ग्वालियर। शिवपुरी और दतिया के बाद ग्वालियर जिले के डबरा तहसील के गेडोल कला गांव में एक साथ दो मोरों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत के बाद आशंका जताई गई है कि प्रदेश में तेजी से फैल रहे बर्ड फ्लू के कारण इनकी मौत हुई है.
दरअसल जिला मुख्यालय से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर डबरा तहसील के वार्ड नंबर 9 के तहत आने वाले गेडोल कला गांव में ग्रामीणों ने खेतों में दो मोरों के शव मिलने के बाद वन विभाग को सूचना दी थी. इस सूचना के बाद वन विभाग के लोग वहां पहुंचे और मोर को अपने कब्जे में लेकर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भिजवाए.
खास बात यह है कि इससे पहले कई पक्षी शिवपुरी और दतिया में बर्ड फ्लू के कारण मर चुके हैं, उनमें बर्ड फ्लू के वायरस की पुष्टी भी हो चुकी है. लेकिन ग्वालियर में राष्ट्रीय पक्षी मोर के मरने का यह पहला मामला है. वन विभाग के अफसरों का कहना है कि अधिक जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मिल सकेगी.
मौरों की मौत से सनसनी
गेडोल गांव में गेहूं के खेत में दो मृत मोरों के मिलने से आसपास के ग्रामीणों में सनसनी फैल गई. फिलहाल पर विभाग के अधिकारियों की मानें तो उनका कहना है की बर्ड फ्लू नामक बीमारी के कारण शायद इन मोरों की मौत हुई है. हालांकि इसकी पुष्टी नहीं हुई है, जो जांच के बाद सामने आएगा. वहीं नगर पालिका प्रशासन और एसडीएम को सूचना के बाद भी आला अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे, जिस कारण वन विभाग के अधिकारी इन मृत मोरों को अपने साथ ले गए. उनका कहना था कि मोर एक राष्ट्रीय पक्षी है जिसके चलते हैं पूरे विधि-विधान और सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
गौरतलब है कि देश के विभिन्न भागों में सैकड़ों पक्षियों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं, केंद्र सरकार ने कहा कि अब तक 10 राज्यों में बर्ड फ्लू प्रकोप की पुष्टि हो चुकी है. सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए तमाम कदम उठाने के बीच राज्यों से मुर्गा मंडियों को बंद नहीं करने अथवा कुक्कुट उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधित नहीं करने को भी कहा क्योंकि मानव में बर्ड फ्लू संचरण की कोई वैज्ञानिक रिपोर्ट सामने नहीं आई है.
मध्यप्रदेश में बर्ड फ्लू का कहर जारी
मध्यप्रदेश में बर्ड फ्लू का दायरा तेजी से बढ़ रहा है. वहीं 13 जिलों में कौआ की मौत की वजह बर्ड फ्लू पाई गई है.