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चुनाव के लिए वाहनों के अधिग्रहण में आ रही है परेशानी, सहयोग नहीं करने वाले वाहन मलिकों पर होगी कार्रवाई: आरटीओ

ग्वालियर में वाहनों के अधिग्रहण के मामले में पेंच फंसता दिख रहा है. वाहन मालिक बहाने बनाकर इससे बचने का प्रयास कर रहे हैं. जिससे वाहनों की अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रभावित हुई है.

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Published : May 9, 2019, 12:21 AM IST

ग्वालियर। लोकसभा चुनाव में उपयोग होने वाले वाहनों के अधिग्रहण के मामले में पेंच फंसता दिख रहा है. सभी वाहन मालिकों को तय समय के मुताबिक अपने वाहन एमएलबी कॉलेज परिसर में खड़े करने थे लेकिन अब वाहन मालिक बहाने बनाकर इससे बचने का प्रयास कर रहे हैं. जिससे वाहनों की अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रभावित हुई है.

बसों के अधिग्रहण का मामला

ग्वालियर आरटीओ एमपी सिंह ने बताया कि आरटीओ विभाग गाड़ियों के अधिग्रहण के लिए पिछले 15 दिनों से काम कर रहे है. विभाग को करीबी साढ़े 800 गाड़ियों की आवश्यकता है. जिसमें से 450 गाड़ी ग्वालियर के चुनाव के लिए चाहिए. लेकिन कुछ ऑपरेटरों ने बताया कि अभी कॉलेज में एग्जाम चल रहे हैं. उन्होंने नियम का हवाला देते हुए कहा कि यदि प्रशासन ने आपके वाहन को अधिग्रहण कर लिया है तो चुनाव में आपको वाहन देना ही पड़ेगा.

आरटीओ सिंह ने बताया कि इस बार चुनाव आयोग ने कहा है कि सभी वाहनों में जीपीएस लगना अनिवार्य है. इसी से वाहन की ट्रैकिंग की जाएगी कि गाड़ी चुनाव कार्य के आलावा कहा जा रही है. जिसकी पूरी मॉनिटिरिंग पूरे प्रदेश में होना है.

दरअसल 12 मई को ग्वालियर में मतदान होना है जिसके चलते 10 मई को सभी पोलिंग पार्टियों को चुनाव सामग्री का वितरण भी प्रारंभ हो जाएगा. ऐसे में वाहन मालिकों के ढुलमुल रवैया के चलते जिला प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है. बस ऑपरेटर बहाने बनाकर बसों की अधिग्रहण प्रक्रिया से बचना चाह रहे हैं लेकिन ग्वालियर आईटीओ ने सभी वाहन मालिकों को नोटिस जारी कर कहा है जिसमें कहा गया है कि प्रशासन को सहयोग नहीं करने वाले वाहनों के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएंगी.

ग्वालियर। लोकसभा चुनाव में उपयोग होने वाले वाहनों के अधिग्रहण के मामले में पेंच फंसता दिख रहा है. सभी वाहन मालिकों को तय समय के मुताबिक अपने वाहन एमएलबी कॉलेज परिसर में खड़े करने थे लेकिन अब वाहन मालिक बहाने बनाकर इससे बचने का प्रयास कर रहे हैं. जिससे वाहनों की अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रभावित हुई है.

बसों के अधिग्रहण का मामला

ग्वालियर आरटीओ एमपी सिंह ने बताया कि आरटीओ विभाग गाड़ियों के अधिग्रहण के लिए पिछले 15 दिनों से काम कर रहे है. विभाग को करीबी साढ़े 800 गाड़ियों की आवश्यकता है. जिसमें से 450 गाड़ी ग्वालियर के चुनाव के लिए चाहिए. लेकिन कुछ ऑपरेटरों ने बताया कि अभी कॉलेज में एग्जाम चल रहे हैं. उन्होंने नियम का हवाला देते हुए कहा कि यदि प्रशासन ने आपके वाहन को अधिग्रहण कर लिया है तो चुनाव में आपको वाहन देना ही पड़ेगा.

आरटीओ सिंह ने बताया कि इस बार चुनाव आयोग ने कहा है कि सभी वाहनों में जीपीएस लगना अनिवार्य है. इसी से वाहन की ट्रैकिंग की जाएगी कि गाड़ी चुनाव कार्य के आलावा कहा जा रही है. जिसकी पूरी मॉनिटिरिंग पूरे प्रदेश में होना है.

दरअसल 12 मई को ग्वालियर में मतदान होना है जिसके चलते 10 मई को सभी पोलिंग पार्टियों को चुनाव सामग्री का वितरण भी प्रारंभ हो जाएगा. ऐसे में वाहन मालिकों के ढुलमुल रवैया के चलते जिला प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है. बस ऑपरेटर बहाने बनाकर बसों की अधिग्रहण प्रक्रिया से बचना चाह रहे हैं लेकिन ग्वालियर आईटीओ ने सभी वाहन मालिकों को नोटिस जारी कर कहा है जिसमें कहा गया है कि प्रशासन को सहयोग नहीं करने वाले वाहनों के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएंगी.

Intro:एंकर-- ग्वालियर में लोकसभा चुनाव के लिए जिला प्रशासन को वाहनों की आवश्यकता है जिसके चलते वाहनों के अधिग्रहण का आदेश पहले ही जारी कर दिया गया था आज की तारीख में सभी को वाहन एमएलबी मैदान में खड़ा करना था लेकिन वाहन मालिक बहाने बनाकर बचने का प्रयास कर रहे हैं जिसके चलते समय सीमा के अंदर वाहनों की अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है क्योंकि सभी वाहनों को जीपीएस लेस करना है जिस की प्रक्रिया में भी समय लगता है Body:विओ-1 दरअसल 12 मई को मतदान होना है जिसके चलते 10 मई को सभी पोलिंग पार्टियों को चुनाव सामग्री का वितरण भी प्रारंभ होगा ऐसे में वाहन मालिकों की लापरवाही के चलते जिला प्रशासन की चुनावी व्यवस्था में खलल आ रही है। इस गैर जिम्मेदाराना और लापरवाही पूर्ण रवैया पर आरटीओ ग्वालियर द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है यदि आज सभी वाहन मालिक जिनके वाहन अधिकृत किए गए हैं वह एमएलबी कॉलेज स्थित मैदान में बसों को नहीं पहुंचाते हैं तो ऐसे में 9 मई से सभी बसों के सड़क पर परिवहन बिना परमिट का माना जाएगा जिसके चलते अवैध संचालन मानते हुए बस को जप्त कर बस मालिक के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा के तहत एफ आई आर भी दर्ज की जाएगी। Conclusion:विओ-2 आपको बता दें कि परिवहन विभाग को ग्वालियर जिले के लिए 450 दतिया के जिले 50 शिवपुरी के लिए शो सुपर के लिए 80 एवं भिंड के लिए 80 वाहनों की व्यवस्था करना है जिन वाहनों का अधिकरण होना है उसमें करीब 600 स्कूली वाहन है जबकि 250 प्राइवेट बसों की जरूरत है स्कूल बस ऑपरेटरों का तर्क है कि छुट्टियां होने के कारण ड्राइवर अपने घर शादी में चले गए हैं अधिकांश लोगों के जब यही तर काय तो विभाग को समझ आ गया कि बस ऑपरेटर बहाने बनाकर बसों की अधिग्रहण प्रक्रिया से बचना चाह रहे हैं जिसके बाद ग्वालियर आईटीओ द्वारा नोटिस जारी करते हुए ऐसे वाहन मालिकों पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा के तहत एफ आई आर दर्ज किए जाने की बात कही गई है।




बाइट--एम पी सिंह--आरटीओ, ग्वालियर
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