ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग की सबसे बड़ी और इकलौती ए ग्रेड जीवाजी यूनिवर्सिटी में विवादों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला बीएससी नर्सिंग फोरथ ईयर की 209 फर्जी मार्कशीट बनाई जाने का है, जो 3 जांचों के बाद भी अनसुलझी है. आखिरी जांच रिपोर्ट जीवाजी यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई 3 सदस्यीय समिति की है जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, लेकिन यूनिवर्सिटी आज तक यह तय नहीं कर पा रही है कि इस फर्जी मार्कशीट कांड का मास्टरमाइंड कौन है.
जीवाजी विश्वविद्यालय का अनसूलझा फर्जी मार्कशीट कांड 'दोषियों को बचाने की है कोशिश?'ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार, लापरवाही कोई आम बात नहीं है लेकिन इस बार अफसरों की लापरवाही छात्रों के सामने खुलकर उजागर हो गई है. बीएससी नर्सिंग कांड उजागर होने के बाद एक-एक करके कई मामले सामने आ रहे हैं. जिसका एनएसयूआई, एबीवीपी सहित अन्य छात्र संगठनों ने जमकर विरोध भी किया है, लेकिन न तो कुलपति ने कोई कार्रवाई की है और ना ही कुलसचिव ने. अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है और दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है.
जीवाजी यूनिवर्सिटी में फैली विसंगतियां
- बीएससी नर्सिंग कांड का फर्जीवाड़ा उजागर होने पर भी दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं.
- सीएम हेल्पलाइन पर L1 स्तर पर ही 500 से अधिक और L2 पर 200 से अधिक शिकायतें हो चुकी है, फिर भी छात्रों की समस्या का समाधान नहीं हुआ.
- इंजीनियरिंग छात्रों के एक से छठे सेमेस्टर का अब तक का रिजल्ट घोषित नहीं किया गया.
- जेयू की ओर से अब तक कई छात्राओं का रिजल्ट घोषित नहीं किया गया.
- प्रथम और द्वितीय वर्ष के जनरल प्रमोशन बाले करीब ढाई हजार छात्रों को जीरो नंबर दे दिए गए हैं जिसका अब तक कोई समाधान नहीं हुआ.
- स्विमिंग पूल में हुए घोटाले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
- 17 प्रोफेसर की नियुक्तियों को लेकर कोर्ट के निर्देश पर सीआईडी का पत्र आने के बाद भी अब तक एग्जाम कंट्रोलर मुकुल तैलंग सहित अन्य प्रोफेसर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.अजब एमपी का गजब सिस्टम! महिला की जन्मतिथि मार्च 2000 लेकिन सरकारी पोर्टल में 1974 में ही हो गई मृत्यु, अब खुद को जिंदा साबित करने की जद्दोजहद
घोटाले का मास्टरमाइंड कौन?
बता दें कि जीवाजी विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद सदस्य रहे अनूप अग्रवाल ने नर्सिंग कोर्स में फर्जीवाड़ा की शिकायत की थी, जिसके बाद यह मामला सामने आया था. नवंबर 2020 में टेबुलेशन चार्ट की सॉफ्ट कॉपी और हार्ड कॉपी का मिलान किया गया तो यह अलग-अलग निकले यानी टेबुलेशन चार्ट जो रिजल्ट का रिकॉर्ड होता है उसके पेज बदले गए थे. इसके बाद 5 कर्मचारियों को निलंबित किया गया, लेकिन बीएससी वाली फर्जी मार्कशीट कांड से अभी तक विश्वविद्यालय पर्दा नहीं उठा पाया है.
(Jiwaji University Gwalior) (fake marksheet scandal)