानों के द्वारा संजय से पूछताछ की गई, तो उसने अपने निवास का पता बता दिया फिर सेना के जवानों ने उसके परिजनों से संपर्क कर उसे ले जाने को कहा लेकिन संजय की बूढ़ी मां ने दूरी अधिक होने और आर्थिक स्थिति कमजोर होने का हवाला देकर अपनी असमर्थता जताई. एसपी मनीष कुमार अग्रवाल ने बताया कि सेना के जवानों के द्वारा लापता युवक संजय की देखरेख कर उसे अपने कैम्प में परिजनों के भांति रखकर उसकी देखभाल की. जिसके बाद परिजनों के द्वारा सिराली थाने में गुम इंसान की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जानकारी मिलने के बाद उसके परिजनों के साथ पुलिस की टीम अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले के मिओ में 14वीं राजपूत बटालियन के कैंप में पहुंची. जहां सेना के अधिकारियों ने लापता संजय को पुलिस को सौंप दिया. उन्होंने कहा कि इस मामले में सेना की भूमिका सराहनीय है.

हरदा। देश की सेवा करते या फिर दुश्मनों को छक्के छुड़ाने की खबर तो देखी या सुनी होगी. लेकिन इस सबसे हटके सेना के द्वारा मानव सेवा भी की जाती है. एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जिसमें भारतीय सेना की राजपूत रेजीमेंट की 14वीं बटालियन के हवलदार प्रदीप सिंह तंवर और अन्य अधिकारियों की सूझबूझ से करीब एक साल से लापता हरदा जिले के सिराली थाना क्षेत्र के ग्राम डाब्या का रहने वाला आदिवासी युवक संजय कुमरे, जो की सेना के जवानों के प्रयासों से अपने परिजनों से मिल पाया है. सेना के जवानों के द्वारा संजय को अपने साथ पारिवारिक सदस्य की भांति रखकर उसकी देखरेख की है. वहीं स्थानीय प्रशासन को संजय के अरुणाचल प्रदेश में होने की जानकारी भी दी. जिसके बाद सिराली पुलिस गुम युवक संजय के परिजनों के साथ सेना के कैंप में मिला.

यह है पूरा मामला

हरदा जिले के सिराली थाना क्षेत्र के ग्राम डाब्या का रहने वाला आदिवासी युवक संजय कुमरे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. जिसके चलते वह करीब 15 महीने पहले लापता हो गया था. चूंकि मानसिक रूप से बीमार संजय नशे का आदि है. जो लॉक डाउन के दौरान महाराष्ट्र से चलकर पैदल अपने राज्यों की ओर जाने वाले लोगों की भीड़ के साथ पैदल चलकर अरुणाचल प्रदेश के चांगलाग जिले में पहुंच गया.

युवक की अरुणाचल प्रदेश में सेना के जवानों ने देखभाल

कलेक्टर सहित सीएम से लगाई गुहार

जहां पर वह एक कबाड़ी के पास बैठा मिला था. इस दौरान राजपूत बटालियन के जवानों के द्वारा उससे पूछताछ की गई. वहीं सेना के हवलदार प्रदीप सिंह तंवर ने हरदा कलेक्टर संजय गुप्ता और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लापता युवक के उसके परिजनों से मिलाने को लेकर अपील की थी. जिसके बाद हरदा एसपी ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए गुम युवक के परिजनों के साथ पुलिस की टीम को अरुणाचल प्रदेश भेज दिया है. जहां सेना के अधिकारियों ने मानसिक रुप से बीमार संजय को सिराली पुलिस को सौंप दिया है.

आर्मी कैंप में हुई देखभाल

इस मामले में जब सेना के जवानों के द्वारा संजय से पूछताछ की गई, तो उसने अपने निवास का पता बता दिया फिर सेना के जवानों ने उसके परिजनों से संपर्क कर उसे ले जाने को कहा लेकिन संजय की बूढ़ी मां ने दूरी अधिक होने और आर्थिक स्थिति कमजोर होने का हवाला देकर अपनी असमर्थता जताई. एसपी मनीष कुमार अग्रवाल ने बताया कि सेना के जवानों के द्वारा लापता युवक संजय की देखरेख कर उसे अपने कैम्प में परिजनों के भांति रखकर उसकी देखभाल की. जिसके बाद परिजनों के द्वारा सिराली थाने में गुम इंसान की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जानकारी मिलने के बाद उसके परिजनों के साथ पुलिस की टीम अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले के मिओ में 14वीं राजपूत बटालियन के कैंप में पहुंची. जहां सेना के अधिकारियों ने लापता संजय को पुलिस को सौंप दिया. उन्होंने कहा कि इस मामले में सेना की भूमिका सराहनीय है.

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