ग्वालियर। लोकसभा चुनाव में उपयोग होने वाले वाहनों के अधिग्रहण के मामले में पेंच फंसता दिख रहा है. सभी वाहन मालिकों को तय समय के मुताबिक अपने वाहन एमएलबी कॉलेज परिसर में खड़े करने थे लेकिन अब वाहन मालिक बहाने बनाकर इससे बचने का प्रयास कर रहे हैं. जिससे वाहनों की अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रभावित हुई है.
ग्वालियर आरटीओ एमपी सिंह ने बताया कि आरटीओ विभाग गाड़ियों के अधिग्रहण के लिए पिछले 15 दिनों से काम कर रहे है. विभाग को करीबी साढ़े 800 गाड़ियों की आवश्यकता है. जिसमें से 450 गाड़ी ग्वालियर के चुनाव के लिए चाहिए. लेकिन कुछ ऑपरेटरों ने बताया कि अभी कॉलेज में एग्जाम चल रहे हैं. उन्होंने नियम का हवाला देते हुए कहा कि यदि प्रशासन ने आपके वाहन को अधिग्रहण कर लिया है तो चुनाव में आपको वाहन देना ही पड़ेगा.
आरटीओ सिंह ने बताया कि इस बार चुनाव आयोग ने कहा है कि सभी वाहनों में जीपीएस लगना अनिवार्य है. इसी से वाहन की ट्रैकिंग की जाएगी कि गाड़ी चुनाव कार्य के आलावा कहा जा रही है. जिसकी पूरी मॉनिटिरिंग पूरे प्रदेश में होना है.
दरअसल 12 मई को ग्वालियर में मतदान होना है जिसके चलते 10 मई को सभी पोलिंग पार्टियों को चुनाव सामग्री का वितरण भी प्रारंभ हो जाएगा. ऐसे में वाहन मालिकों के ढुलमुल रवैया के चलते जिला प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है. बस ऑपरेटर बहाने बनाकर बसों की अधिग्रहण प्रक्रिया से बचना चाह रहे हैं लेकिन ग्वालियर आईटीओ ने सभी वाहन मालिकों को नोटिस जारी कर कहा है जिसमें कहा गया है कि प्रशासन को सहयोग नहीं करने वाले वाहनों के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएंगी.