ग्वालियर। लश्कर के अचलेश्वर मंदिर में जिलेवासियों की खासी आस्था है. सुबह हो या शाम यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रहती है. तीज-त्योहार और बड़े पर्वों पर तो भक्तों की संख्या लाखों में पहुंच जाती है. ग्वालियर ही नहीं, आस-पास के जिलों से भी लोग यहां भगवान शंकर के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. वे अपने सामर्थ्य के हिसाब से यहां भरपूर दान चढ़ाते हैं. इस राशि से ही मंदिर की व्यवस्थाएं की जाती हैं. हाल ही में मंदिर का जीर्णोद्वार कर इसे भव्य रूप दिया गया है.
सड़क पर विराजे हैं अचलेश्वर महादेव, मूर्ति को हाथियों से हटाने की हुई थी कोशिश
विशेष टीम बनाई गई : अचलेश्वर महादेव मंदिर को मिले दान की गिनती का काम बुधवार को शुरू किया गया. इसके लिए अनुभागीय अधिकारी ने विशेष टीम का गठन किया है. इस टीम में प्रशासन, पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी शामिल हैं. सुबह करीब साढे़ 10 बजे एक कुंडीय समेत 11 दान पेटियां खोली गईं और इनमें से निकली रकम की गिनती शुरू की गई. काउंटिंग के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं. दान राशि अधिक होने के चलते नोटों की गिनती के लिए मशीन भी लगाई गई थी.
कोरोना काल में घटी मंदिरों की इनकम, फंड पर चल रहा काम
मशीन खराब होने से रुका काम : पहले दिन दान पेटियों से निकले 11 लाख 60 हजार 600 रुपए गिने जा चुके थे. इसी बीच नोट गिनने वाली मशीन में तकनीकी खराबी आने के चलते गिनती रोक दी गई. गिनी जा चुकी राशि को बैंक में जमा करा दिया गया. शेष राशि वापस दान पेटियों में विधिवत ढंग से सील्ड कर दी गई. अब आगे की गिनती गुरुवार को की जाएगी. गिनती का काम देख रहीं तहसीलदार शुभ्रता त्रिपाठी ने बताया कि दान राशि का हिसाब रखने के लिए पंजाब नेशनल बैंक में ज्वॉइंट अकाउंट खुलवाया गया है. यह मंदिर के अकाउंट ऑफिसर और माफी अधिकारी के नाम पर है. इसमें जमा राशि से ही मंदिर की देख-रेख की जाती है.