ग्वालियर। किशोर न्याय बोर्ड ने बहुचर्चित व्यापम के पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में बिचौलिए रहे नाबालिग आरोपी को 2 साल समाज सेवा करने और 10000 के जुर्माने की सजा से दंडित किया है. पहले यह मामला सीबीआई की विशेष अदालत में चल रहा था, लेकिन आरोपी ने खुद को नाबालिग बताते हुए इसके समर्थन में कुछ साक्ष्य कोर्ट में पेश किए थे.
आरोपी के नाबालिग होने के साक्ष्य पेश करने के बाद पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में घोटाले का यह मामला किशोर न्याय बोर्ड में भेजा गया था. जहां अंतिम सुनवाई के बाद न्यायालय ने 2012 में नाबालिग रहे इस आरोपी को 2 साल समाज सेवा करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उस पर 10,000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.
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मामला 2012 में आरक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़ा है. मूल परीक्षार्थी के स्थान पर इस बिचौलिए के जरिए फर्जी परीक्षार्थी परीक्षा में बैठाया गया था. इस मामले का खुलासा होने के बाद झांसी रोड थाने में परीक्षा अधिनियम और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. इसमें तीन आरोपी बनाए गए थे.
घटना के समय नाबालिग था आरोपी
इस मामले में मूल परीक्षार्थी के अलावा फर्जी परीक्षार्थी और बिचौलिए को भी आरोपी पुलिस ने बनाया था. बाद में बिचौलिए की गिरफ्तारी हुई और उसे जेल भेज दिया गया. जमानत पर आने के बाद इस बिचौलिए ने घटना के समय खुद को नाबालिग बताया और इसके समर्थन में अपनी शैक्षणिक अंकसूचियां और गवाह पेश किए थे. किशोर न्याय बोर्ड ने आरोपी के खिलाफ दोष सिद्ध पाते हुए उसे अर्थदंड और समाज सेवा की सजा से दंडित किया है.