ग्वालियर। इन दिनों प्रदेश की राजनीति कोरोना से मृतकों के आंकड़ों के ईर्द-गिर्द घुम रही है. नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का आरोप है कि सरकार कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा छुपा रही है, वहीं प्रदेश भाजपा नेताओं का कहना है कि कमलनाथ मौत की राजनीति कर रहे है. एक और तो प्रदेश में लाशों के आंकड़ों को ढुंढने की होड लगी हुई है, वही दूसरी ओर ग्वालियर जिले में कोरोना काल के दौरान संक्रमितों की डेथ ऑडिट की गुत्थी खुद उलझी पड़ी है. कोरोना से मरने वाले 150 लोगों की फाइल अभी यह जानने के लिए कतार में है कि, आखिर वह किस कारण मरे थे. शासन, प्रशासन हर रोज अपने सरकारी बुलेटिन में मरने वालों की संख्या 6 से 7 रखता है. जबकि सिर्फ जयारोग्य अस्पताल में ही रोज 15 डेथ का ऑडिट हो रहा हैं. यही आंकड़ों में सीधा अंतर है, कि आंकड़ों को कहीं ना कहीं छुपाया जा रहा है.
- जयारोग्य अस्पताल में 938 मरीजों की मौत
मार्च 2020 से लेकर अब तक जयारोग्य के कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों में से 938 की मौत हो चुकी है. इसमें से करीब 750 मौत का ऑडिट भी किया जा चुका है, वहीं स्वास्थ्य विभाग में आंकड़े जारी कर रहा है. उसमें अब तक महज 490 लोगों की मौत होना बताया है. बाकी मौत का आंकड़ा विभाग के कागजों में दबा हुआ है.
- मेडिसिन विभाग करता है डेथ ऑडिट
डेथ ऑडिट की जिम्मेदारी मेडिसिन विभाग के एचओडी और नोडल अधिकारी की है, लेकिन अप्रैल में जैसे ही मौतों का आंकड़ा बढ़ा तो इसकी जिम्मेदारी बांट दी गई. इसमें डॉक्टर डेथ ऑडिट का फाइल नोडल अधिकारी तक पहुंचाते हैं. नोडल अधिकारी से यह फाइल डीन अधिकारी तक जाती है. और यहां से शासन और जिला स्वास्थ्य अधिकारी को पहुंचा दिया जाता है. डेथ ऑडिट की नोडल अधिकारी डॉ. नीलिमा ने बताया कि अप्रैल महीने में लोड होने के कारण डेथ ऑडिट की फाइलें पेंडिंग है. कुछ दिनों बाद सभी डेथ का ऑडिट किया जा रहा हैं.
कोरोना से मौत के आंकड़ों में हेराफेरी, ये जलती चिताएं बोल रही हैं सच
- डेथ ऑडिट में आ रही दिक्कतों में किया जा रहा सुधार
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा का कहना है कि जयारोग्य अस्पताल में भर्ती मरीजों की डेट ऑडिट अलग से की जाती है. वही निजी और दूसरे अस्पतालों कि डेथ ऑडिट अलग से की जा रही है, इसलिए आकड़ों में अंतर आ रहा है. इन सब की रिपोर्ट आ जाएगी तो यह आंकड़ा बराबर हो जाएगा. डेथ ऑडिट में अब सुधार किया जा रहा है.