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कम बारिश ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत, पूर्व मंत्री ने पानी लिफ्ट कराने की उठाई मांग

ग्वालियर- चंबल अंचल में कम बारिश के चलते किसानों को धान की फसल बर्बाद होने की चिंता सता रही है. किसानों की समस्या को देखते हुए पूर्व मंत्री लाखन सिंह ने पानी लिफ्ट कराने की मांग उठाई है.

paddy crop
धान की फसल
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Published : Aug 18, 2020, 2:06 PM IST

Updated : Aug 18, 2020, 2:32 PM IST

ग्वालियर। जिले में अब तक अच्छी बारिश नहीं होने की वजह से धान उत्पादक किसानों की परेशानी बढ़ गई है. किसानों को चिंता सता रही हैं कि, अगर जिले में अच्छी बारिश नहीं हुई तो, उनकी फसल बर्बाद हो जाएगी. वहीं पूर्व मंत्री और भितरवार विधानसभा क्षेत्र से विधायक लाखन सिंह यादव ने मड़ीखेड़ा डैम से हरसी में पानी लिफ्ट कराने की मांग की है, ताकि किसानों की बर्बाद होती धान की फसल को बचाया जा सके.

इस बारे में ग्वालियर सांसद का कहना है कि, यह बात सही हैं कि पिछले दो-तीन साल से बारिश की कमी के चलते धान उत्पादक किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उम्मीद है कि, समय रहते बारिश हो जाएगी और किसान अपनी फसल का पूरा फायदा ले पाएंगे, अगर ऐसा नहीं हुआ तो, मणिखेड़ा डैम या अन्य जगहों से पानी लिफ्ट कराने की योजना पर विचार किया जाएगा.

धान की फसल

दरअसल, धान की रोपाई के लिए उन्हें हरसी नहर और तिगरा के कैचमेंट एरिया से पानी मिल रहा था और उन्हें उम्मीद थी कि, आने वाले समय में ग्वालियर में बारिश अच्छी होगी, तो आगे की पानी की व्यवस्था भी हो जाएगी, लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हुआ है. अगर जल्द बारिश नहीं हुई, तो धान किसानों की फसल बर्बाद हो जाएगी और लागत तक निकालना मुश्किल हो जाएगा.

ग्वालियर में कुल 95,000 हेक्टेयर जमीन पर धान की खेती की जाती है. खासकर डबरा और भितरवार ब्लॉक में बड़ी संख्या में किसान धान की पैदावार करते हैं. इस इलाके में उगने वाला चावल न केवल भारत बल्कि अन्य देशों में भी सप्लाई किया जाता है.

ग्वालियर। जिले में अब तक अच्छी बारिश नहीं होने की वजह से धान उत्पादक किसानों की परेशानी बढ़ गई है. किसानों को चिंता सता रही हैं कि, अगर जिले में अच्छी बारिश नहीं हुई तो, उनकी फसल बर्बाद हो जाएगी. वहीं पूर्व मंत्री और भितरवार विधानसभा क्षेत्र से विधायक लाखन सिंह यादव ने मड़ीखेड़ा डैम से हरसी में पानी लिफ्ट कराने की मांग की है, ताकि किसानों की बर्बाद होती धान की फसल को बचाया जा सके.

इस बारे में ग्वालियर सांसद का कहना है कि, यह बात सही हैं कि पिछले दो-तीन साल से बारिश की कमी के चलते धान उत्पादक किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उम्मीद है कि, समय रहते बारिश हो जाएगी और किसान अपनी फसल का पूरा फायदा ले पाएंगे, अगर ऐसा नहीं हुआ तो, मणिखेड़ा डैम या अन्य जगहों से पानी लिफ्ट कराने की योजना पर विचार किया जाएगा.

धान की फसल

दरअसल, धान की रोपाई के लिए उन्हें हरसी नहर और तिगरा के कैचमेंट एरिया से पानी मिल रहा था और उन्हें उम्मीद थी कि, आने वाले समय में ग्वालियर में बारिश अच्छी होगी, तो आगे की पानी की व्यवस्था भी हो जाएगी, लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हुआ है. अगर जल्द बारिश नहीं हुई, तो धान किसानों की फसल बर्बाद हो जाएगी और लागत तक निकालना मुश्किल हो जाएगा.

ग्वालियर में कुल 95,000 हेक्टेयर जमीन पर धान की खेती की जाती है. खासकर डबरा और भितरवार ब्लॉक में बड़ी संख्या में किसान धान की पैदावार करते हैं. इस इलाके में उगने वाला चावल न केवल भारत बल्कि अन्य देशों में भी सप्लाई किया जाता है.

Last Updated : Aug 18, 2020, 2:32 PM IST
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