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औसत से कम बारिश, फिर भी खोलने पड़े तिघरा बांध के तीन गेट - तिघरा बांध

ग्वालियर में इस बार औसत से भी कम बारिश हुई है, लेकिर शहर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले तिघरा बांध के तीन गेट खोल दिए गए हैं. खास बात ये है कि बांध से छोड़ा गया पानी बर्बाद नहीं होगा, बल्कि इसे मुरैना के पिलुआ डैम में रोक लिया जाएगा.

तिघरा बांध के तीन गेट खुले
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Published : Sep 22, 2019, 7:55 PM IST

ग्वालियर। शहर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले तिघरा बांध के तीन गेट को रविवार की दोपहर दो घंटे के लिए खोले गए और करीब से 2 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. बांध की कुल क्षमता 738.10 फीट है, शनिवार को बांध का जलस्तर 738.25 फीट हो गया था, जिसके बाद जल संसाधन विभाग की सलाह पर जिला प्रशासन ने गेट खोलने का निर्णय लिया.

तिघरा बांध के तीन गेट खुले

बांध की वास्तविक क्षमता 740 फीट है, लेकिन पुराना होने के कारण इसे कम भरा जाता है. जिले में अभी बारिश औसत से भी कम है पर मानसून के कुछ दिन बाकी हैं, ऐसे में बांध को लेवल में लाने के लिए तीन गेट दो घंटे के लिए खोले गए.

खास बात ये है कि निकाले गए पानी की बर्बादी नहीं होगी बल्कि उसे मुरैना जिले स्थित पिलुआ बांध को भरा जाएगा. तिघरा बांध करीब सवा सौ साल पुराना है. इसे तत्कालीन सिंधिया शासकों ने उस समय अधिकतम 36 हजार की आबादी के लिए बनवाया था जो अभी करीब 18 लाख लोगों की प्यास बुझा रहा है.

ग्वालियर। शहर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले तिघरा बांध के तीन गेट को रविवार की दोपहर दो घंटे के लिए खोले गए और करीब से 2 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. बांध की कुल क्षमता 738.10 फीट है, शनिवार को बांध का जलस्तर 738.25 फीट हो गया था, जिसके बाद जल संसाधन विभाग की सलाह पर जिला प्रशासन ने गेट खोलने का निर्णय लिया.

तिघरा बांध के तीन गेट खुले

बांध की वास्तविक क्षमता 740 फीट है, लेकिन पुराना होने के कारण इसे कम भरा जाता है. जिले में अभी बारिश औसत से भी कम है पर मानसून के कुछ दिन बाकी हैं, ऐसे में बांध को लेवल में लाने के लिए तीन गेट दो घंटे के लिए खोले गए.

खास बात ये है कि निकाले गए पानी की बर्बादी नहीं होगी बल्कि उसे मुरैना जिले स्थित पिलुआ बांध को भरा जाएगा. तिघरा बांध करीब सवा सौ साल पुराना है. इसे तत्कालीन सिंधिया शासकों ने उस समय अधिकतम 36 हजार की आबादी के लिए बनवाया था जो अभी करीब 18 लाख लोगों की प्यास बुझा रहा है.

Intro:ग्वालियर
शहर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले तिघरा बांध के तीन गेटों को रविवार की दोपहर खोला गया। दरअसल तिघरा बांध का फुल टैंक लेवल 738. 10 है जो शनिवार की रात को 738. 25 हो गया था ।इसलिए जल संसाधन विभाग की सलाह पर जिला प्रशासन ने उसके तीन गेटों को खोलने का फैसला किया था।Body:तिघरा बांध करीब सवा सौ साल पुराना है इसे तत्कालीन सिंधिया शासकों ने उस समय अधिकतम 36 हजार की आबादी को ध्यान में रखकर इसका निर्माण कराया था। जो वर्तमान में करीब 18 लाख लोगों की प्यास बुझा रहा है। वैसे तिघरा बांध का फुल टैंक लेवल 740 फुट था लेकिन बांध के पुराने होने के कारण इसे अब 738. 10 तक भरा जाता है पिछले 2 दिनों से ककेटो से छोड़े गए पानी के कारण इसका लेवल बढ़ गया था शनिवार लेवल 738 .25 हो गया था जल संसाधन विभाग ने जिला प्रशासन को ऊपर जमी हुई गंदगी निकालने और लेवल को 738. 10 पर मेंटेन करने के लिए निवेदन किया था।Conclusion:जिला प्रशासन का कहना है कि पुराना होने के कारण बांध को कुछ कम भरा जाता है क्योंकि मानसून के अभी कुछ दिन बाकी है इसलिए पानी के लेवल में लाने के लिए इसके तीन गेट 2 घंटे के लिए खोले गए जिसमें से 2000 क्यूसेक पानी निकाला गया। खास बात यह है कि निकाले गए पानी की बर्बादी नहीं होगी बल्कि उसके पानी से मुरैना जिले में स्थित पिलुआ बांध को भरा जाएगा तिघरा बांध से छोड़े गए पानी सबसे पहले साथ नदी में पहुंचेगा और सांस नदी से सीधा पिलुआ डैम में जाएगा।
बाइट अनुराग चौधरी कलेक्टर ग्वालियर
बाइट राजेश चतुर्वेदी कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग ग्वालियर
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