ग्वालियर। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे चंबल अंचल की राजनीति पूरी तरह करवट बदल रही है. यही कारण है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हर सप्ताह ग्वालियर का दौरा कर रहे हैं. इस दौरे में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कई अलग अंदाज देखने को मिलते हैं. ग्वालियर में लगातार बढ़ती सक्रियता को लेकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्रीय मंत्री सिंधिया विधानसभा चुनाव के साथ-साथ लोकसभा चुनाव के लिए भी तैयारियों में जुट गए हैं. सिंधिया विकास कार्यों के साथ-साथ शादी समारोह या फिर किसी अन्य कार्यक्रमों में भागीदारी करना नहीं भूल रहे हैं.
सभी जातियों को साधने की योजना : अब केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने सभी जातियों को एकजुट करने के लिए रणनीति बनाना शुरू कर दी है. अभी हाल में ही सिंधिया दो दिवसीय दौरे पर ग्वालियर आए हुए थे और इस दौरान उन्होंने अपने महल जय विलास पैलेस में अपने हर जाति के समर्थक नेताओं को बुलाया. उनसे बैठकर बातचीत की. साथ ही उन्होंने आदेश दिया है कि वह अब जल्द से जल्द अपनी जाति के लोगों का सम्मेलन बुलाएं. साथ ही उन्होंने साफ आदेश दिया है कि कोई भी शहर में सम्मेलन हो, उसकी सूचना उन तक होनी चाहिए और वह सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. मतलब साफ है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया विधानसभा चुनाव के साथ-साथ ग्वालियर लोकसभा सीट पर भी अपनी मजबूत पकड़ कायम करना चाहते हैं, क्योंकि बताया जा रहा है कि आगामी लोकसभा का चुनाव केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इसी ग्वालियर लोकसभा सीट से लड़ने वाले हैं.
सिंधिया के हर माह हो रहे 5 दौरे : सबसे पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चिंता इस आगामी विधानसभा चुनाव की है. वह विधानसभा चुनाव में खुद को कमजोर नहीं करना चाहते हैं. यही कारण है कि अपने समर्थक विधायक मंत्रियों को लगातार महल में बुलाकर बातचीत कर रहे हैं और रणनीति तैयार कर रहे हैं. साथ ही आगामी साल लोकसभा का चुनाव होना है और यह लोकसभा का चुनाव सिंधिया अबकी बार ग्वालियर से ही लड़ने का मन बना रहे हैं. यही कारण है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया इस समय ग्वालियर पर पूरी तरह नजर बनाए हैं. साथ ही महीने में तकरीबन चार से पांच दौरे कर रहे हैं और हर विकास कार्य को लेकर बातचीत कर रहे हैं. साथ ही शहर के अलग-अलग समाज के वर्गों से भी मुलाकात करने में जुटे हैं.
भितरघात भी बड़ा खतरा : केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को सबसे बड़ी चिंता भितरघात को लेकर है. क्योंकि इस समय ग्वालियर चंबल अंचल में सिंधिया गुट और बीजेपी गुट अलग-अलग हैं. इन दोनों गुटों में लगातार अंदर ही अंदर तगड़ी गुटबाजी देखने को मिल रही है. इसका खामियाजा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भुगतना पड़ेगा. यही कारण है कि सिंधिया अभी से ही अपनी ग्वालियर लोकसभा सीट को मजबूत करने में जुटे हुए हैं.
पिछली हार से लिया सबक : एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग सरकार और बीजेपी के खिलाफ लगातार काम कर रहा है. यही कारण है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को डर है कि इसका खामियाजा उन्हें लोकसभा सीट पर ना भुगताना पड़े. यही वजह है कि लगातार अलग-अलग जातियों का सम्मेलन के जरिए उनसे सम्मान करेंगे और उनसे बातचीत करेंगे. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस समय इस बात का डर और भय सता रहा है क्योंकि वह गुना संसदीय क्षेत्र सीट से बुरी तरह हारे थे और हारने के बाद अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सिंधिया गुना संसदीय सीट को छोड़कर अब ग्वालियर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे.