ग्वालियर। जयारोग्य अस्पताल समूह में फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर क्लेरीकल जॉब कर रहे दो युवकों को उस समय पकड़ा गया, जब अस्पताल के अधीक्षक एवं संयुक्त संचालक डॉक्टर आरकेएस धाकड़ ने उनसे नौकरी करने का आधार पूछा. पकड़े गए युवक उन्हें एक नियुक्ति पत्र की फोटो कॉपी ही दिखा सके. जो अस्पताल प्रबंधन ने कभी जारी नहीं की थी. मामले की गंभीरता देखते हुए दोनों युवकों को कंपू थाना पुलिस के हवाले कर दिया है. पुलिस दोनों ही युवकों से पूछताछ कर रही है.
सैलरी नहीं मिली तो उठा पर्दा
दरअसल अस्पताल के अधीक्षक को शिकायत मिली थी कि दो युवक पिछले 3 महीने से यहां नौकरी कर रहे हैं. उनके पास कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं है. अस्पताल में अधिकांश स्टाफ आउट सोर्स के रूप में कार्य करता है. इसलिए शुरुआत में किसी ने इन युवकों पर ध्यान नहीं दिया, बाद में युवकों द्वारा अपनी सैलरी नहीं मिलने की बात दूसरे स्टाफ से कही गई. तब मामला अधीक्षक तक पहुंचा.
किसानों के खातों से रुपए उड़ाने वाले बैंक मैनेजर ने किया सरेंडर
अन्नू लोधी नाम के युवक का नाम आया सामने
अधीक्षक ने शुक्रवार को निरीक्षण के दौरान युवकों को खंगाला तो हकीकत सामने आई. उनके पास नियुक्ति पत्र के आधार पर सिर्फ एक फोटो कॉपी पत्र था. जिस पर कोई वैधानिक सील आदि भी नहीं लगे थे. अस्पताल के स्टाफ द्वारा इन युवकों को रोका गया और कंपू पुलिस को मामले की सूचना दी गई. पकड़े गए युवकों के नाम मोहित कुलश्रेष्ठ और अजीत राजपूत बताए गए हैं. जांच में पता चला है कि अजीत राजपूत मूल रुप से राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला है. इसके साथ ही इन दो युवकों से यह भी पता चला है कि अन्नू लोधी नामक किसी व्यक्ति ने इनसे साठ-साठ हजार रुपए लेकर उन्हें नियुक्त पत्र थमाया था. फिलहाल मामले की जांच कंपू पुलिस कर रही है.