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आदिवासी महिलाओं का अवैध शराब के खिलाफ खोला मोर्चा

छिमक गांव मे बनी आठ नम्बर आदिवासी दफाई की महिलाओं ने शराब बेचने वाले कंजरों का विरोध किया. शराब बेचने वालों की शराब को नष्ट कर दिया.

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Published : May 13, 2020, 1:39 AM IST

women protested against people selling illegal liquor in gwalior
आदिवासी महिलाओं का अवैध शराब पर हल्लाबोल

ग्वालियर। जिले के डबरा अंतर्गत छिमक गाँव मे बनी आठ नम्बर आदिवासी दफाई की महिलाओं ने शराब बेचने वाले कंजरों का विरोध किया. जिसेके बाद शराब बेचने वालों की शराब को नष्ट कर दिया गया. साथ ही युवकों को मारपीट कर भगा दिया गया. आगे से आदिवासी दफाई के आसपास न दिखने की हिदायत दी है. वहीं चिनोर पुलिस से भी इसकी शिकायत की है.

आपको बता दें कि, 50 से अधिक आदिवासी दफाई पर रहने वाली महिलाएं और बच्चे छिमक की 8 नंबर दफाई पर शराब बेचने वाले कंजरों का विरोध करने पहुंचे. जहां शराब बेची जा रही थी. आदिवासी महिलाओं ने पहले तो शराब बेचने वाले लोगों को समझया, लेकिन जब शराब माफिया नहीं माने तो 50 से अधिक महिलाओं ने एकत्रित होकर उन पर लाठी डंडों से हमला कर दिया. जिससे सभी शराब बेचने वाले कंजर भागते नजर आए. जिसके बाद महिलाओं ने शराब से भरी थैलियों को भी डंडे मारकर नष्ट कर दिया. महिलाओं ने आगे से शराब बेचने वालों का विरोध करने की शपथ भी ली है. मामले की जिसकी शिकायत महिलाओं ने चिनोर पुलिस से भी की है,

सभी महिलाओं का कहना है कि, हमारे पति और परिवार जन कमाए हुए पैसे से सराब पीते थे. अब लॉकडाउन में सभी का रोजगार बंद है, तो सभी लोग घर के बर्तन व अन्य वस्तुए बेचकर इन कंजरों से शराब खरीद कर पी रहे हैं. जिससे हमारा घर बर्बाद हो रहे है. कई लोगों की इस मिलावटी शराब से पहले मौतें भी हो चुकी है. जिसके चलते अब हम महिलाओं को इनका विरोध खुद करना पड़ रहा है. कई बार प्रशासन पुलिस से भी शिकायत कर चुके है पर कोई नहीं सुनता था.

वहीं आपको बता दें कि, डबरा अंचल में बड़ी संख्या में कंजरों द्वारा शराब बनाए जाने और बेचने का काम चलता है. हालांकि आबकारी विभाग और पुलिस कई बार इन लोगों पर कार्रवाई कर चुकी है, पर कार्रवाई के पहले ही कंजर भाग जाते हैं और आबकारी पुलिस को सिर्फ शराब की भट्टियों को नष्ट कर लौटना पड़ता है.

ग्वालियर। जिले के डबरा अंतर्गत छिमक गाँव मे बनी आठ नम्बर आदिवासी दफाई की महिलाओं ने शराब बेचने वाले कंजरों का विरोध किया. जिसेके बाद शराब बेचने वालों की शराब को नष्ट कर दिया गया. साथ ही युवकों को मारपीट कर भगा दिया गया. आगे से आदिवासी दफाई के आसपास न दिखने की हिदायत दी है. वहीं चिनोर पुलिस से भी इसकी शिकायत की है.

आपको बता दें कि, 50 से अधिक आदिवासी दफाई पर रहने वाली महिलाएं और बच्चे छिमक की 8 नंबर दफाई पर शराब बेचने वाले कंजरों का विरोध करने पहुंचे. जहां शराब बेची जा रही थी. आदिवासी महिलाओं ने पहले तो शराब बेचने वाले लोगों को समझया, लेकिन जब शराब माफिया नहीं माने तो 50 से अधिक महिलाओं ने एकत्रित होकर उन पर लाठी डंडों से हमला कर दिया. जिससे सभी शराब बेचने वाले कंजर भागते नजर आए. जिसके बाद महिलाओं ने शराब से भरी थैलियों को भी डंडे मारकर नष्ट कर दिया. महिलाओं ने आगे से शराब बेचने वालों का विरोध करने की शपथ भी ली है. मामले की जिसकी शिकायत महिलाओं ने चिनोर पुलिस से भी की है,

सभी महिलाओं का कहना है कि, हमारे पति और परिवार जन कमाए हुए पैसे से सराब पीते थे. अब लॉकडाउन में सभी का रोजगार बंद है, तो सभी लोग घर के बर्तन व अन्य वस्तुए बेचकर इन कंजरों से शराब खरीद कर पी रहे हैं. जिससे हमारा घर बर्बाद हो रहे है. कई लोगों की इस मिलावटी शराब से पहले मौतें भी हो चुकी है. जिसके चलते अब हम महिलाओं को इनका विरोध खुद करना पड़ रहा है. कई बार प्रशासन पुलिस से भी शिकायत कर चुके है पर कोई नहीं सुनता था.

वहीं आपको बता दें कि, डबरा अंचल में बड़ी संख्या में कंजरों द्वारा शराब बनाए जाने और बेचने का काम चलता है. हालांकि आबकारी विभाग और पुलिस कई बार इन लोगों पर कार्रवाई कर चुकी है, पर कार्रवाई के पहले ही कंजर भाग जाते हैं और आबकारी पुलिस को सिर्फ शराब की भट्टियों को नष्ट कर लौटना पड़ता है.

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