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इमरजेंसी के दौरान जेल से अटल जी ने ग्वालियर सांसद सेजवालकर को लिखा था पत्र - पूर्व प्रधानमंत्री अटल

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का 25 दिसंबर को जन्मदिन है. ग्वालियर के लाडले सपूत की यादें हर ग्वालियरवासी के दिल में हमेशा जिंदा रहेंगी. ऐसी ही एक याद शहर के सेजवालकर परिवार से जुड़ी है. आइए जानते हैं सेजवालकर परिवार से जुड़ी अटल जी की याद के बारे में...

अटल बिहारी वाजपेई
अटल बिहारी वाजपेई
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Published : Dec 25, 2019, 12:39 AM IST

Updated : Dec 25, 2019, 12:46 AM IST

ग्वालियर। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का 25 दिसंबर को जन्मदिन है. भले ही अटल जी हमारे बीच नहीं है, लेकिन ग्वालियर के लाडले सपूत की यादें हर ग्वालियरवासी के दिल में हमेशा जिंदा रहेंगी. ऐसी ही एक याद शहर के सेजवालकर परिवार से जुड़ी है. नारायण कृष्ण सेजवालकर अटल जी के साथ इमरजेंसी के दौरान जेल में रहे. साल 1976 में नारायण कृष्ण सेजवालकर के बेटे और वर्तमान सांसद विवेक नारायण सेजवालकर को जब पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी, तब अटल बिहारी वाजपेई ने विवेक के लिए पत्र लिखकर पुत्र रत्न प्राप्ति की बधाई दी थी.

अटल जी ने ग्वालियर सांसद सेजवालकर को लिखा था पत्र

अटल जी पत्र भेजने के लम्हे को याद कर सांसद विवेक नारायण सेजवालकर भावुक हो उठे, उन्होंने कहा कि अटल जी का हमारे परिवार से गहरा लगाव था. वे मेरे परिवार के साथ अक्सर आकर बैठकर बातें किया करते थे. जब वे विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री रहे इस दौरान भी हमारे परिवार के लोग उनसे मिलने दिल्ली जाया करते थे.

सेजवालकर का कहना है कि अटल बिहारी वाजपेई ने 13 अक्टूबर 1976 को पत्र लिखा था और उसके ठीक 25 साल बाद 13 अक्टूबर 2001 को उनकी अटल जी से मुलाकात हुई. यह मुलाकात दिल्ली में हुई, सेजवालकर ने उस पत्र को चिरस्थाई बनाने के लिए उनका ऑटोग्राफ भी उसी पत्र पर लिया है. अटल जी के इस पत्र को विवेक नारायण सेजवालकर आज भी सहेज कर रखे हुए हैं.

ग्वालियर। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का 25 दिसंबर को जन्मदिन है. भले ही अटल जी हमारे बीच नहीं है, लेकिन ग्वालियर के लाडले सपूत की यादें हर ग्वालियरवासी के दिल में हमेशा जिंदा रहेंगी. ऐसी ही एक याद शहर के सेजवालकर परिवार से जुड़ी है. नारायण कृष्ण सेजवालकर अटल जी के साथ इमरजेंसी के दौरान जेल में रहे. साल 1976 में नारायण कृष्ण सेजवालकर के बेटे और वर्तमान सांसद विवेक नारायण सेजवालकर को जब पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी, तब अटल बिहारी वाजपेई ने विवेक के लिए पत्र लिखकर पुत्र रत्न प्राप्ति की बधाई दी थी.

अटल जी ने ग्वालियर सांसद सेजवालकर को लिखा था पत्र

अटल जी पत्र भेजने के लम्हे को याद कर सांसद विवेक नारायण सेजवालकर भावुक हो उठे, उन्होंने कहा कि अटल जी का हमारे परिवार से गहरा लगाव था. वे मेरे परिवार के साथ अक्सर आकर बैठकर बातें किया करते थे. जब वे विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री रहे इस दौरान भी हमारे परिवार के लोग उनसे मिलने दिल्ली जाया करते थे.

सेजवालकर का कहना है कि अटल बिहारी वाजपेई ने 13 अक्टूबर 1976 को पत्र लिखा था और उसके ठीक 25 साल बाद 13 अक्टूबर 2001 को उनकी अटल जी से मुलाकात हुई. यह मुलाकात दिल्ली में हुई, सेजवालकर ने उस पत्र को चिरस्थाई बनाने के लिए उनका ऑटोग्राफ भी उसी पत्र पर लिया है. अटल जी के इस पत्र को विवेक नारायण सेजवालकर आज भी सहेज कर रखे हुए हैं.

Intro:ग्वालियर- देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी का जन्मदिन है भले ही अटल जी हमारे बीच नहीं है लेकिन ग्वालियर के लाडले सपूत की यादें हर ग्वालियर वासी की दिल में हमेशा जिंदा रहेंगी। भले ही अटल जी का जन्म यूपी के बटेश्वर गांव में हुआ हो लेकिन उनका बचपन ग्वालियर की कमल सिंह के बाग में गुजरा। देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई बचपन चूंकि ग्वालियर में गुजरा था। यही कारण है कि ग्वालियर के कई परिवारों से उनकी पारिवारिक रिश्ते थी। उन्हीं परिवारों में से एक परिवार है नारायण शेजवलकर का परिवार....


Body:नारायण कृष्ण शिवालकर के साथ इमरजेंसी के दौरान जेल में भी रहे। जब साल 1976 में नारायण कृष्ण शेजवालकर के बेटे और वर्तमान सांसद विवेक नारायण शेजवालकर को जब पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी। तब उस वक्त अटल बिहारी वाजपेई ने विवेक नारायण शेजवलकर के लिए पत्र लिखकर पुत्र रत्न प्राप्ति की बधाई भी दी थी। उस लम्हे को याद करके ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर बेहद भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई जी का हमारे परिवार से गहरा लगाव था न केवल वह मेरे परिवार पलकें मेरे बच्चों के साथ अक्सर आकर बैठ कर बातें किया करते थे। जब विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री रहे इस दौरान भी हमारे परिवार के लोग उनसे मिलने दिल्ली जाया करते थे।


Conclusion:उनका कहना है कि अटल बिहारी वाजपेई ने 13 अक्टूबर 1976 को पत्र लिखा था और उसके ठीक 25 साल बाद 13 अक्टूबर 2001 को हुआ उसी दिल्ली में मिली तो उस पत्र को चिरस्थाई बनाने के लिए उनका ऑटोग्राफ भी उसी पत्र पढ़ लिया है अटल जी के इस पत्र को विवेक नारायण शेजवलकर आज भी सहेज की रखी हुई है।

वाइट - विवेक नारायण शेजवालकर ग्वालियर सांसद

Last Updated : Dec 25, 2019, 12:46 AM IST
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